प्रदेश का बजट सत्र आज से …. इस बार ढाई लाख करोड़ का चुनावी झलक वाला बजट; स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और खेती-किसानी पर खर्च होंगे 50 हजार करोड़

मध्यप्रदेश के बजट में डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों पर फोकस रहेगा। लगभग ढाई लाख करोड़ के बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और खेती-किसानी पर खासा जोर रहेगा। इन पर 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। पहली बार महिलाओं, लाड़लियों और छोटे बच्चों के लिए अलग से प्रावधान किए जाएंगे। बजट में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश मिशन मोड की तरह रहेगा।

सोशल इंजीनियरिंग के मद्देनजर हर तबके के लिए कोई योजना होगी। वर्ष 2022-2023 का बजट 9 मार्च को पेश होगा। राज्यपाल के अभिभाषण से 7 मार्च को सत्र की शुरूआत होगी। इस सत्र में विधायकों के 4 हजार 518 सवाल लगे है। कुल 125 ध्यानाकर्षण है। चार स्थगन प्रस्ताव, 41 संकल्प, शून्यकाल की 19 सूचनाएं है। सदन की 13 बैठकें होगी।

स्वास्थ्य- रेयरेस्ट ऑफ रेयर बीमारी पर नई योजना

स्वास्थ्य पर खर्च का आकार बढ़ेगा। प्रदेश में एक नई योजना रेयरेस्ट ऑफ रेयर बीमारी को लेकर शुरू होगी। ऐसा कोई मरीज जिसे बेहद गंभीर बीमारी होगी तो उसकी बीमारी का सारा खर्च सरकार उठाएगी। ये बीमारी लाखों लोगों में किसी एक को होती है, जिसका इलाज करोड़ों में पड़ता है। कांग्रेस सरकार में बच्चों की मानिटरिंग वाले अटल बाल आरोग्य मिशन का बजट शून्य कर दिया गया था, जिसमें 60 करोड़ दिए जाएंगे। आरोग्य केंद्र पीएससी स्तर तक खुलेंगे। इनमें डेढ़ सौ से ज्यादा तरह की जांच के लिए लैब टेस्टिंग सुविधा होगी।

इंफ्रास्ट्रक्चर- नगरीय निकाय-पंचायतों को दो हजार करोड़

राज्य वित्त आयोग से वर्ष 2020 से नगरीय निकाय और पंचायतों को न्यागमन (डिवोल्यूशन) नहीं दिया गया है। ये राशि आय के बदले दी जाती है। यानी निकाय और पंचायत चुनाव में जाने के पहले यह 5 फीसदी बढ़ाकर दो हजार करोड़ रुपए तक दिए जाएंगे। दो बड़े प्रोजेक्ट नर्मदा एक्सप्रेस वे और अटल प्रोग्रेस वे के लिए प्रावधान रहेगा। हाउसिंग फॉर आल, अमृत योजना और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में तीन हजार करोड़ मिलेंगे। मेट्रो के लिए 300 करोड़ रुपए मिल सकते है।

शिक्षा- सीएम राइज योजना में चमकेंगे स्कूल

बजट में सबसे ज्यादा राशि सीएम राइज स्कूल योजना को मिलेगी। सरकारी स्कूलों के निर्माण के लिए दो हजार करोड़ खर्च होंगे। कोरोना की वजह से दो साल से स्कूलों में नहीं बटने वाली साइकिल और ड्रेस के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान होगा। ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को 200 करोड़ की स्कॉलरशिप मिलेगी।

खेती-किसानी- खेतों की निगरानी के लिए ड्रोन

नर्मदा किनारे जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रावधान रहेगा। एक करोड़ में से 67 फीसदी किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है। ऐसे किसानों को ध्यान में रखकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए प्रावधान जारी रहेंगे। कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर योजना में छोटे किसानों को प्रोसेसिंग यूनिट की सुविधा मिलेगी।

कृषि उपकरणों आसानी से मिलने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर का विस्तार होगा। पहली बार किसानों को ड्रोन और नए उपकरणों के लिए प्रावधान रहेंगे। किसान बिना ब्याज के लोन ले सकेंगे, जिसके लिए 800 करोड़ की राशि रहेगी। किसानों को बिजली बिलों पर सब्सिडी की व्यवस्था मिलती रहेगी।

महिलाएं, लाडली और बच्चे

इस बार जेंडर के अलावा चाइल्ड बजट अलग से रहेगा। बेटियों के लिए भी अहम प्रावधान रहेंगे। लाडली लक्ष्मी योजना में जमा राशि में से लाडलियों को ब्याज की राशि मिलेगी। पहले साल लाडलियों के खाते में 5 हजार रुपए तक डाले जाएंगे। लाडली लक्ष्मी के कॉलेज में प्रवेश पर 25 हजार रुपए का प्रावधान किया जाएगा। सु पोषण अभियान में 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान रहेगा। महिलाओं के स्वयं सहायता समूह का विस्तार बढ़ेगा। बैंकों से कर्ज लेकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

उद्योग-रोजगार-कर्मचारी: एक लाख रोजगार देने का लक्ष्य

उद्यम क्रांति योजना में 1 लाख रोजगार का लक्ष्य होगा। बेरोजगारों को ब्याज अनुदान और बैंक गारंटी देकर सरकार लोन दिलाएगी। कुशल और अर्द्ध कुशल मजूदरों को रोजगार के लिए कौशल उन्नयन पर विशेष प्रावधान रहेंगे। संबल योजना नए स्वरुप में आएगी। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता और राहत देने के लिए भी प्रावधान रहेगा।

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