एक देश एक चुनाव पर बनी कमेटी में शामिल हैं चार गैर-राजनीतिक चेहरे !

एक देश एक चुनाव पर बनी कमेटी में शामिल हैं चार गैर-राजनीतिक चेहरे, जानें इनके बारे में सबकुछ
HLC: शनिवार को एक देश एक चुनाव पर केंद्र सरकार ने आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया। इस समिति का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। साथ ही इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी सदस्य के रूप में होंगे।

एक देश एक चुनाव पर बहस के बीच, केंद्र सरकार ने आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति इस विषय पर अपना सुझाव देगी और फिर इस पर चर्चा की जाएगी। उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपी गई है। आइये जानते हैं समिति में किन चेहरों को शामिल किया गया है और क्यों?

केंद्र सरकार ने शनिवार (2 सितंबर) को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की जांच के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया. पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द (Ram Nath Kovind) को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य हैं. 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. आपको बताते हैं समिति के सभी सदस्यों के बारे में.

राम नाथ कोविन्द हैं समिति के अध्यक्ष 

राम नाथ कोविन्द (77) साल 2017 से 2022 तक देशत के राष्ट्रपति रह चुके हैं. वे राष्ट्रपति के पद पर पहुंचने वाले उत्तर प्रदेश के पहले व्यक्ति रहे. उन्होंने 2015 से 2017 तक बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया. साथ ही 1994 से 2006 तक राज्यसभा के सदस्य रहे हैं. राजनीति में आने से पहले, वह 16 वर्षों तक वकील थे और 1993 तक दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अभ्यास किया. 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह (58) केंद्रीय गृह मंत्री हैं. इसके पहले वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष, गुजरात के गृहमंत्री भी रह चुके हैं. वे 2019 के लोकसभा चुनाव में गुजरात की गांधी नगर सीट से सांसद चुने गए थे.

इसके पहले वे राज्यसभा के सदस्य थे. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने का बड़ा फैसला लिया था. उन्होंने 2014 से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है.

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी

अधीर रंजन चौधरी (67) लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं. वे 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की बरहामपुर सीट से जीतकर आए थे. वह पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष भी हैं.

अधीर रंजन चौधरी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी में हैं. 2012 में उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रालय में रेल राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. जून 2019 में, उन्हें लोकसभा में कांग्रेस नेता के रूप में चुना गया था.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद (74) जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. वे 2014 और 2021 के बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं. उन्होंने 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. वे मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम से अपनी पार्टी बनाई थी. उन्हें 2022 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 

वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह

नंद किशोर सिंह (82) राजनेता, अर्थशास्त्री और पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. वह राज्यसभा (2008-2014) के सदस्य रहे हैं. 2014 में जनता दल (यूनाइटेड) छोड़कर एनके सिंह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. 27 नवंबर 2017 को मोदी सरकार ने उन्हें भारत के पंद्रहवें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था. 

लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप

सुभाष कश्यप लोकसभा के पूर्व महासचिव हैं. उन्होंने 1984 से 1990 तक इस पद पर काम किया है. वह संविधान के कामकाज की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय आयोग के सदस्य और इसकी मसौदा और संपादकीय समिति के अध्यक्ष भी थे. उन्हें सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में पद्म भूषण पुरस्कार भी मिल चुका है.  

सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे

हरीश साल्वे (68) वरिष्ठ वकील हैं जो सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. उन्होंने 1999 से 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में कुलभूषण जाधव का केस भी लड़ा. जनवरी 2020 में उन्हें इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों में क्वीन काउंसल के रूप में नियुक्त किया गया था.

पूर्व सीवीसी संजय कोठारी

संजय कोठारी 1978 के हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वे चीफ विजिलेंस कमीश्नर भी रहे हैं. इसके अलावा नवंबर 2016 में, उन्हें सरकार के प्रमुख-सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था. 

केंद्र ने अधिसूचना में क्या कहा?

केंद्र सरकार ने अधिसूचना में कहा है कि एक साथ चुनाव कराने की संभावना की पड़ताल के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति तुरंत काम शुरू करेगी और जल्द से जल्द सिफारिशें देगी. सरकार एक साथ चुनाव कराने को लेकर गठित ये समिति इस बात का अध्ययन करेगी कि क्या संविधान में संशोधन के लिए राज्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी. 

पहले जानते हैं सरकार का फैसला क्या है?
शनिवार को एक देश एक चुनाव पर केंद्र सरकार ने आठ सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। कानून मंत्रालय ने इसे लेकर एक अधिसूचना भी जारी की। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय हित में देश में एक साथ चुनाव कराना वांछनीय है। ऐसे में भारत सरकार एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे की जांच करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करती है। कानून मंत्रालय के मुताबिक, इस समिति का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। साथ ही इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष सी कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी सदस्य के रूप में होंगे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आमंत्रित अतिथि के रूप में बैठक में हिस्सा लेंगे। कानूनी मामलों के विभाग के सचिव नितेन चन्द्र उच्च स्तरीय समिति के सचिव के रूप में जिम्मेदारी निभाएंगे। 

अब जानते हैं गैर सियासी चेहरों के बारे में
डॉ. सुभाष सी. कश्यप
1929 में जन्मे डॉ. सुभाष सी. कश्यप सातवीं, आठवीं और नवमीं लोकसभा में लोकसभा सचिवालय के महासचिव रह चुके हैं। ये जिम्मेदारियां उन्होंने 1984 से 1990 के बीच संभाली थीं। वह देश के जाने-माने राजनैतिक विज्ञानी और संविधान विशेषज्ञ हैं। डॉ. कश्यप की संवैधानिक कानून विशेषज्ञ और प्रख्यात विद्वान के रूप में पहचान है।
उन्होंने 1983 तक जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दस्तावेजीकरण केंद्र, आईपीयू का भी नेतृत्व किया। वह पंचायती राज कानूनों और संस्थानों पर भारत सरकार के मानद संवैधानिक सलाहकार थे। डॉ. कश्यप संविधान के कामकाज की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय आयोग के सदस्य और इसकी मसौदा और संपादकीय समिति के अध्यक्ष भी थे।

एनके सिंह: एनके सिंह का पूरा नाम नंद किशोर सिंह है। एनके सिंह एक अर्थशास्त्री और पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। वह 2008 से 2014 तक बिहार से राज्यसभा सांसद रहे। सिंह योजना आयोग के सदस्य रहे हैं और केंद्रीय व्यय और राजस्व विभाग में सचिव का कार्यभार भी संभाला है। वह प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के विशेष कर्तव्य अधिकारी भी रह चुके हैं। नवंबर 2017 को मोदी सरकार ने उन्हें भारत के पंद्रहवें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया।
हरीश साल्वे: हरीश साल्वे देश के जाने-माने वरिष्ठ वकील हैं। फिलहाल वह सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने1999 से  2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में कुलभूषण जाधव का मामला भी लड़ा। जनवरी 2020 को उन्हें इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों के लिए महारानी के वकील के रूप में नियुक्त किया गया था।
संजय कोठारी: संजय कोठारी केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के आयुक्त के तौर पर काम कर चुके हैं। हरियाणा कैडर के 1978 बैच के आईएएस अधिकारी कोठारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव पद से जून 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें नवंबर 2016 में लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) का प्रमुख नियुक्त किया गया था। कोठारी को जुलाई 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सचिव पद पर नामित किया गया था। 2019 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान सभी मंत्रियों को शपथ के लिए आमंत्रित करने वाले अधिकारी संजय कोठारी ही थे। 

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