छिंदवाड़ा से ‘नाथ परिवार’ का दिल टूटा!
छिंदवाड़ा से ‘नाथ परिवार’ का दिल टूटा! हार के बाद से नहीं आए, अब उपचुनाव के नामांकन में भी गायब
छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर कमलेश शाह ने नवंबर 2023 में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार जीत हासिल की थी. ऐसे में उन पर इस सीट को बचाने की चुनौती है. साल 1972 के बाद बीजेपी ने अमरवाड़ा सीट महज 2 बार (1990 और 2008) ही जीत सकी है, जबकि कांग्रेस ने 9 बार यहां से जीत हासिल की है.
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रहे हैं. प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है, और इस हार के बाद से पिता और बेटे यानी कमलनाथ और नकुलनाथ दोनों ही छिंदवाड़ा में दिखाई नहीं दिए. नतीजों के बाद से ही दोनों ही अब तक छिंदवाड़ा नहीं पहुंचे.
कमलनाथ के करीबी कमलेश से मुकाबला
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी कहे जाने वाले विधायक कमलेश शाह ने 29 मार्च को ही इस्तीफा दिया और पार्टी छोड़कर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. कमलेश शाह अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व अमरवाड़ा सीट पर बीजेपी की ओर से प्रत्याशी बनाए गए हैं.
13 जुलाई को आएगा फैसला
अमरवाड़ा सीट समेत देश के 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 जून है, जबकि नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख 26 जून है. 13 जुलाई को वोटों की गिनती की जाएगी.
अमरवाड़ा से 2 बार ही जीती BJP
हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया था. इसमें नाथ का गढ़ कहा जाने वाला छिंदवाड़ा सीट भी भी शामिल है. छिंदवाड़ा एकमात्र संसदीय सीट है जिसे बीजेपी 2019 के चुनाव में नहीं जीत सकी थी.