ग्वालियर : शहर में जहां दिनभर उलझ रहा ट्रैफिक वहां नहीं चल पा रहा है पुलिस का डंडा !

 शहर में जहां दिनभर उलझ रहा ट्रैफिक वहां नहीं चल पा रहा है पुलिस का डंडा
शहर में बदहाल ट्रैफिक सबसे बड़ी समस्या है। इसे सुधारने के लिए हाल ही में जहां दिनभर ट्रैफिक उलझता है, सड़कों पर दिनभर कब्जा रहता है, वहां पुलिस का डंडा नहीं चल रहा। इसके पीछे निचले अमले और यहां ट्रैफिक बिगाड़ने वाले दुकानदारों के बीच सांठगाठ से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
Gwalior News: शहर में जहां दिनभर उलझ रहा ट्रैफिक वहां नहीं चल पा रहा है पुलिस का डंडा
  1. चुनिंदा बाजारों में दिख रहा अतिक्रमण, रोज वहां ही हो रही कार्रवाई
  2. शाम छह बजे निकलता है अमला, दिनभर जाम में उलझते हैं लोग
 ग्वालियर। शहर में बदहाल ट्रैफिक सबसे बड़ी समस्या है। इसे सुधारने के लिए हाल ही में पुलिस कप्तान धर्मवीर सिंह ने बैठक ली। ट्रैफिक पुलिस से लेकर नगर निगम के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए, फिर हर रोज संयुक्त रूप से कार्रवाई करने के लिए मैदान में उतारा। एसपी ने तो पूरे शहर में कार्रवाई के आदेश दिए, लेकिन ट्रैफिक पुलिस हो या नगर निगम का मदाखलत अमला, कार्रवाई सिर्फ चुनिंदा बाजारों में ही हो रही है।

जहां दिनभर ट्रैफिक उलझता है, सड़कों पर दिनभर कब्जा रहता है, वहां पुलिस का डंडा नहीं चल रहा। इसके पीछे निचले अमले और यहां ट्रैफिक बिगाड़ने वाले दुकानदारों के बीच सांठगाठ से भी इनकार नहीं किया जा सकता। यही वजह है- पूरे शहर में सड़कों पर ट्रैफिक सुधार के लिए कार्रवाई के निर्देश मिलने के बाद भी चुनिंदा इलाकों में ही ट्रैफिक पुलिस व नगर निगम का मदाखलत अमला रोज निकल रहा है।

शाम छह बजे निकलता है अमला, दिनभर जाम में उलझते हैं लोग

ट्रैफिक पुलिस, मदाखलत अमला शाम छह बजे निकलता है। दिनभर जाम में लोग उलझते हैं। दिन में कोई कार्रवाई नहीं होती। शाम को भी सिर्फ मुरार, लश्कर के कुछ ही बाजारों में कार्रवाई होती है। यहां जिन दुकानदारों ने सामान हटा लिया है, उनकी दुकानों के बाहर से तिरपाल तक मदाखलत अमला उठाकर ले जा रहा है।

अचलेश्वर रोड

अचलेश्वर रोड पर चेंबर आफ कामर्स भवन के सामने खानपान की दुकानें संचालित करने वालों ने दुकान के सामने ही कब्जा कर रखा है। आधी से ज्यादा सड़क पर यहां भीड़ रहती है। सड़क पर ही लोग खाना खाते हैं। दोपहर से रात तक यहां सिर्फ इन्हीं दुकानों की वजह से जाम लगता है। आधी सड़क पर लोग खड़े होकर खाते हैं, यहीं चार पहिया, दो पहिया गाड़ियां खड़ी होती हैं। इससे यहां जाम लगता है। न तो यहां ट्रैफिक पुलिस नजर आती है, न इंदरगंज थाने का स्टाफ आता है और न ही यहां नगर निगम का मदाखलत अमला पहुंचता है।

पाटनकर चौराहा

पाटनकर चौराहा पर नाश्ता बेचने वाले दुकानदार ने राम मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते के एक छोर पर ही कब्जा कर लिया है। दुकान के सामने आसानी से लोगों की गाड़ियां यहां खड़ी हो सकें, इसलिए बाकायदा बेरीकेड लगा दिया गया है। इससे दुकानदार को लाभ होता है और आम लोग परेशान होते हैं। सुबह से रात तक इस दुकान की वजह से यहां हालात बिगड़ते हैं। सामने ट्रैफिक पुलिस रहती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। दुकान के बाहर सड़क पर सामान रखा रहता है, नगर निगम का मदाखलत अमला कोई कार्रवाई नहीं करता।

मोती तबेला रोड

मोती तबेला के सामने चौपाटी पर दुकानें संचालित करने वाले दुकानदारों ने फुटपाथ पर तो कुर्सी, टेबल, काउंटर लगा लिए हैं। यहां फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा है तो सड़कों पर गाड़ियां खड़ी होती हैं। सड़कों पर दुकानदार अपने बोर्ड रखते हैं। शाम के समय जब भीड़ बढ़ती है तो यहां से दो पहिया वाहन निकालना भी आसान नहीं है। यहां न पुलिस आती है न मदाखलत अमला।

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