ED के रडार पर विपक्ष! 121 में से विपक्षी दलों के 115 नेता ?
ED के रडार पर विपक्ष! 121 में से विपक्षी दलों के 115 नेता, टॉप पर कांग्रेस-टीएमसी और NCP
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी एक्शन मोड में नजर आ रही है. कई नेताओं से पूछताछ चल रही है.
ED Probe: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक्शन मोड में है. कई मामलों में ईडी की ओर से छापे मारे जा रहे हैं और नेताओं से पूछताछ की जा रही है. ईडी ने सोमवार (29 जनवरी) को कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन के मांमले में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से पूछताछ की थी तो मंगलवार (30 जनवरी) को इसी मामले में उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमु्ख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी पूछताछ के लिए बुलाया.
सोमवार को ही कोलकाता में शाहजहां शेख से राशन वितरण घोटाले में ईडी पूछताछ करना चाहती थी लेकिन टीएमसी नेता अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए.
वहीं, कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच में ईडी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बुधवार (31 जनवरी) को रांची में पूछताछ करेगी. ईडी ने सोमवार को सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर घंटों डेरा डाले रही थी और परिसर की तलाशी ली थी. ईडी ने उनके आवास की तलाशी के बाद 36 लाख रुपये, एक बीएमडब्ल्यू एसयूवी और कुछ कथित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं.
मंगलवार (30 जनवरी) को ईडी ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ‘खिचड़ी घोटाले’ से संबंधित धन शोधन के एक मामले में शिवसेना (यूबीटी) नेता और सांसद संजय राउत के छोटे भाई संदीप राउत से पूछताछ की.
विरोधी दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधियों को निशाना बना रही है. इस बीच यूपीए 1 की पूर्व सरकार और मौजूदा बीजेपी सरकार के दौरान ईडी की जांच के आंकड़ों लेकर भी चर्चा है. आइये जानते हैं कब कौन कितना रहा ईडी के रडार पर.
किसके कार्यकाल में कितना एक्शन?
2004 से 2014 तक यूपीए-1 की सरकार के दौरान ईडी ने 112 छापे मारे थे. वहीं 2014 से 2022 के बीच मोदी सरकार के दौरान ईडी ने 3010 छापे मारे. 2004 से 2014 तक मनमोहन सरकार में 26 नेताओं के खिलाफ ईडी जांच कर रही थी, जिनमें 14 नेता विपक्ष में थे.
वहीं, 2014 से 2022 के बीच मोदी सरकार के दौरान 121 नेताओं के खिलाफ ईडी ने जांच की, जिनमें 115 नेता विपक्ष के हैं. महमोहन सरकार के 10 वर्षो में विपक्ष के नेताओं पर ईडी का शिकंजा 54 फीसदी था तो मोदी सरकार में 2022 तक विपक्षी नेताओं पर यह 95 फीसदी था. मोदी सरकार में 2014 से 2022 तक ईडी की ओर से विपक्ष के जिन 115 नेताओं के खिलाफ जांच की गई, उनमें टॉप तीन में कांग्रेस, टीएमसी और एनसीपी के नेता हैं.
मनमोहन सरकार के दौरान ईडी ने 5,346 करोड़ की जब्ती की, जबकि मोदी सरकार में 2014 से 2022 के बीच जांच एजेंसी ने 99,356 करोड़ की जब्ती की.
बीजेपी में आने के बाद इन नेताओं पर आगे नहीं हुई कार्रवाई!
कुछ नेताओं के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद उनके खिलाफ आगे कार्रवाई नहीं देखी गई है. जैसे कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जब शिवसेना और कांग्रेस में थे तो अविघ्न हाउसिंग घोटाला मामले में उनके खिलाफ जांच चल रही थी. उनके बीजेपी में आने के बाद आगे कार्रवाई नहीं देखी गई.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पहले कांग्रेस में थे. उनके खिलाफ गुवाहाटी वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट मामले में जांच चल रही थी लेकिन बीजेपी में आने के बाद उनके खिलाफ आगे कार्रवाई नहीं देखी गई. शुभेंदु अधिकारी जब टीएमसी में थे तो उनके खिलाफ नारदा स्टिंग केस में जांच चल रही थी. उनके बीजेपी में आने के बाद आगे कार्रवाई नहीं देखी गई.