ग्वालियर : रेलवे स्टेशन … 50 हजार यात्री गर्मी में रोज हो रहे परेशान
रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास:50 हजार यात्री गर्मी में रोज हो रहे परेशान, काम की रफ्तार धीमी, 8 माह में सिर्फ 34% हो पाया है वर्क
रेलवे स्टेशन ग्वालियर का 534.70 करोड़ रुपए की लागत से प्लेटफॉर्म का काम एक साल से चल रहा है। इतने समय में केपीसी प्रोजेक्ट लिमिटेड करीब 34 फीसदी ही काम पूरा कर सकी है। जबकि टेंडर की शर्त के तहत शेष 66 फीसदी काम 8 माह के अंदर पूरा करना है। यानी दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्माण एजेंसी को दिया गया है। लेकिन 8 माह में यह इतना काम पूरा हो पाएगा यह असंभव है। कारण निर्माण कार्य की गति का धीमा होना है।
प्लेटफॉर्म नंबर एक से लेकर चार के आसपास निर्माण कार्य चल रहा है। प्लेटफॉर्म के ऊपर से बीच-बीच में शेड हटाई जा चुकी है। इससे प्लेटफार्म पर धूप से यात्री परेशान हो रहे हैं। निर्माण के चलते प्लेटफॉर्म पर भी बेरीकेड्स लगे हैं। इससे ट्रेनों के आगमन के दौरान लगभग 50 हजार यात्रियों को हर दिन चढ़ने व उतरने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिस गति से निर्माण कार्य चल रहा है जानकारों का कहना है कि अभी कम से कम दो साल और लगेंगे। यानी ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाले 50 हजार यात्रियों को हर दिन दो साल तक ऐसे ही परेशानी का सामना करना होगा। साथ ही प्लेटफॉर्म नंबर एक की छत की तुड़ाई पर रोक लगा दी गई है जिससे यात्रियों को गर्मी में परेशान नहीं होना पड़े। जून में समस्या और बढ़ेगी क्योंकि प्लेटफॉर्म 1 पर काम गति पकड़ेगा।
मजबूरी… प्लेटफार्म के शेड टूटने से धूप में बैठने को मजबूर यात्री
समस्या…जून में प्लेटफार्म-1 के कार्यालय को भी तोड़ा जाएगा
वजह… ब्लॉक नहीं मिलने से गति नहीं पकड़ पा रहा है काम
ये बिल्डिंग तैयार, होगी कार्यालयों की शिफ्टिंग
जून में प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर बनी बिल्डिंग में संचालित कार्यालयों की शिफ्टिंग होगी। जून के अंत तक डिप्टी सीई ऑफिस बिल्डिंग, ट्रेन ड्राइवर व गार्ड लॉबी ऑफिस की बिल्डिंग तोड़कर यहां निर्माण कार्य शुरू होगा। प्लेटफाॅर्म नंबर 4 स्थित रिजर्वेशन कार्यालय को तोड़कर प्लेटफॉर्म नंबर 5 व 6 विकसित किया जाना है।
जानिए… यात्रियों को किस तरह होना पड़ रहा परेशान
प्लेटफाॅर्म-1 पर एराइवल व डिपार्चर लॉबी के चलते प्रीमियम पार्किंग बंद
यहां एराइवल व डिपार्चर लॉबी का काम चल रहा है। इससे प्रीमियम पार्किंग बंद हो है। प्लेटफॉर्म एक के बाहर पोर्च तक वाहन ले जाने पर यात्री रोज परेशान होते हैं। कारण, प्लेटफॉर्म-1 तक जाने का रास्ता प्रीमियम पार्किंग से होकर जाता है। डिपार्चर लॉबी का काम होने के कारण ऑटो स्टैंड खत्म कर दिया गया है। प्लेटफॉर्म नंबर-4 की तरह यात्री धूल के बीच गुजरते हैं।
प्लेटफॉर्म के शेड तोड़े, इससे ट्रेन आगमन पर यात्री होते हैं परेशान
निर्माण के चलते प्लेटफॉर्म 2 से लेकर 4 की शेड हटा दी है। प्लेटफॉर्म नंबर एक की झांसी एंड की तरफ की छत तोड़ी जा चुकी है। इस प्लेटफॉर्म के बाहर एराइवल लॉबी का काम चल रहा है। इससे रिजर्वेशन कार्यालय के सामने बेरीकेड्स लगा दिए गए हैं। इस कारण यात्रियों को रिजर्वेशन कार्यालय तक पहुंचने के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है।
जून में इनकी भी होगी शिफ्टिंग… जीआरपी थाना, आरपीएफ थाना, डिप्टी सीई ऑफिस, आईओडब्ल्यू ऑफिस, ऑफिसर रेस्ट हाउस, असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ऑफिस जून के दूसरे सप्ताह में शिफ्ट होगा।
कंपनी के सामने चुनौती
जिस केपीसी कंपनी ने रिकॉर्ड टाइम 16 माह में एयरपोर्ट पर एयर टर्मिनल बिल्डिंग बनाकर तैयार कर दिया था, उसके सामने रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का काम दिसंबर 2024 तक पूरा कराने की बड़ी चुनौती है। इसकी वजह हर दिन करीब 160 ट्रेनों का संचालन होने की वजह से यात्रियों की सुरक्षा का खास ध्यान रखना है।
दूसरा प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए आधा से एक घंटे का ही ब्लॉक मिल पा रहा है। इससे काम की रफ्तार नहीं बढ़ पा रही। साथ ही पुर्ननिर्माण के दौरान प्लेटफॉर्म पर मटेरियल एकत्र हो रहा है, उसे हटाने तक का ब्लॉक नहीं मिल पा रहा। इंजीनियरों का कहना है कि काम की गति बढ़ाने के लिए कम से कम हर दिन तीन घंटे का ब्लॉक मिले तो ही काम रफ्तार पकड़ पाएगा।