bhind…. मानवता की पाठशाला ….. सर्द रातों में घर से निकल कर फुटपाथ पर ठिठुरते बेसहाराओं को देते कंबल-रजाई, बच्चे भी आए आगे
इन दिनों ग्वालियर-चंबल अंचल में सर्द हवाओं का जोर बना हुआ है। रात का पारा 4-5 डिग्री पर टिका है। ऐसे में उन लोगों को रातें गुजराना मुश्किल है जो बेसहारा है और फुटपाथ पर सोते है। ऐसे गरीब, असहाय लोगों की सर्द रातों में कंबल-रजाई देने के लिए भिंड शहर का समाज सेवी संगठन आगे आया है। संगठन के सदस्य देर रात घरों से निकलते है और फुटपाथ पर सोने वाले बेसहाराओं के ऊपर कंबल-रजाई डालते हुए आगे बढ़ते है।
मानवता की पाठशाला समाज सेवी संगठन में बबलू सिंधी, तिलक सिंह भदौरिया समेत अन्य लोग शामिल है। संगठन के सदस्य सेवाभाव के क्षेत्र में अलग-अलग काम करते आ रहे हैं। वे गरीबों को खाना वितरित करना। झोपड़ी में रहने वाले बच्चों की पाठ्य पुस्तक सामग्री बांटना। जरूरतमंद को ब्लड डोनेट करते हैं। सर्दी के इन दिनों में यह संगठन के लोग ठंड से ठिठुरते हुए लोगों का सहारा बनकर निकल रहे है। संगठन के पदाधिकारी बबलू सिंधी का कहना है कि वे हर सर्दी में इस तरह रात को लोगों को गर्म रजाई या कंबल वितरित करने का काम करते है। इनके संगठन की शुरूआत चार से पांच लोगों के साथ हुई थी। अब संगठन में हर वर्ग के लोग जुड़े हुए है।
बच्चे भी पढ़ रहे मानवता का पाठ
इस संगठन में सबसे खास बात यह देखने को मिली कि रात के समय जब ये घर से निकलते है तब इनके साथ छोटी उम्र के बालक भी होते है। चौथी से आठवी क्लास तक के बच्चे इनके ग्रुप में शामिल है। यह बच्चे भी मानवता की सेवा का पाठ पढ़ रहे है। यह बच्चे अपने माता-पिता के साथ शहर में रात को घूमते है और बेसहाराओं को कंबल-रजाई देकर सर्दी से बचाव का सहारा दे रहे हैं।