ग्वालियर : संगम वाटिका:फायर सेफ्टी की अनुमति नहीं ?

संगम वाटिका:फायर सेफ्टी की अनुमति नहीं, एरिया के हिसाब से पर्याप्त नहीं मिले फायर सिलेंडर और पानी की टंकी

संगम मैरिज गार्डन (वाटिका) और रंगमहल गार्डन में 19 अप्रैल को हुई अग्निकांड की घटना की रिपोर्ट बनकर तैयार है। अब लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद ही उच्च स्तर पर फैसला लेने की उम्मीद अफसर जता रहे हैं। अभी तक की जांच रिपोर्ट में आग की मुख्य घटना का कारण एसी का आउटर ब्लास्ट होना सामने आया है। दोनों मैरिज गार्डनों के बीच कोई गैप नहीं था, इसलिए दोनों में आग लगी। जांच दल को दोनों मैरिज गार्डन में अनियमितताएं मिली हैं। उसमें सबसे बड़ी गड़बड़ी दोनों मैरिज गार्डन के संचालक नरेश द्वारा फायर प्लान की 24 शर्तों का पालन नहीं करना पाया गया है।

यही कारण रहा कि संचालक ने तीन साल के लिए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं लिया। निगम से फायर एनओसी लेने के लिए दिखावा किया जा रहा था। यहां पर 4 पानी की टंकी प्लास्टिक वाली मिली है। इसके अलावा होद बने दिखाए हैं। ये भी गार्डन क्षेत्र के हिसाब से पर्याप्त नहीं बताए गए हैं। 25 आग बुझाने पर सिलेंडर(एक्यूटिंग्यूसर) जले मिले हैं। एरिया के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। फायर कंट्रोल करने के लिए हाईप्रेशर पंप जनरेटर से आटोमैटिक जोड़कर रखना था। ऐसा नहीं किया गया।

ट्रेड लाइसेंस में गड़बड़ी की आशंका

निगम ने मानरा इवेंट के नाम से नरेश अग्रवाल को दोनों गार्डनों के लिए एक अप्रैल 2023 को ट्रेड लाइसेंस जारी किया। इसकी अवधि 31 मार्च 2024 को पूरा हो चुकी थी। संचालक ने चालाकी से अनुमति की डेट के चार महीने बाद फिर से अनुमति की राशि जमा करना बताया है जबकि 8 महीने शेष थे। आग लगने की घटना के दो दिन बाद 21 अप्रैल को दोनों मैरिज गार्डनों के लिए ट्रेड लाइसेंस की 20010-20010 रुपए फीस जमा कराई गई। इसी आधार पर साल 2024-25 की वैधता कमेटी बता रही है। इसी तरह सहायक श्रम आयुक्त की तरफ से गार्डन का स्थापना पंजीयन 16 मई 2017 से 31 दिसंबर 2021 तक का निकला है।

ये कर रहे हैं जांच: कलेक्टर रुचिका चौहान ने संगम मैरिज गार्डन की जांच के लिए एसडीएम विनोद सिंह, सीएसपी हिना खान, कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक महावीर राठौर, अधीक्षण यंत्री डॉ.अतिबल सिंह यादव और सहायक इंजीनियर इलेक्ट्रिक सेफ्टी आरएस वैश्य को जिम्मेदारी सौंपी है। सभी विभाग जांच कर एसडीएम को सौपेंगे। वहां से एकजाई जांच कलेक्टर को सौंपी जाएगी

ये व्यवस्था करें, तो आग की घटना से बचा जा सकता है

{क्षेत्रफल के हिसाब से दो बीघा जमीन पर संचालित गार्डन संचालक को दो लाख लीटर की ओवरहेड पानी की टंकी लगना चाहिए।

{20 मीटर ग्रेविटी प्रेशर पर पानी की हाईडेंट चतुर्थ सीमा में लगे होना चाहिए।

{हाइडेंट प्वाइंट के सिरे रेडियस के घुमाने पर एक दूसरे के सिरे चारों तरफ से मिलना चाहिए।

{अग्निशमन यंत्रों पर फायर प्लान अनुसार जगह-जगह उपयोग के लिए स्थापित करना चाहिए।

{ लाइट कनेक्शन के साथ इमरजेंसी लाइट होना जरूरी है।

{ जी प्लस टू बिल्डिंग से लेकर हाइराइज बिल्डिंग में ओपन जीना होना चाहिए।

संगम वाटिका: एसी का आउटर ब्लास्ट होना, इसकी केबल हीटिंग होने से लगी आग

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