कलेक्ट्रेट से लेकर जिला पंचायत तक अफसर और कर्मचारियों के आने का समय गड़बड़ ?

देर से आना और जल्दी जाना, साहब ये ठीक नहीं
दूर दराज से अपने अपने जरूरी कामों को लेकर अफसर से लेकर कर्मचारियों के पास आने वाली जनता को यह लोग कुर्सी पर मिलें कोई गारंटी नहीं है। जब यह सरकार के ही आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं तो क्या जनता के काम समय पर होंगे। यही सबसे बड़ा कारण है कि सरकारी दफ्तरों में संबंधित अफसरों से लेकर कर्मचारियों को ढूंढते रहिए, मिल गए तो बड़ी बातहै।
Naidunia Ground Report: देर से आना और जल्दी जाना, साहब ये ठीक नहीं
कलेक्‍टोरेट के खनिज विभाग, महिला बाल विकास विभाग, कार्यालय अधीक्षक व जिला पंचायत के कार्यालय सुबह 10 बजे से 10.15 तक सूने पडेे थे
  1. कलेक्ट्रेट से लेकर जिला पंचायत तक अफसर और कर्मचारियों के आने का समय गड़बड़
  2. ग्वालियर मुख्यालय पर दूर दराज से आने वाली जनता के काम इसलिए होते हैं प्रभावित
ग्वालियर। दूर दराज से अपने अपने जरूरी कामों को लेकर अफसर से लेकर कर्मचारियों के पास आने वाली जनता को यह लोग कुर्सी पर मिलें कोई गारंटी नहीं है। जब यह सरकार के ही आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं तो क्या जनता के काम समय पर होंगे। यही सबसे बड़ा कारण है कि सरकारी दफ्तरों में संबंधित अफसरों से लेकर कर्मचारियों को ढूंढते रहिए, मिल गए तो बड़ी बात होगी।

सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश को हवा में उड़ाने वाले अफसरों का खुद के समय पर आने पर नियंत्रण है न अपने अधीनस्थाें की मानीटरिंग करते हैं। सरकारी दफ्तरों के साढ़े दस बजे तक ताले ही नहीं खुल रहे हैं, इससे यह साफ है कि किसी को शासन के आदेश की चिंता नहीं है। खास बात यह कि यह सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक का आदेश कोई नया नहीं है, इसके बाद भी यह हाल है। नईदुनिया पड़ताल में गुरूवार को कलेक्ट्रेट, नगर निगम और जिला पंचायत में सुबह 10 बजे जब हालात देखे तो अधिकतर अफसर व कर्मचारियों की कुर्सियां खाली ही पड़ीं थीं।

कलेक्ट्रेट: जिस छत के नीचे कलेक्टर,वहीं खौफ नहीं
  • अपर कलेक्टर कार्यालय: एडीएम टीएन सिंह सुबह दस बजे से पहले ही आफिस में मौजूद थे, उनका स्टाफ भी कार्यालय 10 बजकर 10 मिनट तक आफिस में आ गया था। अपर कलेक्टर अंजू अरूण कुमार और उनका स्टाफ निर्धारित समय पर आफिस में मौजूद थे।
  • अधीक्षक कार्यालय: अधीक्षक आइआर भगत अपने केबिन में सवा दस बजे तक नहीं थे, केबिन के बाहर बैठने वाला स्थापना,माफी सहित अन्य स्टाफ समय पर कार्यालय में था।
  • खनिज विभाग: जिला खनिज अधिकारी प्रदीप भूरिया व खनिज निरीक्षक ठीक दस बजे कार्यालय में थे यहां से कार्रवाई के लिए रवाना हो रहे थे। उनका स्टाफ कार्यालय में नहीं था।
  • ड्रग इंस्पेक्टर कार्यालय: यहां ड्रग इंस्पेक्टर अनुभूति शर्मा व उनका स्टाफ नहीं था पूरा कार्यालय खाली था। इसी हाल में खाद्य सुरक्षा विभाग में अकेले एफएसओ सतीश शर्मा बैठे थे।
  • काेषालय: जिला कोषालय अधिकारी अरविंद शर्मा अपने कक्ष में सुबह समय से बैठे मिले लेकिन कुछ कर्मचारी 10 बजे के बाद कार्यालय आए थे।
  • महिला एवं बाल विकास विभाग: जिला कार्यक्रम अधिकारी डीएस जादौन और सहायक संचालक राहुल पाठक निर्धारित समय पर कार्यालय नहीं पहुंचे थे, अधिकतर स्टाफ गायब था।
  • एसडीएम कार्यालय: सुबह शहरी चारों एसडीएम खनिज विभाग की कार्रवाई के लिए निकल रहे थे, 10 बजे कार्यालय में कोई नहीं दिखा।
  • कलेक्ट्रेट डिस्पेंसरी: यहां एक ही कर्मचारी बैठा मिला और डाक्टर सहित अन्य कोई नहीं आया था।
  • लोक सेवा केंद्र: कलेक्ट्रेट के लोक सेवा केंद्र पर दो से तीन कर्मचारी दिखे और जिला प्रबंधक आशीष जैन का कक्ष व आनंद विभाग का कार्यालय पूरा सूना पड़ा था।
  • नजूल शाखा: यहां एक कर्मचारी और चपरासी निर्धारित समय पर कार्यालय में पहुंच गए थे।
  • जिला निर्वाचन शाखा: यहां उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव जैन का कक्ष बंद था और कोई स्टाफ भी नहीं था।
जिला पंचायत: समय पर न अफसर पहुंच रहे न कर्मचारी

गुरुवार की सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर नईदुनिया टीम जिला पंचायत कार्यालय पहुंची। सीईओ जिला पंचायत विवेक कुमार 10 बजे कार्यालय नहीं पहुंचे थे। इस समय कार्यालय का ताला खुल चुका था। कार्यालय अधीक्षक सबसे पहले दफ्तर पहुंचे। इसके अलावा कोई अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय में तय समय पर नहीं पहुंचा। सुबह 10 बजकर 02 मिनट पर मनरेगा शाखा कमरा नंबर 116 का ताला खुला था, लेकिन शाखा में कोई मौजूद नहीं था। वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कमरा नंबर 117 सूना था।

सुबह 10.05 बजे कमरा नंबर 119 का ताला तो खुला था, लेकिन कमरे में कोई मौजूद नहीं था। इसमें निर्माण शाखा, स्थापना शाखा, पंचायत प्रकोष्ठ शाखा से संबंधित कर्मचारी व अधिकारी बैठते हैं। लेखाधिकारी मनरेगाा कमरा नंबर 114 समय सुबह 10.06 बजे मौजूद नहीं थे।

समय सुबह 10.08 बजे स्वच्छ भारत मिशन कमरा नंबर 210 पर ताला पड़ा था। यह ताला 10.30 बजे खुला, लेकिन आया फिर भी कोई नहीं। प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण व जीटीपीसी, लोक सेवा गारंटी कक्ष पर भी ताला पड़ा था। कक्ष क्रमांक 204 परियोजना अधिकारी के कक्ष पर भी ताला लटका था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *