जमीन का सर्वे पूरा ….अटल प्रोग्रेस-वे, सड़क के बीच आ रहे बगदिया गांव में रूट बदला, किसानों की जमीन लेने सूचना पत्र जारी

  • जिले के 57 गांव के 1466 किसानों की जाएगी 899.091 हेक्टेयर निजी भूमि
  • जावड़ गांव के पास प्रस्तावित अटल प्रोग्रेस-वे के किनारे 500 बीघा जमीन चिह्नित ताकि बाहर से आईं कंपनियां यहां लगा सकें बड़े प्रोजेक्ट

चंबल नदी किनारे से 3 किमी की दूरी पर बनने जा रहे अटल प्रोग्रेस-वे के लिए जमीन का सर्वे केंद्रीय दल ने पूरा कर लिया है। इसकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी गई है ताकि सर्वे के अनुसार निजी भूमि का अधिग्रहण किया जा सके। कुल 57 गांवों में से एक गांव ऐसा था जो सड़क के बीच में आ गया, ऐसे में सिर्फ एक ही गांव से प्रोग्रेस-वे का एलाइनमेंट चेंज किया गया है। 6 हजार करोड़ रुपए की लागत से कोटा-श्योपुर होते हुए मुरैना-भिंड तक चंबल नदी किनारे अटल प्रोग्रेस-वे बनाया जाएगा। यह प्रोग्रेस-वे भारत माला फेज-1 में शामिल है और केंद्र सरकार ने दल भेजकर इसके लिए जमीन का सर्वे करा लिया है, यानी प्रोग्रेस-वे के लिए जमीन की माप करते हुए मुड्‌डी गाढ़ दी गई हैं।

इसकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी गई है ताकि प्रशासन इसके अनुसार निजी भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई कर सके। यह सर्वे केंद्र सरकार ने इसलिए कराया था ताकि प्रोग्रेस-वे में मोड़ कम किए जा सके और ट्रैफिक की रफ्तार बढ़ जाए। सर्वे के दौरान श्योपुर का ढोढर स्थित बगदिया गांव प्रस्तावित प्रोग्रेस-वे के बीच में आ गया। इसे लेकर ग्रामीणों ने भी आवेदन कलेक्टर को सौंपा था।

केंद्रीय दल ने भी उक्त गांव को छोड़ दिया और प्रोग्रेस-वे का एलाइनमेंट (रूट) यहां से बदल दिया ताकि पूरा गांव ही सड़क के चलते न हटाना पड़े। इस गांव में लगभग 250 घरों की आबादी है। यहां निजी भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को सूचना पत्र लगातार जारी किए जा रहे हैं। इसके साथ ही शासकीय जमीनों पर कब्जा किए बैठे किसानों को भी नोटिस भेजे जा रहे हैं।

अटल प्रोग्रेस-वे के पास जावड़ में रिजर्व की सरकारी भूमि
अटल प्रोग्रेस-वे के पास जावड़ गांव में लगभग 500 बीघा सरकारी भूमि है जिसे प्रशासन ने रिजर्व कर लिया है ताकि प्रोग्रेस-वे निर्माण के बाद जब किसी कंपनी को फैक्ट्री या अन्य कोई निर्माण के लिए जगह चाहिए तो उक्त जगह उपलब्ध कराई जा सके। अटल प्रोग्रेस-वे के निर्माण के साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि कई कंपनियां आएंगी जो कारोबार करेंगी। ऐसे में इन कंपनियों को भी क्षेत्र में इंवेस्ट करने के लिए सरकारी भूमि लीज पर अलॉट की जा सकेगी।

57 गांव के 1466 किसान आ रहे सड़क परियोजना के दायरे में
अटल प्रोग्रेस-वे में श्योपुर से लेकर वीरपुर तक 57 गांव सड़क परियोजना के दायरे में आ रहे हैं। इनमें 1466 हितग्राही शामिल हैं, जिनकी कुल 899.091 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। इसके साथ ही परियोजना में सरकारी 333.980 हेक्टेयर भूमि भी आ रही है। इसका अलाॅटमेंट परियोजना में प्रशासन पूर्व में ही कर चुका है। इसके अलावा 18.300 हेक्टेयर वन भूमि है, जिसका भी अधिग्रहण किया जाएगा ताकि चंबल अटल प्रोग्रेस-वे में निर्माण शुरू किया जा सके।

सिर्फ एक गांव से बदला गया है एलाइनमेंट
^टल प्रोग्रेस-वे का पूरा रूट वैसा का वैसा ही है, यहां सिर्फ एक गांव बगदिया में एलाइनमेंट चेंज किया गया है। निजी भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को सूचना पत्र जारी कर दिए गए है। जिन पर ब्लॉक स्तर पर सुनवाई की जाएगी। इसके बाद भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई होगी।
शिवम वर्मा, कलेक्टर, श्योपुर

अभी भी किसान दोगुनी जमीन पर तैयार नहीं
अटल प्रोग्रेस-वे को लेकर श्योपुर के किसानों ने चंबल अटल प्रोग्रेस-वे संघर्ष समिति बनाई हुई है। इस समिति ने कई बार जमीन के बदले चार गुना मुआवजा देने की मांग रखी। समिति में कई किसान शामिल है, जिनकी निजी भूमि इस सड़क परियोजना में आ रही है। इन किसानों की मांग है कि उन्हें जमीन के बदले दोगुना कीमत की जमीन नहीं बल्कि चार गुना मुआवजा चाहिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस भी किसानों के साथ है। श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल से लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल चौहान भी किसानों की समिति की मांग पर कई बार चार गुना मुआवजा की मांग कर चुके हैं।

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