ऑर्गेनिक खाद्य में क्या ज्यादा पोषक तत्व होते हैं.
जैविक अनाज: ऑर्गेनिक खाद्य में क्या ज्यादा पोषक तत्व होते हैं…. फ्रांस में किए गए सर्वेक्षण से समझिए
मांस, अंडे, पोल्ट्री और डेयरी उत्पाद भी ऑर्गेनिक होते हैं, बशर्ते कि पशुओं को बाहर चराया जाता रहा हो और उत्पाद तैयार करने के लिए ग्रोथ हार्मोन्स, एंटीबायोटिक्स या जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद न ली गई हो।

जैविक खाद्य पदार्थ महंगे इसलिए होते हैं कि उनके उत्पादन में ज्यादा श्रम लगता है। ऑर्गेनिक खेती करने वाले चूंकि असरकारी रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं करते, लिहाजा अपने खेतों के खर-पतवारों को साफ करने के लिए उन्हें अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। लेकिन महंगे होने का मतलब यह कतई नहीं है कि जैविक उत्पादों में अधिक पोषक तत्व होते हैं।
क्या कहते है विशेषज्ञ..
वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक, जैविक और गैर जैविक उत्पादों के बीच का फर्क अधिक नहीं होता। वर्ष 2018 में फ्रांस में 70,000 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण से यह तथ्य सामने आया था कि जो लोग जैविक उत्पादों का सेवन करते हैं, उनमें जैविक उत्पादों का बिल्कुल ही सेवन न करने वाले लोगों की तुलना में कैंसर का खतरा 25 फीसदी कम था। यह भी कहा जाता है कि जैविक उत्पादों के सेवन से मधुमेह, मोटापा और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है।
लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह साबित नहीं किया जा सका है कि जैविक उत्पाद स्वास्थ्य के लिए अच्छे ही होते हैं। तर्क यह भी दिया जाता है कि जैविक उत्पादों के सेवन से स्वास्थ्य पर अगर कमोबेश अच्छा असर पड़ता है, तो वह इसलिए कि इनका इस्तेमाल करने वाले उच्च आय वर्ग के और स्वास्थ्य के प्रति सजग लोग होते हैं। सामान्यत: कीटनाशकों के असर से बचने के लिए लोग जैविक उत्पादों को तरजीह देते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए जैविक उत्पादों का सेवन करना आवश्यक कतई नहीं है, क्योंकि कीटनाशकों का खतरा तो फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर भी कम किया जा सकता है।

कोविड-19 के बाद से लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरुक हो गए हैं। लोग आर्टिफिशियल, केमिकल वाले या जंक फूड्स खाने के स्थान पर हेल्दी और केमिकल फ्री खाद्य पदार्थों की तलाश करते हैं। आज के समय में लोगों का रूझान ऑर्गेनिक फूड्स की ओर ज्यादा बढ़ रहा है। ऑर्गेनिक फूड्स बेचने वाली कंपनियों औऱ नेचुरल फूड्स बेचने वाली कंपनियों में काफी कॉम्पिटिशन चल रहा है। दोनों ही खाद्य पदार्थों को हेल्दी और केमिकल फ्री बताया जाता है। ऐसे में लोग काफी कंफ्यूज हो जाते हैं कि नेचुरल और ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों में कौन-से फूड्स ज्यादा बेहतर होते हैं। ऐसे में आइए डायटेटिक प्लेस की फाउंडर और न्यूट्रिशनिस्ट साक्षी सिंह से जानते हैं कि प्राकृतिक भोजन और जैविक खाद्य पदार्थों में क्या अंतर है?
नेचुरल खाद्य पदार्थ क्या होते हैं?
“प्राकृतिक” के तौर में लेबल किए गए खाद्य पदार्थ ज्यादातर हल्के तरीके से तैयार किए जाते हैं और उनमें सिंथेटिक या आर्टिफिशियल चीजें नहीं होती है। नेचुरल खाद्य पदार्थो को केमिकल के रूप में नहीं बदला जाता है और उनमें कम या ना के बराबर केमिकलहोते हैं। खाद्य मानक प्राधिकरण (FSA) के अनुसार, नेचुरल खाद्य पदार्थ आर्टिफिशियल या सिंथेटिक सामग्रियों से मुक्त होते हैं और उनमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और चीनी शामिल होती हैं
नेचुरल और ऑर्गेनिक का स्वास्थ्य पर प्रभाव
हार्मोन और एंटीबायोटिक्सऑर्गेनिक फूड्स मांस, डेयरी और अंडे ऐसे जानवरों से आते हैं जिनका सिंथेटिक हार्मोन या एंटीबायोटिक्स से इलाज नहीं किया जाता है। इससे एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया या सिंथेटिक हार्मोन के सेवन का जोखिम कम हो सकता है, जो आपके शरीर के प्राकृतिक हार्मोनल संतुलन में बाधित कर सकते हैं।
पर्यावरण पर प्रभावजैविक खेती की प्रथाओं को पारंपरिक खेती की तुलना में ज्यादा टिकाऊ बनाया गया है। वे मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, प्रदूषण को कम करते हैं और पानी का संरक्षण करते हैं। प्राकृतिक खाद्य पदार्थ, हालांकि कम से कम संसाधित होते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे इन समान पर्यावरणीय मानकों का पालन करें।
नेचुरल और ऑर्गेनिक में क्या बेस्ट है?
- अगर आप कीटनाशकों, सिंथेटिक एडिटिव्स और हार्मोन के संपर्क को कम करना चाहते हैं, तो ऑर्गेनिक आम तौर पर एक सुरक्षित विकल्प है।
- ऑर्गेनिक खेती ज्यादा टिकाऊ है, इसलिए अगर आप पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चिंतित हैं, तो यह बेहतर विकल्प है।
- उत्पादन की उच्च लागत के कारण ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ ज्यादा महंगे हो सकते हैं। अगर आपका बजट सीमित है, तो फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोते हुए प्राकृतिक या पारंपरिक उत्पादों को चुनना बेहतर हो सकता है।
अगर आपको नेचुरल और ऑर्गेनिक के बीच, किसी एक तरह के ऑर्गेनिक फूड्स को चुनना है तो ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ ज़्यादा फायदेमंद होते हैं। खासकर हानिकारक केमिकल के संपर्क से बचाव के लिए।