उत्तर प्रदेश : फोन पर जज बनकर SP से की थाने में बंद युवक को रिहा करने की सिफारिश, 2 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बागपत (Baghpat) में दो युवकों ने खुद को जज (Judge) बताकर बागपत एसपी (SP) को फोन किया था. मामला संदिग्ध लगने पर एसपी अभिषेक सिंह ने जांच कराई तो पता चला कि दोनों युवक फर्जी है.
उत्तर प्रदेश के बागपत (Baghpat) में दो युवकों ने खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज (Supreme Court Judge) बता कर एसपी से एक मुलजिम की सिफारिश की थी. जिस आरोप में दोनों युवकों को छपरौली थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस मामले को लेकर सीओ बागपत मंगल सिंह रावत ने बताया कि दोनों युवकों ने एसपी बागपत के सीयूजी नंबर पर कॉल करके आर्म्स एक्ट की धाराओं में बंद एक युवक को थाने से छुड़वाने की सिफारिश की थी.
जो एसपी को संदिग्ध लगा. इसके बाद एसपी ने फोन करने वाले दोनों युवको को ट्रेस कराया, जिसके बाद उनकी असलियत सामने आई. फर्जी जज बने दोनों युवक एसपी बागपत के निर्देश पर जेल पहुंच गये और जंहा उनका भांढाफोड हो गया. दोनों युवकों को जेल भेजने के बाद छपरौली थाना पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है.पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए एक युवकों के नाम खालिद और समय सिंह है. यह दोनों युवक गाजियाबाद के रहने वाले हैं जिन्होंने एसपी बागपत अभिषेक सिंह ( Abhishek Singh) के सीयूजी नंबर पर कॉल करके खुद को जज बताया और जेल में बंद युवक की सिफारिश की. हालांकि पोल खुलने के बाद दोनों जेल पहुंच गए हैं.
एसपी के PRO ने की शिकायत
दरअसल खालिद और समय सिंह ने खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज बताकर बागपत के एसपी अभिषेक सिंह को फोन किया था. जिसके बाद उन्होंने छपरौली थाने में बंद रविंद्र नाम के युवक को तुरंत रिहा करने की सिफारिश की. मामला संदिग्ध लगने पर एसपी बागपत अभिषेक सिंह ने जांच कराई तो पता चला कि युवक जज नहीं है बल्कि फर्जी जज बनकर फोन कर रहे थे. इसके बाद एसपी के निर्देश पर दोनों युवकों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है. एसपी के पीआरओ मनोज सिंह की शिकायत पर छपरौली थाना पुलिस ने दोनों फर्जी जजों के खिलाफ कार्रवाई की है.