पढ़ाई में बेवजह के तनाव से पैदा होती है ग्रेड इन्फ्लेशन की समस्या, इससे ऐसे निपटें

पढ़ाई में बेवजह के तनाव से पैदा होती है ग्रेड इन्फ्लेशन की समस्या, इससे ऐसे निपटें

Study: पाठ्येतर गतिविधियों में ज्यादा संलिप्तता के कारण गहन चिंतन की कमी होती जा रही है। इन गतिविधियों में शामिल रहने से सिलेबस को पूरा करने के दबाव बना रहता है। ऐसे में सही प्रबंधन की कमी दैनिक गतिविधियों पर काफी दबाव डाल सकती है।
 
The problem of grade inflation arises due to unnecessary stress in studies, deal with it like this
छात्र (सांकेतिक तस्वीर) ….

Grade Inflation: शिक्षा प्रणाली एक ऐसा मकड़जाल है, जिसे यदि अच्छे से प्रबंधित न किया जाए, तो यह आपकी दैनिक गतिविधियों पर काफी दबाव डाल सकती है। इस वजह से एक काम से दूसरे काम में भाग-दौड़ के कारण आपको मानसिक तनाव से जूझना पड़ सकता है। इससे एक ऐसा माहौल बनता है, जहां आप वास्तव में सीखने के बजाय बस इतना ही करते हैं कि आपका काम चल जाए। ऐसे में आप ‘ग्रेड इन्फ्लेशन’ जैसी समस्या का सामना करने लगते लगते हैं।

ग्रेड इन्फ्लेशन के बारे में

ग्रेड इन्फ्लेशन का मतलब है कि केवल अपने ग्रेड के आधार पर बाकियों से अलग दिखने के बजाय छात्रों को कक्षा से इतर भी कुछ अलग करने का दबाव बनने लगता है। इस स्थिति में छात्रों के ग्रेड में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता, इसलिए वे खुद को अलग दिखाने के लिए पाठ्येतर गतिविधियों (एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटी) पर ज्यादा ध्यान देने लगते हैं।
गहन चिंतन
पाठ्येतर गतिविधियों में ज्यादा संलिप्तता के कारण गहन चिंतन की कमी होती जा रही है। पूरी किताबें पढ़ने या लंबे निबंध लिखने जैसी अन्य पारंपरिक गतिविधियों को छोटे कार्यों और त्वरित आकलन से बदला जा रहा है। ऐसे में, विचारों पर चिंतन करने पर ज्यादा जोर देना चाहिए। इससे आप विचारों को आपस में जोड़ने, साहित्य को समझने और साथियों के साथ बेहतर संबंध बना पाएंगे।
कॉलेज का दबाव

पाठ्येतर गतिविधियों के कारण कॉलेज में किसी अच्छे कोर्स में दाखिला लेने के लिए गणित या उन विषयों पर अधिक मेहनत करने का दबाव बना रहता है, जिनमें शायद आपकी कम रुचि होती है। अगर आप ऐसे किसी स्नातक कोर्स में प्रवेश ले लेते हैं, तो अवसाद, चिंता और माइग्रेन जैसे तनाव बढ़ जाते हैं। ऐसे में यह विचार करें कि आपके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण क्या है।
  
कक्षा और स्क्रीन से निकलें बाहर

इन गतिविधियों में शामिल रहने से सिलेबस को पूरा करने के दबाव बना रहता है, जिस कारण आपकी जिंदगी केवल कक्षा से टीवी और मोबाइल की स्क्रीन के बीच ही सिमटकर रह जाती है। यदि आप अपने जीवन में कुछ नया करना चाहते हैं, तो इनसे इतर ऐसे कार्यों को करें, जो वाकई आपके कॅरिअर के लिए महत्वपूर्ण हों।
फीडबैक लूप

जब आप पाठ्येतर गतिविधियों से थक जाते हैं, तो नई चीजों के बारे में विचार करना कम या बिल्कुल बंद कर देते हैं। यह बोझ एक फीडबैक लूप बनाता है, जिससे बाहर निकलना काफी मुश्किल होता है। कई बार आप उन कार्यों को कर पाने में भी असमर्थ होते हैं, जो महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में आपको अपनी दिनचर्या में केवल उन्हीं चीजों को शामिल करना चाहिए, जो कॅरिअर में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

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