री दुनिया की जासूसी करने वाले इस्राइल को हमास अटैक का ही पता नहीं चला !

पूरी दुनिया की जासूसी करने वाले इस्राइल को हमास अटैक का ही पता नहीं चला, आखिर कैसे?

Pegasus (पेगासस) स्पाइवेयर का नाम तो आपने सुना ही होगा। यदि आपने नहीं सुना है तो आपको बता दें कि Pegasus दुनिया का सबसे खतरनाक स्पाइवेयर है। Pegasus के जरिए किसी भी डिवाइस और किसी भी शख्स की जासूसी हो सकती है और उसे भनक तक नहीं लगेगी। Pegasuके जरिए दुनिया के कई बड़े पत्रकारों, नेताओं और अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस तक को शिकार बनाया गया है। Pegasus को लेकर भारत में काफी बवाल हुआ है और विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर पेगासस के जरिए जासूसी और फोन टैपिंग के आरोप भी लगाए।

अब आप सोच रहे हैं कि इस्राइल और हमास के आतंकियों के बीच चल रहे इस युद्ध से Pegasus का क्या संबंध है। आपको यह सोचना लाजिमी है लेकिन आपके लिए यह जानना भी बेहद जरूरी है कि दुनिया के सबसे बड़े हैकिंग सॉफ्टवेयर Pegasus को इस्राइल ने ही तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर से जब पूरी दुनिया में किसी की भी जासूसी हो सकती है तो फिर इस्राइल को पड़ोस में हमास के आतंकियों की चल रही चाल के बारे में कैसे पता नहीं चला।
इस्राइली फलिस्तीन नागरिकों और हमास आतंकियों की होती है निगरानी
Pegasus को इस्राइल के साइबर सिक्योरिटी फर्म NSO ग्रुप ने तैयार किया है। पेगासस किसी भी एंड्रॉयड और iOS मोबाइल या डिवाइस को रिमोटली यानी दूर बैठे कंट्रोल कर सकता है। पिछले साल जनवरी में इस्राइली पुलिस द्वारा पेगासस के गैरकानूनी इस्तेमाल को लेकर रिपोर्टें सामने आई थीं। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल देश के नागरिकों और विदेशी नागरिकों दोनों पर निगरानी रखने के लिए किया गया था।
पुलिस पर इस स्पाइवेयर के जरिए उनलोगों की निगरानी करने का आरोप लगा है जो किसी आपराधिक गतिविधी में शामिल नहीं हैं। इस स्पाइवेयर के जरिए LGBTQ+ समुदाय की वकालत करने वाले वकीलों, सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के कर्मचारी, वरिष्ठ राजनेताओं के सहयोगी और पूर्व सरकारी कर्मी की भी जासूसी की गई। पेगासस के अलावा भी इस्राइल के पास जासूसी के लिए कई अच्छी टेक्नोलॉजी हैं फिर भी इस हमले के बारे में उसे कैसे जानकारी नहीं मिली।

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