हत्यारोपियों के गिरफ्तार होकर जेल जाने और स्कूल में ताला लगने के बाद एक-एक कर यहां बच्चों के साथ होने वाली अमानवीयता की जानकारी बाहर आ रही है। बच्चे और उनके परिजन खुलकर आरोप लगा रहे हैं और पूर्व में हुई घटनाओं की जानकारी दे रहे हैं।
गांव आरती निवासी माधुरी ने बताया कि उसके दो बच्चे डीएल पब्लिक स्कूल में एलकेजी एवं कक्षा एक में पढ़ते हैं। हत्या की घटना और स्कूल प्रबंधक व उसके पिता की करतूतों को सुनकर उनकी भी रूह कांप जाती है। छोटे बच्चों पर भी उन्हें दया नहीं आती थी।
गांव बहरदोई निवासी राजेन्द्र सिंह का कहना है कि उनका धेवता प्रिंस उसी स्कूल का कक्षा दो का विद्यार्थी है। कृतार्थ की हत्या से दो दिन पहले पहले शुक्रवार को उसका भी रस्सी से गला घोंटने की कोशिश हुई थी। इसके बाद वह उसे घर ले आए थे। वह इतना डर गया था कि उसने स्कूल जाने से मना कर दिया और मां के पैरों पर लिपट गया था।
इस स्कूल में पढ़ने वाले रुद्र, वंश प्रताप,स्वेता, राधिका अन्नू आदि बच्चों के अभिभावक गीता देवी, विनीता कुमारी ,विनोद कुमार, रीना देवी का कहना है कि कृतार्थ की हत्या होने एवं स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चों ने बताया कि प्रबंधक, उसके पिता, अंग्रेजी अध्यापक रामप्रकाश सोलंकी छोटी-छोटी गलतियों पर बेरहमी से पीटते थे। घर बताने पर और सजा देने की धमकी देते थे।
100 विद्यार्थियों के दूसरे स्कूलों में प्रवेश का रास्ता साफ, 600 कहां जाएंगे, इस पर संशय
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डीएल पब्लिक स्कूल रसगवां में पढ़ने वाले और यू डायस पर पंजीकृत छात्रों को पांच किलोमीटर की परिधि में स्थित विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए कहा है। इस विद्यालय के मात्र 100 ही छात्रों का यू डायस पर पंजीकरण है। ऐसे में 600 विद्यार्थी कहां जाएंगे, इस पर संशय बना हुआ है।यह विद्यालय छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या के बाद सुर्खियों में है। इस मामले प्रबंधक दिनेश बघेल और उसके पिता सहित पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को बिना मान्यता आठ तक की कक्षाएं और आवासीय विद्यालय चलाने पर प्रबंधक के खिलाफ सहपऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
इससे पहले चार साल तक यह स्कूल चलता रहा और किसी ने स्कूल में जाकर जांच या कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई। छात्र की हत्या हो जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की नींद टूटी और स्कूल पर शिकंजा कसा।
अब यहां पढ़ने वाले छात्रों का दूसरे विद्यालयों प्रवेश कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वाती भारती ने बताया कि ने शनिवार को यू डायस में पंजीकृत बच्चों को पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले 35 विद्यालयों में प्रवेश कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। पंजीकृत सौ बच्चों की सूची बीएसए ने खंड विकास अधिकारी सादाबाद, सहपऊ, मुरसान, हाथरस को भेजी है।
इसमें बड़ा सवाल यह है कि विद्यालय में 700 विद्यार्थी पढ़ रहे थे, पंजीकरण सौ का ही है। ऐसे में 600 विद्यार्थियों के पास न तो प्रमाणित शैक्षिक दस्तावेज और न ही टीसी (स्थानांतरण सर्टीफिकेट) मिलेगा। ऐसे इनके में प्रवेश में भी समस्या आएगी। इस सवाल पर बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि इन्हें चिन्ह्ति कराया जाएगा और उसके बाद नजदीकी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा।
जिन बच्चों के नाम पंजीकृत नहीं हैं, उनको चिन्हित कर नजदीकी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा।-स्वाति भारती, बीएसए।