साल में दो बार होगी 10वीं – 12वीं की एमपी बोर्ड परीक्षा !
साल में दो बार होगी 10वीं – 12वीं की एमपी बोर्ड परीक्षा, सप्लीमेंट्री एग्जाम भी खत्म
इस संबंध में राज्य स्कूल शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल विनियम-1965 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी कर 15 दिन में आपत्ति-सुझाव भी मांगे हैं। इसके बाद नियमों को अंतिम रूप देकर इस व्यवस्था को इसी शैक्षिक सत्र से लागू कर दिया जाएगा।
- मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार का बड़ा फैसला
- पहली फरवरी-मार्च में और दूसरी परीक्षा जुलाई-अगस्त में
- इसी शैक्षिक सत्र से लागू कर दी जाएगी नई व्यवस्था
भोपाल : मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (मप्र बोर्ड) की 10वीं व 12वीं की परीक्षा अब एक शैक्षिक सत्र में दो बार कराई जाएगी। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है।
यह भी तय किया गया है कि अब बोर्ड परीक्षा के बाद पूरक परीक्षा नहीं कराई जाएगी। पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में और दूसरी परीक्षा जुलाई-अगस्त में होगी। जाहिर है कि इसके बाद जुलाई-अगस्त में द्वितीय परीक्षा आयोजित की जाएगी।
दोनों परीक्षाओं के आधार पर तैयार होगा रिजल्ट
- द्वितीय परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल होंगे, जिन्होंने पहली परीक्षा दी है। इसके बाद बोर्ड की पहली परीक्षा और दूसरी परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर वार्षिक परीक्षा का परिणाम तैयार किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) ने भी अगले शैक्षणिक सत्र से दो बार 10वीं और 12वीं की परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। इसी तर्ज पर मप्र बोर्ड भी आगे बढ़ा है।
- मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं व 12वीं परीक्षा में हर साल करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं। बोर्ड की अभी तक एक ही परीक्षा फरवरी या मार्च में होती थी। मुख्य परीक्षा के रिजल्ट के बाद जुलाई में पूरक परीक्षा आयोजित की जाती थी, जिसे अब नई व्यवस्था में नहीं कराने का निर्णय लिया गया है।
अब ऐसी रहेगी व्यवस्थाद्वितीय परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थी पूर्ण परीक्षा परिणाम घोषित होने तक माध्यमिक शिक्षा मंडल या महाविद्यालय द्वारा संबद्धता प्राप्त संस्था के प्रधानाचार्यों से अनुमति प्राप्त कर अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश ले सकेंगे।
ऐसे विद्यार्थियों के लिए, जो मंडल की प्रथम परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक या एक से अधिक विषयों में अनुपस्थित अथवा अनुत्तीर्ण रहे हों, द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
ऐसे अभ्यर्थी, जो किसी विषय में उत्तीर्ण हो गए हों, वे भी अंक सुधार के लिए द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
प्रथम परीक्षा में उत्तीर्ण रहे विद्यार्थी भी एक या एक से अधिक विषयों में द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
प्रायोगिक विषयों में कोई विद्यार्थी प्रथम परीक्षा की प्रायोगिक/आंतरिक परीक्षा के केवल अनुत्तीर्ण भाग में शामिल होने के लिए पात्र होगा।
द्वितीय परीक्षा में शामिल होने के लिए विद्यार्थी को आवेदन-पत्र भरना अनिवार्य होगा, लेकिन द्वितीय परीक्षा के दौरान विद्यार्थी द्वारा प्रथम परीक्षा में लिए गए विषय में परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी।