चले आइए चंबल क्षेत्र, चीतों के आंगन में उत्सव की धूम !

चले आइए चंबल क्षेत्र, चीतों के आंगन में उत्सव की धूम और ग्वालियर में गूंजेगा संगीत
Van Utsav In Kuno:कभी डाकू, बंदूक और दहशत के लिए कुख्यात रहा मध्य प्रदेश का चंबल क्षेत्र इस शीतकाल में चहकने को तैयार है।
  1. शीतकाल में चहकने को तैयार है मप्र का ग्वालियर-श्योपुर-मुरैना अंचल
  2. इस दिसंबर बहुत कुछ है खास, चंबल क्षेत्र में स्थित श्योपुर में 17 दिसंबर से चीतों की धरती पर सबसे बड़ा कूनो वन उत्सव
  3. ग्वालियर में 22 दिसंबर से आयोजित होगा विश्व प्रसिद्ध तानसेन संगीत समारोह

 ग्वालियर। कभी डाकू, बंदूक और दहशत के लिए कुख्यात रहा मध्य प्रदेश का चंबल क्षेत्र इस शीतकाल में चहकने को तैयार है। आगरा से आगे बढ़ते ही चंबल नदी के दोनों ओर मौजूद मुरैना के बीहड़, ग्वालियर के राजशाही किला-पैलेस और चीतों की धरती श्योपुर में रोमांच से भरा इतना कुछ अनुभूत करने को है कि एक सप्ताह भी कम पड़ जाए। सोने पर सुहागा यह कि 17 दिसंबर से कूनो नेशनल पार्क में वन उत्सव मनाया जाएगा जबकि 22 दिसंबर से ग्वालियर में ख्यात तानसेन संगीत समारोह होगा।

पहली बार हो रहा उत्सव

कूनो नदी के दोनों ओर फैले जंगल में अब अफ्रीका से आए चीते बसे हैं। 23 दिसंबर तक यहां उत्सव होगा जिसमें विशिष्ट मेहमानों को बुलाया जा रहा है। कच्छ महोत्सव की तर्ज पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस टेंट सिटी भी होगी। मप्र टूरिज्म बोर्ड यह 50 टेंट वाली सिटी बसा रहा है। जहां देशी-विदेशी पर्यटक जंगल और वन्य प्राणियों को करीब से जान सकेंगे। ये टेंट 10 वर्ष के लिए लगे रहेंगे। 23 दिसंबर के बाद टेंट सिटी आम पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। कूनो उत्सव से पहले चीतों को जंगल में छोड़ा जा रहा है। अब लोगों को चीता सफारी आरंभ होने की प्रतीक्षा है।

हेडफोन पर संगीत और नाइट वाक
कूनो वन उत्सव में पर्यटकों के लिए पैरासेलिंग, हाट एयर बैलून, पैराग्लाइडिंग के साथ साइलेंट डीजे आन साइट की व्यवस्था भी है जिसमें आगंतुक वायरलेस हेडफोन पर संगीत सुनते हुए नृत्य कर सकेंगे। आकाश में तारे निहारने यानी स्टार गेजिंग, जंगल सफारी और तैरते मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसमें नाइट वाक भी शामिल है। बच्चों के लिए अलग से किड्स जोन भी रहेगा।
आसपास के गांवों का भ्रमण

कूनो वन उत्सव में पर्यटकों को आसपास के गांवों के भ्रमण के साथ स्थानीय कला संस्कृति से परिचित कराया जाएगा। चीता प्रोजेक्ट की जानकारी भी दी जाएगी। पर्यटकों की पसंद के अनुसार वन उत्सव में बेहतर भोजन व्यवस्था भी होगी। इस अनूठे वन यात्रा पैकेज की बुकिंग के लिए कूनो फारेस्ट रिट्रीट डाट काम पर जाकर विकल्पों का चुनाव करना होगा। यहां प्रीमियम टेंट 5900 रुपये प्रतिरात्रि की दर से पर्यटकों को उपलब्ध कराया जाएगा। कूनो में प्रवास के दौरान आसपास देखने लायक भी कई पर्यटन स्थल हैं। जिनमें पालपुर किला घड़ी, अमेट किला, मेतोनी किला, कैर खोह और ग्रैविटी पाइपलाइन प्रमुख हैं। दोबकुंड जलप्रपात और जैन मंदिर भी हैं।

जब बिखरेंगी स्वर लहरियां

मप्र शासन ग्वालियर एवं संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में तानसेन संगीत समारोह आयोजित करता है। इस वर्ष देश-विदेश के प्रतिष्ठित कलाकार इसमें आएंगे। प्रवेश निश्शुल्क है। आप ग्वालियर में सूर्य मंदिर के दर्शन के साथ सिंधिया पैलेस, महाराजबाड़ा और किला घूमने जा सकते हैं। रानी लक्ष्मीबाई का वीरगति स्थल भी यहीं है।

ऐसे पहुंचिए कूनो नेशनल पार्क

कूनो नेशनल पार्क के तीन प्रवेश द्वार हैं- टिकटोली, अहेरा और पीपल बावड़ी। निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर है। आप कोटा और जयपुर को भी हवाई यात्रा के लिए चुन सकते हैं, जहां से कूनो के लिए सीधा संपर्क है। निकटतम रेलवे स्टेशन ग्वालियर, सवाई माधोपुर, कोटा, जयपुर और झांसी हैं। यहां से पार्क तक पहुंचने की सुविधा उपलब्ध है। कूनो नेशनल पार्क ग्वालियर से 165 किमी, कोटा से 214 किमी और जयपुर से 325 किमी है। कूनो तक सड़क मार्ग भी बेहतर है।

कूनो वन उत्सव में पर्यावरण, पर्यटन और वन्यजीवन से लेकर चीता सरंक्षण तक का संदेश लोगों को दिया जाएगा। पर्यटक इस दौरान तानसेन समारोह का भी अनुभव ले सकते हैं।

 पर्यटन विभाग, मध्य प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *