दिल्ली पुलिस की दो हेड कांस्टेबल सीमा देवी और सुमन हुड्डा ने नौ महीने में 104 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया। सीमा और सुमन की हर तरफ तारीफ हो रही है। मार्च से नवंबर के बीच ऑपरेशन मिलाप चलाया गया। इसी के तहत उन्होंने हरियाणा, बिहार और यूपी के इलाकों का दौरा किया और बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया। लापता बच्चों को ढूंढने के दौरान उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। इनमें बच्चों की नई फोटो न होना, भाषा का ज्ञान न होना, अनजान जगहों पर जाना और स्थानीय लोगों की मदद न मिलना जैसी समस्याएं शामिल थी।
हेड कांस्टेबल सीमा ने कहा, “हमारी टीम ने 9 महीने में 104 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया है…ऐसा करके हम खुश हैं…मैं एक मां हूं और मैं उन… pic.twitter.com/ttVjKZDcAN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 22, 2024
हेड कांस्टेबल सीमा ने कहा, ‘हमारी टीम ने नौ महीने में 104 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया है… ऐसा करके हम खुश हैं। मैं एक मां हूं और मैं उन माता-पिता का दर्द समझ सकती हूं, जिनके बच्चे लापता हो गए हैं, इसलिए हमें लापता बच्चों को खोजने में ज्यादा दिलचस्पी थी।’ सीमा देवी ने कहा, ‘ये सब करके मुझे बहुत अच्छा लगा। मेरी पोस्टिंग हुई थी, कुछ पता नहीं था। बच्चों को ढूंढना मुझे अच्छा लगने लगा। अच्छा लगते-लगते ऐसा लगा कि मैं इसी चीज के लिए बनी हूं।’
हेड कांस्टेबल सीमा ने कहा, ‘जो दस साल से छोटे बच्चे हैं वे सभी इमोशन के साथ ही ढूंढे जाते हैं, क्योंकि जो बड़े होते हैं उनको पता होता है। छोटे बच्चों को कोई जानकारी नहीं होती। न वो किसी के साथ जाते हैं… बस वो घर से ऐसे ही निकल जाते हैं। घर में किसी ने डांट दिया, या फिर खेलते-खेलते निकल गए और रास्ता भूल गए। 10 साल से बड़े बच्चों घरवालों से गुस्सा होकर निकल जाते हैं, लेकिन 10 साल से नीचे वाले बच्चे नहीं जाते हैं।’
सीमा ने कहा, ‘कुछ माता-पिता को पता ही नहीं कि उनके बच्चे कर क्या रहे हैं, उनके घर पर कौन आ रहा है। इस चीज को बच्चों से ज्यादा माता-पिता को समझना होगा। बच्चों को बाद में समझाएंगे, पहले माता-पिता समझें।’