अचानक ट्विटर से गाय‌ब कैसे हो गया #बेरोजगार_मांगे_रोजगार … टेक फॉग ऐप से चुनाव में हैशटैग वायरल कराते हैं, आपके ही डेड अकाउंट्स का इस्तेमाल होता है

ट्विटर के टॉप 10 ट्रेंड्स में इन दिनों दो चीजें दिख रही हैं। पहली, रोजना टॉप 10 ट्रेंड में 2 से 3 हैशटैग यूपी के चुनाव के होते हैं। दूसरी, बीती 26 जनवरी से शुरू हुए हैशटैग #बेरोजगार_मांगे_रोजगार, #rrpntpc_scam एकदम गायब हो चुके हैं।

हमने 14 फरवरी को टॉप 50 ट्विटर ट्रेंड्स देखे। इनमें बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं। इस पर ‘द वायर’ की एक रिसर्च है। उसके मुताबिक इस तरह किसी ट्रेंड्स के अचानक गायब होने के पीछे टेक फॉग ऐप हो सकता है। आज हम इसी ऐप की पूरी कहानी लेकर आए हैं…

पहली बार इसका जिक्र आरती शर्मा नाम के ट्विटर हैंडल पर हुआ था
24 अप्रैल 2020 को आरती शर्मा नाम के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट आया। इसमें लिखा था, “मैं भाजपा के आईटी सेल में 2014 से काम कर रही थी। हमसे 2018 में वादा किया गया कि भाजपा सत्ता में आई तो हमें सरकारी नौकरी दी जाएगी। अब आप अपने वादे से मुकर गए। इसलिए मैं आईटी सेल छोड़ रही हूं।

जब मैं वहां काम कर रही थी तो मुझे कई वॉट्स्ऐप ग्रुप्स में जोड़ा गया। इससे सोशल मीडिया पर खुलकर बोलने वाली महिलाओं को टार्गेट करने को कहा गया। इसके लिए मुझे टेक फॉग नाम का एक ऐप इस्तेमाल करने को कहा गया। ये भाजपा का सीक्रेट ऐप है, जिससे प्रोपगैंडा फैलाने का काम किया जाता है।”

इसके बाद हमने टेक फॉग ऐप पर पड़ताल की। इसमें इसके पूरे सिस्टम के बारे में पता चला।

टेक मतलब टेक्नोलॉजी, फॉग मतलब कोहरा
जैसे कोहरे में साफ दिखना बंद हो जाता है, वैसे ही टेक फॉग ऐप सोशल मीडिया पर धुंध फैला देता है। इसके बाद अपनी मर्जी की चीजें फैलाना शुरू कर देता है। ऐसा करने में इसे सिर्फ 2 से 3 घंटे लगते हैं। आइए पहले 2 ग्राफिक्स में देखते हैं कि ये काम कैसे करता है…

आइए अब बताते हैं कि इसके सिस्टम को कैसे तैयार करते हैं। इसके 2 तरीके हैं…

पहला: टेक फॉग ऐप का सबसे बड़ा हथियार आपका डेड अकाउंट है, क्योंकि ये असली लगते हैं
शिवम के पास दो फोन नंबर हैं। पहले नंबर पर 3 साल पहले उसने वॉट्सऐप इनस्टॉल किया था। पर अब वो उस नंबर को इस्तेमाल नहीं करता। उसके सिम में सब कॉन्टेक्ट्स, फोटोज और सारी डिटेल्स हैं।

टेक फॉग ऐप ऐसे ही बंद पड़े वॉट्स्ऐप एकाउंट्स को हाईजैक कर लेता है। इससे उसे अकाउंट से लिंक्ड सभी नंबर्स मिल जाते हैं। उन पर कॉल और मैसेज भेजे जाते हैं। उनको प्रोपेगंडा मैसेज शेयर किए जाते हैं।

कुछ टार्गेटेड यूजर्स को वॉट्स्ऐप के थ्रू एक लिंक भी भेजा जाता है, जब वो ये लिंक क्लिक करता है तो उसका भी फोन और वॉट्स्ऐप हैक कर लिया जाता है। इसी तरह ये प्रॉसेस आगे बढ़ता रहता है।

दूसरा: नए अकाउंट बनाने का फार्मूला है धर्म, जेंडर, ऐज…
ये यूजर्स क्या काम करते हैं, उनकी जाति-धर्म क्या है, ऐज कितनी है, जेंडर क्या है और किस पॉलिटिकल पार्टी को सपोर्ट करते हैं, इस बेसिस पर सभी हैक्ड अकाउंट्स का अलग-अलग डेटाबेस तैयार किया जाता है। साथ ही नंबर्स पर अवेलेबल पर्सनल डाटा भी इस्तेमाल किया जाता है। इसी डेटाबेस के हिसाब से हर कैटेगरी को अगल-अलग तरह के मैसेजेस भेजे जाते हैं।

टेक फॉग ऐप की सबसे ज्यादा शिकार बनीं खुलकर लिखने वाली महिलाएं
इस ऐप में क्लाउड डेटाबेस के जरिए डाटा तैयार किया जाता है। जिसे गूगल शीट से जोड़कर या ऑटो जेनेरेटिंग की-वर्डस के जरिए ऑटो-रिप्लाई किया जाता है। इसमें ज्यादातर गाली-गलौज और अश्लील शब्द होते हैं। इसका इस्तेमाल महिलाओं को गाली देने के लिए भी किया गया है। 1 जनवरी 2021 से 31 मई 2021 तक लिए गए डेटा के आधार पर टेक फॉग के जरिए महिला पत्रकारों पर अश्लील टिप्पणियां की गईं।

राणा अय्यूब को सबसे ज्यादा 22,505 बार अश्लील गालियां दी गईं। उसके बाद बरखा दत्त, निधि राजदान, रोहिणी सिंह, स्वाति चतुर्वेदी, सागरिका घोष, मनीषा पांडे, फे डिसूजा, आरफा खानम शेरवानी और स्मिता प्रकाश भी शामिल हैं।

सब कुछ करके ये ऐप सेकंड्स में उड़ा देता है पूरी हिस्ट्री
टेक फॉग ऐप यह सब इंडिया में पॉलिटिकल पार्टी के नैरेटिव को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए, उसको वायरल करने के लिए करता है। इसलिए इसका एक फीचर ऐसा भी है कि जरूरत पड़ने पर ऐप एडमिन सभी अकाउंट को डिलीट कर सकते हैं या फिर उसे बदल भी सकते हैं। सभी एक्टिविटीज जो अपराध को साबित कर सकती हैं, उनको मिटाया भी जा सकता है। यानी पूरी हिस्ट्री सेकंड्स में डिलीट कर दी जा सकती है।

81 देशों पर हुआ ऑक्सफोर्ड सर्वे कहता है हम भी ऐसे सिस्टम के शिकार हैं
17 जनवरी 2021 को ऑक्सफोर्ड इंस्टिट्यूट की एक रिपोर्ट आई। दुनिया में 81 देशों का सर्वे किया गया। इनमें से 70 देशों की जनता को सोशल मीडिया से मैनिप्यूलेट किया जा रहा था। किसी खास किस्म का प्रोपगेंडा फैलाया जा रहा था।​​​​​​​

इस स्टोरी की रिसर्च में गौसिया बानो ने मदद की है। वह दैनिक भास्कर ऐप के साथ इंटर्न है।

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