खाद्य का गणित फेल:स्टेट लैब ओवरलोड, अकेले उज्जैन की सौ से ज्यादा सेंपल की रिपोर्ट नहीं आई
- नियमानुसार 14 दिन में आने का प्रावधान…
दीपावली आते ही हर साल की तरह खाद्य विभाग की छापामार कार्रवाई शुरू हो गई है। खाद्य विभाग ने 15 दिनों में तीन जगह से छापामार कार्रवाई की है। लेकिन अभी तक रिपोर्ट केवल एक ही सेंपल की आई है। बताया जा रहा है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को भोपाल स्थित राज्य स्तरीय लैब से सौ से ज्यादा सेंपलों की रिपोर्ट आने का इंतजार है। ऐसी स्थिति में खाद्य विभाग विभाग के पास पेंडिंग केसेस की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
खाद्य विभाग ने 28 सितंबर को नागदा व उन्हेल से मावा, दूध व पनीर के सैंपल लिए थे, और 15 दिन पहले नागझिरी स्थित फैक्ट्री से टोस के सेंपल लिए थे। लेकिन दोनों ही मामलों में अभी तक भोपाल स्थित लैब से रिपोर्ट नहीं आई है। जबकि प्रशासन ने टोस की फैक्ट्री सील कर रखी है। लेकिन कई मामलों में महीनों बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आती।
यह है नियम –
– नियमानुसार जिस दिन खाद्य विभाग खाद्य सामग्री का सेंपल लेता है उस दिन से 14 दिन के भीतर रिपोर्ट आ जाना चाहिए।
– रिपोर्ट आने तक जिस सामग्री का सेंपल लिया गया है, उसका पूरा माल सीज कर दिया जाता है।
– जब्त माल मालिक की कस्टडी में ही रहता है, लेकिन वह उसे बेच नहीं सकता।
– बेच देने या उसे इधर-उधर करने पर खाद्य विभाग मालिक पर कोर्ट केस कर सकता है।
– भोपाल स्थित लैब से निगेटिव रिपोर्ट आने पर मालिक को पूरा माल कोर्ट के समक्ष पेश करना होता है। सही रिपोर्ट आने पर खाद्य सामग्री बेचने की छूट दे दी जाती है।
जब्त हींग अमानक, धोखाधड़ी सहित 5 धाराओं में केस दर्ज, अब कोर्ट केस चलेगा –
पिछले हफ्ते उज्जैन के दानीगेट से पकड़ी गई पौने छह क्विंटल हींग व हींग सामग्री की रिपोर्ट अमानक आई है। उस पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से 5 धाराओं में केस दर्ज करा दिया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कलेक्टर आशीषसिंह के निर्देश पर हींग विक्रेता महाकाल ट्रेडर्स के मालिक अनिल भावसार पर धोखाधड़ी सहित आईपीसी की धाराओं 269, 270, 271, 272 एवं 420 के तहत केस दर्ज कराया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी बसंत दत्त शर्मा ने बताया कि इस मामले में कोर्ट के आदेश का इंतजार है। वहां से यदि खाद्य सामग्री को नष्ट करने के निर्देश मिलेंगे तो ही आगे की कार्रवाई होगी। तब हींग, सहित अन्य सामग्री सीज रहेगी।