हेलमेट खरीदते हुए रखें इन बातों का ध्यान ?
हेलमेट की क्वालिटी कैसे चेक करें …
ये 6 गलतियां पड़ सकती हैं भारी, हेलमेट खरीदते हुए रखें इन बातों का ध्यान
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022 में भारत में सड़क दुर्घटना में 1,68,491 लोगों की मौत हो गई, जिसमें से 52000 लोगों की मौत हेलमेट न पहनने के कारण हुई।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के मुताबिक दोपहिया वाहन चलाते हुए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। लेकिन भारत में तो अधिकांश लोग सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं। इसलिए वे सस्ते और कमजोर हेलमेट खरीद लेते हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हेलमेट की क्वालिटी कैसी है।
बात हेलमेट क्वालिटी की। अगर आप हेलमेट खरीदने जा रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखें। क्वालिटी चेक कैसे करें।
सवाल- हेलमेट खरीदते हुए यह कैसे पता करें कि वह अच्छी क्वालिटी का है या नहीं?
जवाब- दोपहिया वाहन चलाते हुए सबसे बुनियादी और जरूरी चीज है हेलमेट। हेलमेट ऐसा होना चाहिए कि सिर पर चाहे कितने जोर की चोट लगे, सिर बिल्कुल सही-सलामत रहे। इतना मजबूत होना चाहिए कि हथौड़ा मारो तो भी नहीं टूटे।
हेलमेट कोई फैशन एक्सेसरी तो है नहीं। उसका काम है सिर की सुरक्षा करना। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसका कलर, डिजाइन कैसा है। फर्क सिर्फ इस बात से पड़ता है कि वह कितना आरामदायक, सुरक्षित और मजबूत है।
तो हेलमेट खरीदते हुए हमें सिर्फ इन्हीं तीन तथ्यों पर गौर करना है-
- सुरक्षा
- कंफर्ट
- मजबूती
नीचे ग्राफिक में देखिए कि हेलमेट खरीदते हुए किन बुनियादी बातों का ध्यान रखना चाहिए। फिर इसके बारे में डिटेल में बात करते हैं।
यह तो हुई कुछ जेनेरिक बातें। अब नीचे दी फोटो में देखें कि हेलमेट खरीदने से पहले उसके कौन से फीचर्स को ध्यान से चेक करना चाहिए।
अब इसे थोड़ा डिटेल में समझें-
हवा और साउंड के लिए प्रॉपर वेंटिलेशन
हेलमेट पूरी तरह एयरटाइट और साउंड प्रूफ न हो। उसमें वेंटिलेशन के लिए पर्याप्त जगह हो, जिससे हवा और साउंड आ सके। वेंटिलेशन इसलिए भी जरूरी है कि हेलमेट लगाने के बाद आप ठीक से सांस ले सकें। चेक करें कि हेलमेट में प्रॉपर हियरिंग कट्स हैं या नहीं।
हेलमेट का मोटा कवर
हेलमेट के ऊपरी हिस्से में अंदर की तरफ सॉफ्ट कुशनिंग होती है, लेकिन उसकी बाहरी लेयर और कुशन के बीच की मोटाई एक से सवा इंच के करीब होनी चाहिए।
हेलमेट का ग्लास एरिया और आई व्यू
आंखों से लेकर नाक के निचले हिस्से तक हेलमेट में प्रॉपर स्पेस होना चाहिए और उस जगह पर मजबूत क्वालिटी का ग्लास लगा होना चाहिए। ताकि तेज हवा, धूल, कचरा वगैरह आंख-नाक में न जाए। सड़क का दूर तक का व्यू बिल्कुल साफ दिखाई दे। ग्लास ट्रांसपैरेंट हो तो बेहतर है।
हेलमेट का साइज
हेलमेट का साइज ऐसा हो कि वह सिर में बिल्कुल फिट रहे। एक बार लगाने के बाद वह हिलना-डुलना नहीं चाहिए। माथे से खिसककर आंखों पर नहीं आना चाहिए।
हेलमेट को खोलने-बंद करने का सिस्टम
हेलमेट को खोलने और बंद करने वाला क्लच इतना टाइट न हो कि गला दबने लगे, लेकिन वह बिल्कुल ढीला भी नहीं होना चाहिए। साथ ही उसका डिजाइन ऐसा हो कि उसे खोलना और बंद करना बहुत आसान हो। कॉम्प्लीकेटेड क्लच वाले हेलमेट रिस्की होते हैं।
सवाल- हेलमेट अच्छे मेटेरियल का बना है या नहीं, यह कैसे पहचान सकते हैं?
जवाब- भारत में नकली और खराब क्वालिटी वाले हेलमेट का एक बड़ा बाजार है, जो कम कीमतों पर ग्राहकों को बेचे जाते हैं। सस्ता हेलमेट खरीदना अपनी सुरक्षा के साथ समझौता करने जैसा है।
कार्बन फाइबर, केवलर और फाइबर ग्लास कंपोजिट से मिलकर बने हेलमेट मजबूत होते हैं। यह लंबे समय तक चलने के साथ सड़क दुर्घटना में भी सिर को बचाते हैं। साथ ही हेलमेट खरीदते हुए ISI मार्क का ध्यान जरूर रखें।
सवाल- हेलमेट पर कितना खर्च करना चाहिए?
जवाब- किसी भी हेलमेट की कीमत उसकी क्वालिटी और ब्रांड पर निर्भर करती है। साथ ही आपकी जरूरतों पर भी। जैसेकि-
- आप शहर में सिर्फ ऑफिस आने-जाने के लिए बाइक का इस्तेमाल करते हैं।
- आप प्रोफेशनल बाइक राइडर हैं।
- आप हाइवे पर बाइक से लॉन्ग ट्रैवल करते हैं।
आपको किस क्वालिटी का और कितने सेफ्टी फीचर्स वाला हेलमेट चाहिए, यह आपकी जरूरत पर निर्भर है। भारत में ज्यादातर अच्छी क्वालिटी के हेलमेट की कीमत 1000 रुपए से शुरू होकर 15000 रुपए तक है।
लेकिन हमारी सलाह है कि चाहे आप शहर के भीतर बाइक चलाएं या लॉन्ग डिस्टेंस राइड करें, हेलमेट के लिए खर्च करते समय पैसों की कोताही न करें। बेस्ट क्वालिटी हेलमेट ही खरीदें।
सवाल- हेलमेट खरीदते समय किस तरह की गलतियां नहीं करनी चाहिए?
जवाब- नीचे ग्राफिक में कुछ कॉमन गलतियां बताई हैं, जो हेलमेट खरीदते समय नहीं करनी चाहिए।
सवाल- हेलमेट सर्टिफिकेशन क्या होता है? यह कितने तरह का होता है?
जवाब- हेलमेट बनाते हुए सुरक्षा के कुछ जरूरी मानदंडों का पालन करना अनिवार्य होता है। विभिन्न देशों में अलग-अलग संस्थाएं इसे सर्टिफाइड करती हैं।
इन सर्टिफिकेशन के बारे में जानना तब जरूरी हो जाता है, जब आप किसी फॉरेन ब्रांड का हेलमेट खरीद रहे हों। यूरोपीय या अमेरिकन हेलमेट खरीदते हुए नीचे दिए गए सर्टिफिकेशन को जरूर चेक करें।
DOT- यह सबसे कॉमन सर्टिफिकेशन है, लेकिन यह सबसे सुरक्षित नहीं है। यह बेसिक सर्टिफिकेशन है। यह मानक आमतौर पर अमेरिका में इस्तेमाल होता है।
ECE- ECE यूरोपीय देशों में चलने वाला कॉमन सर्टिफिकेशन है। ECE एक यूरोपीय संस्था है। इसका सबसे कॉमन मानक ECE 22.05 है। हालांकि नया मानक ECE 22.06 है।
Snell- यह अमेरिकन संस्था है, जो हर 5 साल में अपने टेस्ट के मानकों को अपडेट करती है। snell सर्टिफाइड हेलमेट रेसिंग के लिए उपयुक्त होते हैं।
ISI- भारत में हेलमेट ISI सर्टिफिकेशन के साथ होना जरूरी है। हालांकि ISI के पास अभी तक कोई मानक टेस्ट प्रक्रिया नहीं है, लेकिन उनका एक मानदंड यह है कि हेलमेट का वजन बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए।