CAG report : नया कर्ज लेकर पुराना चुका रही सरकार ?
कैग की रिपोर्ट में खुलासा: नया कर्ज लेकर पुराना चुका रही सरकार, अटका हुआ है विकास
CAG report reveals: कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार (mp govt) द्वारा वर्तमान जरूरतों को पूरा करने और बकाया कर्ज पर ब्याज चुकाने के लिए उधार ली गई राशि का उपयोग नहीं होना चाहिए…।
CAG report reveals: राज्य सरकार लगातार ऋण ले रही है। इसमें से अधिकांश धनराशि का उपयोग पुराने ऋण चुकाने के लिए ही किया जा रहा है। पिछले पांच साल में 2018 से 2023 तक सरकार ने उधार ली गई कुल राशि का 32.63 प्रतिशत हिस्सा पुराने कर्ज और अन्य देयताओं को चुकाने में खर्च किया है।
वर्ष 2022-23 में यह 37 प्रतिशत है। यही कारण है कि प्रदेश में विकास कार्यों के लिए पर्याप्त राशि नहीं मिल पाई और कई काम अटक गए। यह खुलासा शुक्रवार को विधानसभा में पेश भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट (Comptroller and Auditor General) में हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि उधार लिए धन का उपयोग पूंजी के सृजन और विकास संबंधी गतिविधियों में किया जाना चाहिए। सरकार द्वारा वर्तमान जरूरतों को पूरा करने और बकाया कर्ज पर ब्याज चुकाने के लिए उधार ली गई राशि का उपयोग नहीं होना चाहिए, लेकिन मप्र सरकार ने उधार ली गई राशि से ही पुराने कर्ज चुकाने का काम किया।
इससे उधार ली गई धनराशि में से पूंजीगत व्यय के लिए कम गुंजाइश बची। कर्ज चुकाने के बाद जो राशि बची पूंजीगत व्यय उससे ज्यादा है। वर्ष 2018-23 की अवधि में ऋण का पुनर्भुगतान करने के बाद बची हुई राशि 58.39त्न से 80.42त्न के बीच ही रही। इससे विकास संबंधी गतिविधियों के लिए सीमित धनराशि बची। कई काम अटक गए। सबसे ज्यादा पीडब्ल्यूडी के काम अटके।

कैग की सलाह शासन को राजस्व व्यय पूरा करने के लिए पूंजीगत प्राप्तियों (उधार) के उपयोग से बचने के लिए स्वयं के राजस्व में वृद्धि के उपाय करने चाहिए। बजट तैयार करने की प्रक्रिया ऐसी हो, ताकि बजट अनुमानों-वास्तविक के बीच का अंतर कम हो सके। सरकार को विभिन्न इकाइयों में अपने निवेश एवं कर्ज अग्रिमों को इस प्रकार युक्तिसंगत बनाना चाहिए ताकि निवेश एवं कर्जों पर प्रतिलाभ कम से कम शासकीय उधारी लागतों के समान रहे।
राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जो भारी नुकसान उठा रहे हैं, उनके कामकाज की समीक्षा करनी चाहिए और उनके पुनरुद्धार की रणनीति तैयार करें। नए उधार लेने से पहले राज्य शासन आवश्यकता आधारित उधार लेने और मौजूदा नकदी शेष का उपयोग करने पर विचार कर सकता है।
