कैंसर के मामलों में होने वाली है बेतहाशा बढ़ोतरी!
कैंसर के मामलों में होने वाली है बेतहाशा बढ़ोतरी! 2050 तक के आंकड़ें डराने वाले, WHO की रिपोर्ट ने पैदा किया भय
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की एक रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक दुनिया भर में कैंसर के मरीजों की संख्या में 77 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
सिर्फ भारत की बात करें तो हर साल कैंसर से लाखों लोग मरते हैं. इस बीच हाल ही में WHO की कैंसर एजेंसी, इंटरनेशनल फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने इस बीमारी के वैश्विक बोझ का नवीनतम अनुमान जारी किया है.
इस रिपोर्ट में कुल 115 देशों के सर्वे का परिणाम प्रकाशित किया गया है, जिसके अनुसार ज्यादातर देशों में कैंसर रोगियों पर पर्याप्त खर्च नहीं किया जा रहा है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 में दुनियाभर में दो करोड़ कैंसर के नए मामले सामने आए और सिर्फ कैंसर के कारण 97 लाख लोगों की मौत भी हुई है.
इतना ही नहीं है कैंसर के इलाज की स्थिति भी इतनी खराब है कि इस बीमारी के डिटेक्ट किए जाने के बाद पांच साल तक कैंसर से लड़कर जिंदा रहने वाले लोगों की अनुमानित संख्या 5.35 करोड़ है.
भारत में कैंसर की स्थिति
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार केवल भारत में कैंसर के 14 लाख 13 हजार 316 नए मामले दर्ज किए गए. इनमें पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या ज्यादा है. यानी पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इस बीमारी के चपेट में आ रही है. साल 2022 में जहां भारत में 691,178 पुरुषों को कैंसर हुआ है वहीं 722,138 महिलाएं इस बीमारी के चपेट में आई हैं.
इतना ही नहीं ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हुई है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में 192,020 नए मामलों के साथ ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों का अनुपात सबसे ज्यादा है.
ब्रेस्ट कैंसर के बाद भारत में होंठ और ओरल कैविटी के सबसे ज्यादा मामले आए है. रिपोर्ट के अनुसार होंठ और ओरल कैविटी के 143,759 नए मामले आए जो कि कुल मरीजों का 10.2 प्रतिशत है. इसके बाद गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय के 127,526 नए मामले आए जो कि कुल मामलों का 9 प्रतिशत है.
भारत में लंग कैंसर यानी फेफड़ों के कैंसर के 81,748 मामले आए जो कि कुल मामलों का 5.8 प्रतिशत है और ग्रासनली कैंसर के 70,637 नए मामले पाए गए जो कि 5.5 प्रतिशत है.
हर पांच में से एक व्यक्ति हो रहा कैंसर का शिकार
दुनिया में कैंसर मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ती जा रही है कि आंकड़ों के अनुसार लगभग हर पांच में से एक व्यक्ति को कैंसर हो जाता है. इतना ही नहीं हर 9 में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की इस बीमारी से मौत हो जाती है.
2050 तक बढ़ जाएगा कैंसर का बोझ
WHO के अनुसार, साल 2050 तक दुनिया भर में कैंसर के मरीजों की संख्या में 77 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है और इस खतरनाक बीमारी के सालाना मामले 35 मिलियन पहुंच जाएंगे.
तेजी से बढ़ रही इस बीमारी के पीछे शराब, तंबाकू और मोटापे को प्रमुख कारण माना जा रहा है. इसके अलावा वायु प्रदूषण भी एक बड़ा कारण है.
तंबाकू बन रहा कैंसर की बड़ी वजह
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2020 में तंबाकू के कारण कैंसर झेलने वाले लोगों की संख्या 3.7 लाख हो गई थी जो कि कुल कैंसर मरीजों का 27.1 फीसद है.
ऐसे में तंबाकू भारत के लिए कैंसर का सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है. इतना ही नहीं आईजोल ऐसे ज़िले के रूप में उभरकर सामने आया है जहां पर इस बीमारी के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं.
लंग कैंसर एक बड़ी समस्या
लंग कैंसर के क्षेत्र के वरिष्ठ डॉक्टर अरविंद कुमार ने एबीपी से बात करते हुए कहा, ‘तंबाकू का सेवन करने से लंग कैंसर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए जो व्यक्ति तंबाकू का सेवन करता है उसे समय रहते लगाम लगाने की ज़रूरत है क्योंकि अगर भारत में तंबाकू खाने वालों की संख्या ऐसे ही बढ़ती गई तो आने वाले दिनों में लंग कैंसर के मामलों में भारी वृद्धि होने की आशंका है.’
डॉक्टर अरविंद आगे कहते हैं, ‘हमने पिछले दस सालों में कैंसर पेशेंट की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी है. ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले कुछ सालों में कम उम्र के लोगों में भी कैंसर की बीमारी बढ़ रही है. इसका एक कारण तंबाकू और वायु प्रदूषण माना जा रहा है.’
महिलाओं में कैंसर
‘दि ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी’ की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1990 से 2016 के बीच भारत में महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए हैं. ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, कोलोन एंड रेक्टम और लिप एंड कैविटी कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो भारत में गांवों में रहने वाली और शहरों में रहने वाली महिलाओं की तुलना की जाए तो गांव में रहने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले और शहर की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं.
हालांकि पूरे भारत की बात की जाए तो यहां महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे पहले स्थान है पर है. ब्रेस्ट कैंसर होने का एक मुख्य कारण देर से शादियां होना भी माना जाता है. दरअसल डॉक्टरों के अनुसार महिलाएं जब देर से शादी करती है तो गर्भधारण में देरी होती है. इसके स्तनपान कम करवाना, बढ़ता तनाव, लाइफस्टाइल और मोटापा भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है.
साल 2050 तक 14 प्रतिशत बढ़ जाएंगे ब्रेस्ट कैंसर के मामले
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अगर इसी रफ्तार में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती गई तो साल 2025 तक भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या 427,273 हो जाएगी.
मेट्रो शहरों में आ रहे हैं ब्रेस्ट कैंसर के मामले
रिपोर्ट की मानें तो ब्रेस्ट कैंसर के सबसे ज्यादा मामले मेट्रो शहरों में ही सामने आ रहे हैं. सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मामलों के लिहाज़ से हैदराबाद पहले स्थान पर है, दूसरे स्थान पर है चेन्नई, तीसरे पर बेंगलुरू और चौथे स्थान पर दिल्ली का नाम आता है.
कैंसर से बचने के लिए क्या करना चाहिए
विशेषज्ञों के अनुसार इस बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि तंबाकू का इस्तेमाल बिल्कुल बंद किया जाना चाहिए. आईसीएमआर की रिपोर्ट में भी साफ तौर पर कहा गया है कि सिगरेट, तंबाकू और सेकेंड हैंड स्मोकिंग यानी सिगरेट पीते हुए व्यक्ति के साथ खड़े रहना सबसे ज्यादा खतरनाक है.