कोरोना में जॉब ऑफर गया तो शुरू किया ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट का स्टार्टअप; भोपाल के दोस्त कमा रहे लाखों
प्लास्टिक हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। यह हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में इस कदर बस गया है कि हमारी सुबह भी प्लास्टिक के ब्रश के साथ होती है। ऐसे ही हमारी दिन भर की गतिविधियों में कई तरह के प्लास्टिक की चीजें शामिल है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाले पराग महेश्वरी और हर्षी चौधरी ने इनका समाधान निकालकर ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट का स्टार्टअप शुरू किया है।
कोरोना के दौरान शुरू किया स्टार्टअप
कोरोना की पहली लहर के दौरान शुरू हुए इस स्टार्टअप की जर्नी के बारे में कंपनी के को-फाउंडर पराग बताते हैं, ‘हम दोनों ने भोपाल की जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी से बी.कॉम ऑनर्स किया है। लास्ट सेमेस्टर में कोरोना की एंट्री हुई और हर जगह से लॉकडाउन की खबरें आने लगीं। हम दोनों के पास जॉब ऑफर थे, लेकिन महामारी के प्रकोप से कई कंपनियों की हालत खराब हो गई थी। सालों से काम कर रहे लोगों की कंपनियां छटनी कर रहीं थी। ऐसे में चलते हमारा कैंपस प्लेसमेंट ऑफर भी हाथ से चला गया।’
जॉब ऑफर आउट, स्टार्टअप आइडिया इन
जॉब ऑफर चले जाने के बाद दोनों दोस्तों ने हाथ पर हाथ रख कर बैठने के बजाए खुद का स्टार्टअप शुरू करने की ठानी। पराग बताते हैं, हमने रिसर्च करना शुरू किया। कोरोना के कारण सारे प्लेटफार्म ऑनलाइन शिफ्ट हो रहे थे और हमारे लिए इससे बेहतर कोई ऑप्शन नहीं था। महामारी के दौरान आ रही परेशानी हमें इशारा कर ही रहीं थी कि पर्यावरण संरक्षण करने कि बेहद जरूरत हैं। कई लोग ईको – फ्रेंडली प्रोडक्ट्स पर काम कर रहे थे, लेकिन वो आम लोगों की जेब पर भारी पड़ते हैं। इसलिए हमने किफायती और नेचर फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाने की ठानी।
इन सब चीजों के तालमेल से हमारे स्टार्टअप को भी नाम मिला। और जून 2020 में शुरुआत हुई हमारे वेंचर Taal mell की।
ईको- फ्रेंडली प्रोडक्ट ने दिलाई पहचान
पराग बताते हैं, कोरोना के बाद ऑनलाइन शॉपिंग ने छोटे शहरों में भी अपनी पहुंच बढ़ा ली है। इससे पहले लोग ऑनलाइन बिजनेस की वैल्यू नहीं समझ पाते थे। ठीक ऐसा ही हमारी फैमिली के साथ भी था। नौकरी थी नहीं और हम एक ई-बिजनेस की शुरुआत करने जा रहे थे। हमें ना घर से सपोर्ट मिल रहा था और ना ही नए होने के कारण मार्केट से। हम निराश नहीं हुए और ऑनलाइन मार्किट पर अपना पूरा ध्यान लगाया।
यंग एंटरप्रेन्योर की इस जोड़ी के पास रोजमर्रा में इस्तेमाल हो रहे प्लास्टिक प्रोडक्ट के कई ईको-फ्रेंडली विकल्प हैं। इनमें दिन की शुरुआत करने में इस्तेमाल होने वाले बैंबू टूथब्रश से लेकर नीम वुड कोम्ब, तांबे की बोतल, रिसाइकल पेपर पेन, नेचुरल बॉडी लोफर, कोकोनट बाउल जैसे सस्टेनेबल प्रोडक्ट शामिल हैं।
प्रोडक्ट के साथ शुद्धता का सर्टीफिकेट
पराग बताते हैं, ‘हम अपने प्रोडक्ट्स के साथ लगातार इनोवेशन कर रहे हैं। हमारी कॉपर बॉटल स्पेशल सर्टिफाइड है। ये देश की पहली ऐसी बॉटल है जो प्लास्टिक फ्री पैकेजिंग के साथ शुद्ध का सर्टिफिकेट भी देती है। सबसे पहले रॉ बॉटल की लैब में टेस्टिंग करवाई जाती है। इसमें कॉपर का रेश्यो चैक किया जाता है। हमारी सभी बॉटल में 99.5 % कॉपर है। साथ ही इनकी डिजाइन भी खास रखी गई है। इनके जरिए हम अलग- अलग शहरों की झलक दिखाने की कोशिश भी कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर हमने भोपालियों के लिए खास भोपाल की थीम पर बॉटल डिजाइन की है। ये कॉपर यानी तांबे की बॉटल है। तांबा पानी में मौजूद बैक्टीरिया को मारता है, साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसकी डिजाइन में झीलों के शहर भोपाल की झलक है जिससे शहरवासी आसानी से कनेक्ट कर सकते हैं।
पर्सनल सेविंग्स से शुरू किया स्टार्टअप
अपने काम के लिए नगर निगम द्वारा स्वच्छ भारत एम्बेसडर चुने गए ‘Taal Mell’ के प्रोडक्ट फिलहाल 8 ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे Amazon, Flipkart, eco-works और Taal Mell की ऑफिशियल वेबसाइट पर मौजूद हैं।
केंद्र ने देश भर में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक कचरे के खतरे से निपटने के लिए अगले साल 1 जुलाई से ‘सिंगल-यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट’ के यूज पर प्रतिबंध लगाया है। पराग बताते हैं, ‘ये रोक अगले साल से लागू होगी, लेकिन हमें अभी से इसका फायदा मिलने लगा है। पिछले कुछ महीनों में हमारी सेल बढ़ी है।’ पराग और हर्षी ने अपनी 60 हजार रुपए की पर्सनल सेविंग्स के जरिए इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी। जिसका अब सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपए हो गया है। साथ ही वो 50 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।