भोपाल । मध्य प्रदेश सहित देशभर में डाक्टरों को हर पांच वर्ष में पंजीयन नवीनीकरण कराना होगा। भारत सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। मप्र मेडिकल काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के आदेश जारी होने के बाद प्रदेश में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। अभी सिर्फ एक बार पंजीयन का नियम है। देशभर में एक जैसी व्यवस्था करने के उद्देश्य से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर पांच या 10 वर्ष में नवीनीकरण की व्यवस्था की है।

मध्य प्रदेश में भी लगभग पांच वर्ष से नवीनीकरण की व्यवस्था शुरू करने के प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन डाक्टरों के संगठन इसका विरोध कर रहे थे। इसके विकल्प के तौर पर मप्र मेडिकल काउंसिल ने सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की। इसमें भी डाक्टर सहयोग नहीं कर रहे थे।

इसके बाद काउंसिल ने निर्देश जारी कर पंजीयन निरस्‍त करने की चेतावनी दी। इससे सत्यापन कराने वालों में तेजी आई। स्थिति यह है कि अब तक 25 हजार डाक्टरों के सत्यापन हो चुके हैं। प्रदेश में निजी और सरकारी मिलाकर डाक्टरों की यही वास्तविक संख्या है।