पूर्व कलेक्टर समेत 7 अफसरों को 4 साल की सजा !
पूर्व कलेक्टर समेत 7 अफसरों को 4 साल की सजा ,,,
झाबुआ के प्रिंटिंग घोटाले में कोर्ट का फैसला; कमीशनखोरी की पोल खुलने लगी
झाबुआ के प्रिंटिंग घोटाला मामले में तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा और तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जगमोहन धुर्वे समेत 7 लोगों को 4-4 साल की सजा सुनाई गई है।विशेष न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), झाबुआ ने शनिवार को फैसला सुनाया है। इस मामले में लोकायुक्त ने कुल 9 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था। जिसमें से कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
न्यायालय के फैसले के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट कर राज्य सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने लिखा- भाजपा के कार्यकाल में हुई कमीशनखोरी की पोल खुलने लगी है। भाजपा की 50 फीसदी कमीशनखोर सरकार से प्रदेश की जनता को मुक्ति दिलाएंगे।
इन्हें सुनाई गई सजा
- जगदीश शर्मा, तत्कालीन कलेक्टर, जिला झाबुआ
- जगमोहन सिंह धुर्वे, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ
- नाथु सिंह तंवर, परियोजना अधिकारी (तकनीकी), राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ
- अमित दुबे, तत्कालीन जिला समन्वयक
- सदाशिव डाबर, तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ
- आशीष कदम, तत्कालीन लेखाधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ
- मुकेश शर्मा, संचालक, राहुल प्रिंटर्स, भोपाल
इन्हें किया बरी
- ए.के. खंडूरी, उप नियत्रंक, शासकीय मुद्रक एवं लेखन सामग्री, भोपाल
- देवदत्त, उप-नियंत्रक, शासकीय मुद्रण एवं लेखन सामग्री भोपाल
ये है पूरा मामला
साल 2010 में जब जगदीश शर्मा झाबुआ कलेक्टर थे। तब मनरेगा के तहत स्वच्छता अभियान के पोस्टर सहित अन्य सामग्रियों की छपाई कराई गई थी। जिला प्रशासन ने ये काम गवर्मेंट प्रेस की जगह भोपाल की फर्म राहुल प्रिंटर्स से कराया था। ये काम कुल 33.54 लाख रुपए में कराया गया। जबकि यही काम गवर्मेंट प्रेस से कराया जाता तो मात्र 5,83,891 रुपए में हो जाता। शासन को इसमें 27 लाख 70 हजार 725 रुपए का नुकसान पहुंचाया गया।
लोकायुक्त ने की थी जांच
मामला उजागर होने के बाद इसकी शिकायत हुई और विशेष न्यायालय में परिवाद दायर किया गया। पूरा मामला जांच के लिए इंदौर लोकायुक्त को भेजा गया था। जांच में पुष्टि होने पर लोकायुक्त पुलिस ने झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया था।