उत्तर प्रदेश: दो वक्त की रोटी को तरस रहा ‘RAW’ का पूर्व एजेंट, 1985 से एजेंसी के लिए काम करने का दावा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ के मनोज रंजन दीक्षित ने दावा किया वो भारत की खुफिया एजेंसी RAW के पूर्व एजेंट (Agent)है. दीक्षित का कहना है कि अधिकारी अब इस बात को नकार रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में एक शख्स की कहानी एक बॉलीवुड थ्रिलर के लिए एकदम सही मैटेरियल मालूम पड़ती है जो एक दर्दभरी वास्तविकता में बखूबी उलझी हुई है. दरअसल 56 वर्षीय मनोज रंजन दीक्षित लखनऊ के गोमती नगर एक्सटेंशन में किराए के एक कमरे में अकेले रहते हैं. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान स्टोर कीपर के रूप में अपनी नौकरी खो दी और अब गुजर-बसर के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनकी दिनचर्या में सिर पर छत पाने और कुछ आर्थिक मदद पाने की आस में जिला अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काटना शामिल है.

मनोज की कहानी आम लगती है, लेकिन जो बात इसे अलग बनाती है, वह यह है कि छोटे कद का यह शख्स ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) का पूर्व एजेंट होने का दावा करता है. रॉ भारत की अंतर्राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है. मनोज ने पत्रकारों को बताया, “मैं नजीबाबाद से ताल्लुक रखता हूं. मैं 1985 से रॉ के लिए काम कर रहा था और सैन्य प्रशिक्षण के बाद, मुझे पाकिस्तान भेजा गया. मुझे 1992 में पाकिस्तान में जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. 2005 में, मुझे वाघा सीमा पर छोड़ दिया गया. मैंने 2007 में शादी कर ली. कुछ समय बाद, मुझे पता चला कि मेरी पत्नी को कैंसर है. मैं उसके इलाज के लिए लखनऊ आया था, लेकिन 2013 में उसकी मौत हो गई. मैं तब से यहां रह रहा हूं.”

रॉ के अधिकारी नकार रहे पूर्व एजेंट होने का दावा..

मनोज के अनुसार, उन्हें अफगानिस्तान सीमा पर जासूसी करने के लिए गिरफ्तार किया गया था और उन्हें यातना का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि वापसी के बाद रॉ के कुछ अधिकारियों ने उन्हें वित्तीय मदद दी, लेकिन इसके बाद उन्हें उनकी हालत पर छोड़ दिया गया. उनके अनुसार, अधिकारी अब इस तथ्य को नकार रहे हैं कि वह रॉ के एक पूर्व एजेंट हैं. उन्होंने कागजात की ओर इशारा करते हुए कहा, “मेरे पास दस्तावेज हैं, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है”. मनोज अब ऐसे काम की तलाश कर रहे हैं, जो उन्हें दो वक्त की रोटी जुटाने में मदद कर सके और सरकार से रहने के लिए घर चाहते हैं. उन्होंने बेबसी के साथ कहा, “गरीबों के लिए बहुत सारी योजनाएं हैं, लेकिन मेरे लिए कुछ भी नहीं है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *