देश में नेचुरल गैस के परिवहन के लिए बनेगी एक कॉमन पाइपलाइन, सरकार ला रही है सेक्टर के लिए नए नियम

देश में नेचुरल गैस के परिवहन के लिए एक कॉमन गैस पाइपलाइन बनाने पर बात चल रही है. ईटी नाऊ स्वदेश की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए स्वतंत्र ऑपरेटर के गठन की प्रक्रिया अगले साल से शुरू हो सकती है.

देश में नेचुरल गैस के परिवहन के लिए एक कॉमन गैस पाइपलाइन बनाने पर बात चल रही है. ईटी नाऊ स्वदेश की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए स्वतंत्र ऑपरेटर के गठन की प्रक्रिया अगले साल से शुरू हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने नई व्यवस्था पर दूसरे मंत्रालयों के साथ परामर्श खत्म कर दिया है. और अगले साल के TSO यानी ट्रांसपोर्ट सिस्टम ऑपरेटर के गठन की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.

नई व्यवस्था के तहत, एक कॉमन कैरियर होगा, जिसके जरिए देश में मौजूद सभी नेचुरल गैस का परिवहन किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्रालय को इस बात की उम्मीद है कि अगले साल तक जनवरी तक टीएसओ पर कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी. फिर, इसके गठन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा.

टैरिफ में पारदर्शिता लाई जाएगी

सरकार के अलावा इस TSO में ONGC, IOCL, HPCL और गेल जैसी कंपनियों की बराबर की हिस्सेदारी होगी. इसके साथ यह भी व्यवस्था की जाएगी कि शुरुआत में कम से कम 5 साल तक टीएओ को ऑपरेट करने के लिए गेल के पास मौजूद मानव संसाधन का इस्तेमाल किया जाए.

इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में जितने भी गैस बिजनेस चल रहे हैं, सरकार उनके लिए नया नियम लेकर आएगी. नए नियमों के तहत, यह व्यवस्था होगी कि टैरिफ में पारदर्शिता और यूनिफॉर्मिटी हो. इसके साथ गैस का जो ओपन एक्सेस है, उसका प्रोसीजर क्या हो. साथ ही, जो गैस पाइपलाइन की बुकिंग के लिए डिजिटल सिस्टम के क्या नियम होने चाहिए. इन तमाम नियमों को सरकार जल्द ही जारी करेगी.

आपको बता दें कि सरकार ने पिछले बजट में टीएसओ के गठन की बात की थी. इसका मकसद भारत में गैस मार्केट में गैस मार्केटिंग कंपनियों को समन स्तर पर कारोबार करने का मौका मिले. इसका लक्ष्य है कि इन कंपनियों के पास एक कॉमन प्लेटफॉर्म मौजूद हो, जिसके जरिए वे अपनी गैस का परिवहन कर सकें. और किसी भी कंपनी, चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट, उसके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं हो. कुल मिलाकर, देश में गैस मार्केट को डेवलप करने के मकसद से सरकार ने TSO के गठन का फैसला लिया है.

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