आगरा…. पुलिस हिरासत में मौत प्रकरण:कासगंज से आगरा पहुंची जांच टीम, थाना पुलिस की अटकी सांसे, सभी थानों के मालखाने का होगा मिलान
आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने में चोरी के आरोपी सफाईकर्मी अरुण बाल्मीकि की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में एडीजी के आदेश पर जांच स्थानांतरित करने के बाद सोमवार को कासगंज के ढोलना थाना प्रभारी ओमप्रकाश समेत पांच लोगों की टीम आगरा के थाना जगदीशपुरा में जांच के लिए आई है। इसके साथ ही उक्त घटना को देखते हुए आईजी आगरा आईजी नवीन अरोड़ा द्वारा मंडल के थानों के मालखानों के सत्यापन के आदेश दिए हैं और इस दौरान कमी पाए जाने पर दोषी पर मुकदमा दर्ज करवाने और जहां हेड मोहर्रिर नहीं है, वहां नवम्बर के अंदर तैनाती के आदेश दिए हैं। वहीँ इस प्रकरण में एससी एक्ट लगने के बाद जाँच इस टीम से किसी राजपत्रित अधिकारी को भी जाने की बात सामने आ रही है।
अभी तक नहीं उठाया गया था ठोस कदम
आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख नकदी की चोरी के मामले में अभी तक पुलिस कोई ठोस खुलासा नहीं कर पाई है। आरोपी सफाई कर्मी की मौत के बाद घटना में शामिल अन्य लोगों को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इसके साथ ही मालखाने के सील कमरों के अंदर से चोर के आने की बात सामने आने के बाद भी पुलिस ने अभी तक नया हेड मोहर्रिर ( माल बाबू) नियुक्त नहीं किया गया है और कमेटी के सामने सील कमरों के सामान का मिलान नहीं किया गया है। विपक्षी नेता इस मामले में पुलिस द्वारा जानबूझकर गर्म माहौल के ठंडा होने का इंतजार किये जाने की बात कह रहे हैं। मामले में एसपी सिटी विकास कुमार जल्द नया हेड मोहर्रिर नियुक्त किये जाने और मालखाने के माल का मिलान कराये जाने की बात कह रहे हैं।
मिलान होने पर फंसेंगे कई और
थाना जगदीशपुरा के लोहामंडी रोड की तरफ के बंद गेट की तरफ से मालखाने का पिछला दरवाजा तोड़ कर चोर अंदर आया था और चोर मालखाने के अंदर एक दूसरे से जुड़े चार कमरों से होकर आया था। इन चार कमरों में 15 अक्टूबर 2020 से तत्कालीन हेड मोहर्रिर पुरुषोत्तम कुमार की मृत्यु होने के बाद सील किया गया था। इसके बाद मार्च 2021 में नए हेड मोहर्रिर प्रताप भान ने छः माह के माल की लिखापढ़ी कर चार्ज लिया था। इस बीच नियमानुसार कमेटी बनाई गई थी पर लंबी प्रक्रिया के चलते सील कमरों में रखे माल का मिलान नहीं किया गया था। यहां 17 बक्सों में करोड़ों का सोना चांदी और नकदी व अन्य सामान रखा हुआ है। चोर के द्वारा दरवाजा तोड़ कर वापस उसी तरह लगा दिया गया था। पीछे की तरफ सीसीटीवी न होने के चलते यह अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल है कि यह दरवाजा कब से टूटा हुआ था।इन कमरों के रास्ते आने के चलते यहां के माल में गड़बड़ी होने की आशंका भी जताई जा रही है। इसके बाद भी पुलिस मालखाने के समान का मिलान करने में देरी कर रही है। समाजवादी पार्टी के शहर अध्यक्ष वाजिद निसार का कहना है की पुलिस अपनी और बेइज्जती होने से बचाने के लिए जांच को धीमी गति से आगे बढ़ा रही है। इस तरह से सत्य के सामने आने और दोषियों पर कार्रवाई होने की उम्मीद नहीं नजर आ रही है। थाने के अंदर से चोरी होने में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत न हो यह सम्भव नहीं है।
चोरी में और भी हैं झोल
थाने के मालखाने से चोरी के दौरान एक खास बात यह है कि जब चोर ने 25 लाख रुपये निकाले तो उसके साथ ही रखा हुआ लगभग 4 किलो सोना वो क्यों नहीं ले गए। क्या थाने के मालखाने से थोड़ा थोड़ा करके पहले से चोरी की जाती थी और इसीलिए चोर ने इत्मीनान रखते हुए सोना नहीं उठाया। चोरी के मामले में थाने का एक पुराना मुखबिर भी पुलिस की लिस्ट में है और वो भी फरार बताया जा रहा है।
यह है पूरा मामला
आपको बता दें कि बीते 17 अक्टूबर को थाना जगदीशपुरा के मालखाने के अंदर से चोरी की रिकवरी के दौरान बरामद 25 लाख रुपये चोरी हो गए थे। किरकिरी होने पर एडीजी राजीव कृष्ण ने थाना प्रभारी समेत छः पुलिसकर्मी सस्पेंड किये थे। चोरी के शक में थाने के सफाईकर्मी अरुण बाल्मीकि के पास से 15 लाख रुपये की बरामदगी हुई थी और बुधवार को पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गयी थी। इसके बाद फिर कार्रवाई करते हुए एक इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित किये गए थे। पुलिस को हंगामा और बवाल रोकने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी और कई जिलों से फोर्स मंगाना पड़ा था।
शहर के हर थाने का यही है हाल
थाना जगदीशपुरा का मामला सामने आ गया है पर हकीकत यह है की नियमानुसार थाना प्रभारी मालखाने का रोज निरीक्षण सिर्फ कागजों में ही करते हैं और अधिकारियों द्वारा मासिक निरीक्षण भी नहीं किया जाता है। कई थानों के मालखाने के अंदर रखा सामान खिड़की दरवाजे आदि के खराब होने के कारण आसानी से निकाला जा सकता है।