भ्रष्ट अधिकारियों पर मोदी सरकार की टेढ़ी नजर, कार्रवाई हुई तेज
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए अफसरों की छुट्टी करनी शुरू कर दी है। फिलहाल वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई हुई। जिन 15 सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क (सीबीआईसी) के अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी गई है उनपर रिश्वतखोरी, जबरन वसूली और आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप हैं। कुछ अधिकारियों के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। एक पखवाड़े में ही इस दूसरी बड़ी कार्रवाई से साफ है कि सरकार भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ आगे भी अपना रुख कड़ा रखेगी।
अनूप श्रीवास्तव
1984 बैच के अफसर अनूप श्रीवास्तव फिलहाल दिल्ली में ऑडिट विभाग में प्रिंसिपल कमिश्नर की हैसितय से तैनात थे। श्रीवास्तव ने जगजीवन को-ऑपरेशन हार्उंसग र्बिंल्डग सोसायटी को नियमों को ताक पर रखकर अनापत्ति प्रमाणपत्र दिलाया। इन पर घूस लेने का भी केस दर्ज था।
अतुल दीक्षित
1988 बैच के अतुल दीक्षित जो कमिश्नर पद से फिलहाल निलंबित चल रहे थे। इन पर भ्रष्टाचार से संपत्ति बनाने के मामले में केस दर्ज किया। इन पर 75.5 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का एक अलग मामला भी सीबीआई चला रही थी।
विनय ब्रिज सिंह
विनय ब्रिज सिंह जो फिलहाल कमिश्नर पद से निलंबित चल रहे हैं, उनके खिलाफ 154 करोड़ रुपये के धनशोधन का केस चला रहा है। 1995 बैच के इस अधिकारी पर डीआरआई का भी एक केस चल रहा है।
संसार चंद
कमिश्नर संसार चंद को सीबीआई ने रंगे हाथों 1.5 लाख रुपए की घूस लेते पकड़ा था। 1986 बैच के अधिकारी संसार चंद पर घूस लेने के कई मामले पाए गए थे।
अशोक रतिलाल
कोलकाता में कार्यरत 1990 बैच के अधिकारी पर 4.5 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति और घूस लेने का मामला चल रहा है।
जीश्री हर्षा
कमिश्नर पद पर चेन्नई में तैनात 1991 बैच के अधिकारी जीश्री हर्षा को सीबीआई ने 5 लाख रुपये घूस लेते पकड़ा और भ्रष्टाचार के जरिए सवा दो करोड़ रुपये की संपत्ति बनाने के मामले चल रहे हैं।
विरेंद्र अग्रवाल
अतिरिक्त आयुक्त विरेंद्र अग्रवाल का ताल्लुक नागपुर जोन से है। 1990 बैच के इस अधिकारी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई )का आय से अधिक संपत्ति का मामला है। साथ ही निर्यातक को धमकाकर घूस मांगने का भी मामला दर्ज है। यही नहीं, इनपर नार्कोटिक्स विभाग का ड्रग्स केस भी चल रहा है।
अमरेश जैन
दिल्ली जोन के जीएसटी उपायुक्त अमरेश जैन पर सीबीआई ने डेढ़ करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। 1992 बैच के इस अधिकारी साथ ही इनके पास से करीब एक करोड़ रुपये नकदी बरामदगी का भी केस चल रहा है।
एसएस बिष्ट
भुवनेश्वर जीएसटी जोन के असिस्टेंट कमिश्नर एसएस बिष्ट पर 10 लाख की घूस लेने का मामला है।
नलिन कुमार
सस्पेंड चल रहे 2005 के अधिकारी नलिन कुमार पर सीबीआई का 75 करोड़ की कर चोरी का मामला है। इनके लॉकर से 92 लाख रुपये भी बरामद हुए थे।
विनोद कुमार सांगा
मुंबई जीएसटी जोन के असिस्टेंट कमिश्नर विनोद कुमार सांगा पर बढ़ा चढ़ाकर दिखाए गए बिल क्लियरेंस देने का केस है। साथ ही अघोषित इलेक्ट्रॉनिक सामान के आयात का मामला भी डीआरआई में चल रहा है।
एसएस पबाना
निलंबित चल रहे असिस्टेंड कमिश्नर एसएस पबाना को डीआरआई ने अवैध तरीके से सवा दो करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा एक्सपोर्ट करने के मामले में गिरफ्तार किया था।
राजू सेकर
वाइजैग जीएसटी जोन के अतिरिक्त कमिश्नर राजू सेकर को रिक्रूटमेंट एजेंट के साथ धांधली करते हुए पकड़ा। इमिग्रेशन क्लियरेंस के नाम पर 15-20 लाख रुपये महीने वसूली करता था।
अशोक कुमार असवाल
अशोक कुमार असवाल फिलहाल दिल्ली में डायरेक्टरेट ऑफ लॉजिस्टिक्स में बतौर उपायुक्त कार्यरत थे। इन पर 10 लाख रुपये की धूस लेने का मामला सीबीआई की तरफ से दर्ज किया गया है।
मोहम्मद अल्ताफ
इलाहाबाद में कार्यरत असिस्टेंट कमिश्नर मोहम्मद अल्ताफ पर रक्त चंदन की तस्करी में मास्टरमाइंड होने का मामला था। दो मामलों में इन पर दो करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया।
पहले 12 आयकर अधिकारी कार्यमुक्त हुए
इससे पहले मोदी सरकार में नियम 56जे के तहत कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के 12 अधिकारियों को जबरन कार्यमुक्त किया जा चुका है।
इन पर गिरी थी गाज
वित्त मंत्रालय के मुताबिक रिटायर किए गए अधिकारियों में अशोक अग्रवाल, एसके श्रीवास्तव, होमी राजवंश, बीबी राजेंद्र प्रसाद, अजॉय कुमार सिंह, बी अरुलप्पा, आलोक मित्रा, चांदर सेन भारती, अंडासु रवींद्र, विवेक बत्रा, स्वेताभ सुमन और राम कुमार भार्गव शामिल रहे।