विकास के बजाय ग्वालियर- चंबल अंचल में गूंज रहे नेताओं के बिगड़े बोल

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहा है। इनमें से 13 विधानसभा सीटें ग्वालियर-चंबल अंचल की हैं। उपचुनाव में विकास के मुद्दे तो पीछे छूट गए हैं और नेताओं के बिगड़े बोल ही गूंज रहे हैं। इससे उपचुनाव का माहौल ही खराब हो गया है। भाजपा व कांग्रेस के नेता एक-दूसरे को अपना दुश्मन जैसा समझकर उनके बारे में बोल रहे हैं। अब हर जगह केवल यही चर्चा हो रही है कि किस नेता ने किसके बारे में क्या बोला है।

उपचुनाव की शुरुआत गद्दार, टिकाऊ-बिकाऊ, भ्रष्टाचारी व दलाल जैसे शब्दों से हुई थी। उपचुनाव के प्रचार में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नंगा-भूखा बोलकर भाजपा को चुनाव को आगे बढ़ाने का मुद्दा दे दिया था। भाजपा सुनियोजित तरीके से कमल नाथ को प्रदेश के सेठ की संज्ञा देकर कांग्रेस पर पलटवार कर रही थी।

अब कमल नाथ ने प्रदेश की कैबिनेट मंत्री इमरती देवी के संबंध में अशोभनीय शब्द उन्हीं के क्षेत्र में बोलकर भाजपा को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाने के लिए एक बड़ा हथियार दे दिया है। पहले सत्ता संघर्ष में प्रमुख हथियार रहे हैं ये शब्द उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाढार की संज्ञा देकर 17 साल पहले कांग्रेस से सत्ता छीनी थी। अब प्रदेश के उपचुनाव में कमल नाथ के इमरती के अपमान संबंधी शब्द गूंज रहे हैं।

उपचुनाव के बिगड़े बोल

ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके साथ भाजपा में गए लोगों को गद्दार की संज्ञा दे रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमल नाथ को मिस्टर 15 परसेंट नया नाम दिया।

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को भूखा- नंगा कहा।

सीएम को नंगा भूखा बताने पर वीडी शर्मा अपने भाषणों में कमल नाथ सेठ का संबोधन दे रहे हैं।

कांग्रेस की सभाओं में पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम से पहले श्रीमंत लगता था, अब उन्हें कांग्रेस श्रीअंत के नाम से संबोधितत कर रही है।

 

कमल नाथ ने वल्लभ भवन को बना दिया भ्रष्टाचार का अड्डा।

अजय सिंह ने इमरती देवी को जलेबी की संज्ञा दे दी।

कांग्रेस टिकाऊ-बिकाऊ के नारे पहले से लगा रही है।

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