स्कूल में छात्रा से बैड टच का मामला छिपाने पर हेड मिस्ट्रेस, क्लास टीचर समेत चार गिरफ्तार !

 स्कूल में छात्रा से बैड टच का मामला छिपाने पर हेड मिस्ट्रेस, क्लास टीचर समेत चार गिरफ्तार

– मॉडर्न स्कूल में केजी की छात्रा से श्रमिक ने किया था बैड टच, सुपरवाइजर व ठेकेदार पर भी कार्रवाई

नोएडा। सेक्टर-12 स्थित मॉडर्न स्कूल (जूनियर विंग) में केजी की छात्रा (6) से बैड टच के मामले में पुलिस ने स्कूल की हेड मिस्ट्रेस प्रीति शुक्ला, क्लास टीचर सरिता सुनेजा, सुपरवाइजर बसंत पांडेय और ठेकेदार मुकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मुख्य आरोपी फरार है। इस मामले में स्कूल प्रबंधन पर वारदात को छिपाने और आरोपी को भगाने का आरोप है। पुलिस जांच में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की गई है। वहीं पुलिस की तीन टीमें मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।

मॉडर्न स्कूल के जूनियर विंग में इन दिनों निर्माण कार्य जारी है। मौके पर कई श्रमिक काम कर रहे हैं। पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक तीन सितंबर को केजी की छात्रा स्कूल गई थी। आरोप है कि वहां श्रमिक ने मासूम बच्ची को गोद में उठाकर गलत तरीके से छुआ था। वहां से किसी तरह भागी बच्ची ने तुरंत क्लास टीचर सरिता सुनेजा को घटना की जानकारी दी। साथ ही इसकी सूचना हेड मिस्ट्रेस प्रीति शुक्ला को दी गई। आरोप है कि दोनों ने स्कूल के सुपरवाइजर बसंत पांडेय और श्रमिकों के ठेकेदार मुकेश कुमार के साथ मिलकर इस संवेदनशील मामले को छिपाकर मुख्य आरोपी को भगा दिया।

बच्ची ने घर जाकर पूरी बात माता-पिता को बताई। जिसके बाद परिजन तुरंत स्कूल पहुंच गए। मामले में परिजनों की शिकायत पर कोतवाली सेक्टर-24 पुलिस ने पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस की जांच में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई। जिसके बाद प्रीति शुक्ला, सरिता सुनेजा, बसंत पांडेय और मुकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। एडीसीपी मनीष मिश्र का कहना है कि पुलिस ने गहन जांच के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

स्कूल प्रबंधन ने परिजनों को किया गुमराह

छात्रा से मामले का पता चलते ही परिजन स्कूल पहुंचे। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने परिजनों को गुमराह करना शुरू कर दिया। स्कूल प्रबंधन की तरफ से आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप देने की बात कही गई। परिजन इसके बाद थाने पहुंचे। जहां पुलिस से आरोपी को सौंपे जाने की जानकारी से इन्कार किया। इसके बाद परिजन ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी।

हेड मिस्ट्रेस व क्लास टीचर ने बच्ची को समझाया

पुलिस की जांच में पता चला कि श्रमिक की चंगुल से छूटकर बच्ची सबसे पहले क्लास टीचर के पास पहुंची। क्लास टीचर बच्ची को लेकर हेड मिस्ट्रेस के पास पहुंची। जहां दोनों ने बच्ची को समझाया। दोनों ने बच्ची को समझा बुझाकर घटना के बारे में किसी को नहीं बताने के लिए कहा। इसके बाद हेड मिस्ट्रेस ने सुपरवाइजर और ठेकेदार के साथ मिलकर आरोपी को भगा दिया था।

गुड और बैड टच सिखाने वालों ने ही घटना को दबाया

स्कूल के शिक्षकों ने ही बच्ची को गुड टच और बैड टच के बारे में सिखाया था। जब बच्ची स्कूल में बैड टच की शिकार हुई शिक्षकों ने ही इसे छिपा लिया। इस घटना के बाद नोएडा पुलिस की कार्रवाई अन्य स्कूल प्रबंधकों के लिए नजीर बनेगी। वहीं परिजन भी हमेशा बच्ची से गुड टच बैड टच की जानकारी देते थे और लगातार पूछते रहते थे।

लंच में बच्ची को गोद में उठाया

तीन सितंबर को लंच के दौरान बच्ची स्कूल में घूमते हुए कंस्ट्रक्शन साइट के पास पहुंच गई जहां आरोपी काम कर रहा था। बच्ची को अकेला पाकर आरोपी ने उसे पास बुला लिया। करीब आते ही उसे गोद में उठाकर बैड टच करने लगा। बच्ची ने विरोध करने पर भी आराेपी नहीं माना। बच्ची के रोना शुरू करते ही उसने बच्ची को छोड़ दिया। लंच के दौरान स्कूल में बच्चों का शोर हो रहा था। इस कारण किसी ने ध्यान नहीं दिया। बच्ची यहां से सीधे अपनी क्लास टीचर के पास पहुंची।

पहले भी कई मामले सामने आए

शहर में स्कूल में बैड टच का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामले सामने आए हैं लेकिन स्कूल प्रबंधन पर इस तरह की पहली बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले तीन जुलाई को कोतवाली फेज-3 क्षेत्र में म्यूजिक टीचर को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी टीचर म्यूजिक डांस सिखाने के दौरान पॉर्न वीडियो दिखाता था। इससे पहले कोतवाली सेक्टर-24 व कोतवाली सेक्टर-39 क्षेत्र के स्कूल में भी इस तरह की मामले सामने आए थे।

माता-पिता को अपने बच्चों से रोजाना स्कूल से आने के बाद फीडबैक लेना चाहिए। बच्चों को गुड टच व बैड टच के बारे में बताना चाहिए और उन पर नजर रखना चाहिए। उसके व्यवहार को हमेशा पढ़ते रहना चाहिए। परिवार के लोग अपने बच्चों को लेकर हमेशा अलर्ट रहें। – डॉ. आनंद प्रताप सिंह, विभाग अध्यक्ष मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग, गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी

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