ग्वालियर : लापरवाही या मिलीभगत ?
लापरवाही या मिलीभगत
जीडीए अफसरों ने दो क्षेत्रों में अटकाए प्रोजेक्ट वहां अवैध कॉलोनी में प्लॉट लेने को मजबूर लोग
- 10 हजार से ज्यादा प्लॉट वाले इन प्रोजेक्ट्स को रफ्तार नहीं दे रहे अधिकारी
अब शासन की सख्ती के बाद एयरपोर्ट-साडा लिंक रोड पर होमवर्क करने के लिए 3 माह का मौका प्राधिकरण को मिला है। वहीं ललियापुरा प्रोजेक्ट को शासन ने पहले खारिज कर दिया था, लेकिन अब 20 जून को वरिष्ठ अधिकारी इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन देखकर उस पर काम करने की अनुमति देंगे। वहीं, इन प्रोजेक्ट में देरी के कारण इनसे जुड़े क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां लगातार बढ़ रही हैं। जिनमें लोग प्लॉट लेने को मजबूर हैं। अधिकारियों का दावा है कि कुछ माह में दोनों प्रोजेक्ट काम जमीन पर दिखाई देने लगेगा।
यह हैं 2 प्रोजेक्ट… जिनसे मिलेगी लोगों को मिलेगी राहत
एयरपोर्ट से साडा लिंक रोड
- प्रस्तावित: महाराजपुरा के पास से लखमीपुर, विक्रमपुर, मऊ, जमाहर, जलालपुर, गंगापुर, पुरानी छावनी, खेरियाभान, रायरू होते हुए साडा एंट्री तक मास्टर प्लान की 40 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। इसके दोनों तरफ 200-200 मीटर में आवासीय एवं व्यवसायिक गतिविधि के लिए प्लॉट विकसित होंगे। इसमें 279.43 हेक्टेयर जमीन का उपयोग होगा।
- स्थिति: इस प्रोजेक्ट के लिए उपयोग की जाने वाली जमीन के अधिग्रहण की सूचना प्रकाशित हो चुकी है, लेकिन न तो जमीन का अधिग्रहण हुआ है और न डेवलपमेंट प्लान बना है। जिस वजह से शासन स्तर से इस प्रोजेक्ट को डिलीट करने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन अधिकारियों ने शासन से होमवर्क के लिए 3 महीने का समय ले लिया है।
सिरोल से ललियापुरा रोड
- प्रस्तावित: ओहड़पुर के पीछे स्थित सिरोल से डोंगरपुर, नैनागिर, महलगांव, ललियापुरा, अलापुर तक मास्टर प्लान की 30 मी. चौड़ी सड़क बननी है। इसके दोनों तरफ 200-200 मीटर तक आवासीय एवं व्यवसायिक प्रोजेक्ट बनने हैं। इसके लिए 167.583 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। जिसकी अधिसूचना जारी की जा चुकी है।
- स्थिति: जमीन अधिग्रहण सूचना के बाद दावे-आपत्तियों पर सुनवाई नहीं हो सकी। इसलिए अधिग्रहण अटका है। शासन ने ज्यादा देरी होने पर प्रोजेक्ट को डिलीट करने की तैयारी कर ली। जिसके बाद जीडीए सीईओ ने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की और प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की परमिशन मांगी। अब 20 जून को इस प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी।
बड़ा सवाल… प्रोजेक्ट में देरी माफिया के लिए वरदान
ग्वालियर विकास प्राधिकरण से प्लॉट, आवास लेने में लोगों की ज्यादा रुचि होती है। क्योंकि, इन प्रॉपर्टी में विभागीय एनओसी, परमिशन आदि को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। निजी कॉलोनाइजरों की तुलना में जीडीए में 2 से 4 गुना सस्ते दामों में प्रॉपर्टी मिलती है। लेकिन अधिकारियों की ढिलाई के कारण प्रोजेक्ट में देरी होती है। जिस कारण ज़रुरतमंद लोग अवैध कॉलोनियों में भी प्रॉपर्टी लेने को मजबूर हो जाते है। शताब्दीपुरम, मऊ, विक्रमपुर, अलापुर, पुरानी छावनी ऐसे क्षेत्र हैं। जहां अवैध कॉलोनी बड़ी संख्या में बस रही हैं। ऐसे में जीडीए के यहां आने वाले प्रोजेक्टों की देरी माफिया के लिए वरदान साबित हो रही है। जिस कारण लोग मजबूरी में इनमें प्लॉट ले रहे हैं।
जल्द ही प्रोजेक्ट पर मैदान में काम दिखेगा
आचार संहिता के कारण प्रोजेक्टों में देरी हुई है, मैंने ज्वाॅइनिंग के साथ इनकी प्रक्रिया तेज की है और जल्द ही प्रोजेक्टों पर मैदान में काम दिखाई देगा। एयरपोर्ट-साडा लिंक रोड के लिए अगले 3 महीने में होमवर्क पूरा कर लिया जाएगा और दूसरे प्रोजेक्टों की भी मॉनिटरिंग सख्त कर दी गई है।
भार्गव, सीईओ/ प्राधिकरण