MP में भाजपा-कांग्रेस के 11 उम्रदराज नेताओं का करियर खत्म !

MP में भाजपा-कांग्रेस के 11 उम्रदराज नेताओं का करियर खत्म
80 साल की महदेले के तेवर बरकरार, ज्यादातर समाजसेवा के मूड में

‘मैं तो अब फ्री हो गया हूं। राजनीति के साथ-साथ अब समाजसेवा भी करूंगा।’ टिकट काटे जाने के सवाल पर पूर्व मंत्री पारस जैन का ये जवाब है। पारस जैन 73 साल के हैं। उज्जैन उत्तर सीट से लगातार 6 बार विधायक रहे। इस बार पार्टी ने उनकी जगह 59 साल के अनिल कालूहेड़ा को टिकट दिया है। पारस जैन कहते हैं, संगठन ने जो फैसला लिया मैं उसके साथ हूं। समाज के बीच जो रहता है, उसका राजनीतिक करियर खत्म नहीं होता।

मध्य प्रदेश के चुनाव में इस बार बीजेपी-कांग्रेस ने 11 उम्रदराज नेताओं के टिकट काट दिए हैं, हालांकि ऐसे प्रत्याशियों को भी टिकट दिया है, जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है। पार्टियों का दावा है, जिन उम्रदराज नेताओं को टिकट मिला, उनका नाम सर्वे में मजबूत प्रत्याशी के तौर पर उभरा था।

कांग्रेस की बजाए इस बार बीजेपी ने ज्यादा टिकट काटे हैं। ये सभी लोग आखिरी समय तक टिकट की दावेदारी कर रहे थे। अब टिकट नहीं मिला तो ज्यादातर नेता चुनावी राजनीति को खत्म सा मान रहे हैं। इनमें अधिकतर विधानसभा चुनाव के प्रचार से भी दूर हैं। अब वे समाज सेवा के मूड में ज्यादा नजर आते हैं।

 उम्रदराज नेताओं से बात की। ये जाना कि आखिरकार वो अपना भविष्य कैसे देखते हैं? टिकट काटे जाने पर क्या सोचते हैं…

गोपीलाल जाटव (बीजेपी), उम्र- 75 साल

टिकट नहीं मिला तो क्या हुआ, राजनीति में सक्रिय रहूंगा
गुना सीट से पिछली बार बीजेपी के टिकट पर विधायक रह चुके गोपीलाल जाटव को इस बार टिकट नहीं मिला है। राजनीतिक करियर खत्म होने के सवाल पर बोले- भविष्य में संगठन जो तय करेगा वो करूंगा। पार्टी ने मुझे सात बार मौका दिया। 6 बार विधायक बना। इस बार टिकट नहीं मिला मगर राजनीति में सक्रिय रहूंगा और पार्टी के लिए काम करूंगा।

शरद जैन (बीजेपी), उम्र- 71 साल

जो संगठन कहेगा, वही करूंगा
मुझे पूरी उम्मीद थी कि पार्टी टिकट देगी। अब टिकट नहीं मिला तो जो संगठन कहेगा वो करूंगा। सियासी भविष्य के सवाल पर जबलपुर उत्तर से पिछला चुनाव हारे पूर्व मंत्री शरद जैन नपा तुला जवाब देते हैं। पिछला चुनाव वो महज 578 वोटों से हार गए थे।

रंजना बघेल (बीजेपी), उम्र- 55 वर्ष

अमित शाह ने मनाया तब मानी रंजना
मनावर सीट से पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री रंजना बघेल उम्रदराज नहीं है। पार्टी ने इसके बाद भी उनका टिकट काटा तो नाराज हो गईं। बघेल ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मनाया तो पर्चा वापस ले लिया। सियासी भविष्य के सवाल पर रंजना बघेल कहती हैं- पार्टी उनके भविष्य की चिंता करेगी। मैंने जो टीम तैयार की वो पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के लिए काम कर रही है। रंजना बघेल 2018 में मनावर सीट से चुनाव हार गई थीं।

देवीलाल धाकड़ (बीजेपी), उम्र- 70 वर्ष

विधायक बनने की इच्छा को पूरा कर लिया
देवीलाल धाकड़ 2018 में पहली बार विधायक चुने गए थे। इस बार टिकट काटने के सवाल पर बोले- मैं तो दावेदारी ही नहीं कर रहा था। मुझे एक बार विधायक बनने की इच्छा थी, वो पूरी हो गई। मैं संगठन का काम करने की इच्छा रखता हूं। संगठन जो कहेगा वो मैं करूंगा।

कुसुम महदेले (बीजेपी), उम्र- 80 साल

महदेले के तेवर अभी भी बरकरार
लोकसभा चुनाव में फिर से सांसद के लिए टिकट मांगूगी। ये मेरा हक है। अब पार्टी तय करेगी कि वो टिकट देती है या नहीं। टिकट न मिलने के सवाल पर कुसुम महदेले ये जवाब देती है। बीजेपी ने महदेले को इस बार फिर टिकट नहीं दिया। उनका टिकट 2018 में भी काट दिया गया था। 1990 से लेकर 2018 तक महदेले चार बार विधायक चुनी गईं और चारों बार कैबिनेट मंत्री रहीं।

हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ( बीजेपी), उम्र- 70 साल

मैं विराम नहीं लगने दूंगा
2008 में पहली बार चुनाव जीते हरेंद्रजीत सिंह बब्बू पिछले दो चुनाव लगातार हार गए। इस बार भी टिकट की दावेदार कर रहे थे। पार्टी ने जबलपुर के सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को टिकट दे दिया। टिकट न मिलने के सवाल पर बब्बू ने कहा- आगे पार्टी के लिए काम करूंगा। विरोध करना होता तो बहुत कर सकता था, लेकिन पार्टी ने बहुत कुछ दिया है। चुनावी राजनीति पर विराम लगने के सवाल पर बोले- मैं विराम लगने नहीं दूंगा।

मुन्ना लाल गोयल ( बीजेपी), उम्र – 65 वर्ष

अब मेरे बारे में फैसला महाराज लेंगे
मुन्नालाल गोयल 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उपचुनाव में विधायकी हाथ से चली गई। इस बार भी ग्वालियर पूर्व से टिकट मांग रहे थे। पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो जमकर हंगामा भी किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के जयविलास पैलेस को भी घेर लिया था। मुन्नालाल गोयल कहते हैं- मैंने अपने राजनीतिक भविष्य का फैसला अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर छोड़ दिया है। उन्हें जैसा ठीक लगेगा, वैसा करूंगा।

इन सभी नेताओं के अलावा भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट से पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, त्योंथर विधानसभा सीट से श्यामलाल द्विवेदी और भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इनमें से त्योंथर सीट से श्यामलाल द्विवेदी मौजूदा विधायक हैं। अनूप मिश्रा और उमाशंकर गुप्ता दोनों ही पिछला चुनाव हार गए थे।

कांग्रेस से उम्रदराज आरिफ अकील का टिकट कटा

कांग्रेस ने इस बार 7 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं, उनमें उम्रदराज नेता केवल आरिफ अकील है। भोपाल उत्तर सीट से आरिफ अकील लगातार 5 बार विधायक रहे हैं। पार्टी ने उनकी जगह बेटे आतिफ अकील को मैदान में उतारा है।

टिकट के सवाल पर आरिफ अकील ने कहा- सेहत की वजह से मैंने खुद ही चुनाव न लड़ने का फैसला किया था। पार्टी ने मेरी बात मानते हुए बेटे आतिफ अकील को टिकट दिया है। हालांकि इस सीट से आरिफ अकील के भाई आमिर अली ने भी निर्दलीय पर्चा दाखिल कर भतीजे के सामने चुनौती पेश की है।

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