MP: किसी भी सर्वे में जानकारी देने से कतरा रहे यहां के लोग, डर की वजह से कर लेते हैं दरवाजे बंद
…..देश में एनआरसी और सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के बीच मध्य प्रदेश सरकार का एनएफएसए सर्वे खटाई में पड़ गया है. लोग एनआरसी के नाम पर इतने डरे हुए हैं कि किसी भी सर्वे के नाम से ही गुस्सा हो जा रहे हैं. बैतूल में तो इसे लेकर विवादों की स्तिथि बन गई है. जिससे पूरे अभियान में बैतूल जिला पिछड़ गया है.
यहां एनएफएसए यानी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत करवाए जा रहे खाद्य पात्रता पर्ची के सत्यापन का अभियान विवादों में घिर गया है. मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में एनआरसी के नाम से डरे लोग न तो सर्वे में कोई जानकारी दे रहे हैं और न ही कोई दस्तावेज दिखाने को तैयार हैं.
हालात यह है कि सर्वे करने आ रहे कर्मचारियों का रोज लोगों से बहस और विवाद हो रहा है. इसे एनआरसी और एनपीआर का सर्वे मानते हुए लोग अपने परिवार की जानकारी देने से हिचक रहे हैं. सर्वे दल को देखते ही लोग दरवाजे बंद कर देते हैं. वहीं, कुछ लोग आधार कार्ड और दूसरे कागजातों मांगने पर भड़क जाते हैं. जिसकी वजह से बैतूल जिले में अभियान बाकि जिलों के मुकाबले पिछड़ गया है.
अब तक सिर्फ 63 हजार लोगों का ही सर्वे हो पाया
बैतूल जिले में 2 लाख 76 हजार 276 पर्चीधारी परिवारों का सत्यापन होना है. जिसके लिए दल में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और दूसरे कर्मचारियों को एक फार्म पर लोगों की जानकारी भरकर एकत्रित करनी है. इसके लिए बनाए गए मोबाइल एप पर भी लोगों के घरों और दस्तावेजों की फोटो लेनी है.
लेकिन, लोग डर की वजह से कुछ दिखाने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि बैतूल में अब तक सिर्फ 63 हजार लोगों का ही सर्वे हो पाया है. प्रदेश के 51 जिलों में वह पिछड़ते हुए 49वें नम्बर पर आ गया है. यहां अब तक सिर्फ 22 प्रतिशत लोगों का ही सत्यापन हो सका है.
‘एनआरसी का खौफ लोगों के दिलों से दूर किया जाएगा’
हालांकि, कलेक्टर तेजस्वी एस नायक मानते हैं कि सरकार के दूसरे अन्य अभियानों के कारण वे पिछड़ रहे हैं. एनआरसी का खौफ लोगों के दिलों से दूर किया जाएगा. खासतौर पर मुस्लिम इलाकों में हालात बिगड़े हुए हैं.
कोई कागजात नहीं देंगे- स्थानीय
स्थानीय महिला जैतून बी कहती हैं कि हमको एनआरसी से डर है. हम कोई कगजात नही देंगे. डर लगता है कहीं देश से ही न भगा दें. जबकि हमारे बाप दादा यहीं पैदा हुए.
सर्वे दल की पीड़ा
सर्वे दल में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शाहीन परवीन बताती हैं कि हम राशन मित्र का सर्वे करने निकले हैं. लेकिन, लोग देखते ही गेट बंद कर देते हैं. लोग एनआरसी-सीएए से डरे हुए हैं. उधर अधिकारी सर्वे करने का दबाव दे रहे हैं.