पुलिस अफसरों और नेताओं के साथ फोटो खिंचवाने वाला जय बाजपेयी बन गया ‘गैंगस्टर’

कानपुर: विकास दुबे के काले कारोबार को सफेदफोश बनाने का धंधा करने वाला जय बाजपेयी अब कानूनी शिकंजे में जकड़ चुका है. जय बाजपेयी की संपत्ति और उसकी काली कमाई पर प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर पड़ने के बाद अब उस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. जय बाजपेयी के साथ-साथ उसके तीन भाइयों के खिलाफ भी पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट लगाया है.

जय बाजपेयी के भाइयों पर भी गैंगस्टर एक्ट 
जयकांत बाजपेयी, उसके भाई शोभित बाजपेयी और बड़े भाई अजयकांत बाजपेयी और रजयकांत बाजपेयी का भी नाम भी इस गैंग के सदस्य के तौर पर दर्ज किया गया है. ये कार्यवाही थाना चौबेपुर और नजीराबाद थानों में दर्ज मामलों के आधार पर की गई है. सभी आरोपियों पर गिरोह बनाकर अपराध करने और अवैध संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया है.

जयकांत बाजपेयी समेत चारों भाइयों पर संगठित गिरोह के तौर पर काम करने, सरकारी जमीन पर कब्जा करने, मारपीट, गाली गलौज और अन्य जघन्य घटनाओं को अंजाम देने, गैंग के आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए धन अर्जित करने के साथ समाज विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का जिक्र पुलिस ने किया है. ये भी कहा गया है कि इलाके में इनका आतंक इस कदर है कि कोई भी इनके खिलाफ न्यायालय में गवाही देने का साहस नहीं करता. अब इन आरोपों को लेकर पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई शुरु कर चुकी है. फिलहाल जय बाजपेयी कानपुर देहात की जेल में बंद है जबकि उसके बाकी भाइयों और साथियों की गिरफ्तारी की कोशिश जारी है. से 

विकास दुबे का खजांची है जय बाजपेयी
बिकरू हत्याकांड के बाद जय बाजपेयी का नाम विकास दुबे के खजांची के तौर सामने आया. विकास दुबे को लग्जरी गाड़ियां उपलब्ध कराने और जरूरत के वक्त उसे तत्काल पैसे उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जय की थी. जय ने विकास दुबे के नाम पर जमीनों की खरीद फरोख्त में भी काफी फायदा कमाया. जय बाजपेयी कभी प्रिंटिंग प्रेस में 4000 रुपये की नौकरी करता था. फिर विकास दुबे के संपर्क में आने के बाद वो 7 साल के अंदर करोड़पति बन गया. जय बाजपेयी को अधिकारियों और नेताओं के साथ भी खूब देखा गया. बिकरू कांड में उसका नाम आने के बाद कई अधिकारियों और नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें वायरल हुई हैं.

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