ग्वालियर. पानी हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी है। दूसरे शब्दों में बिना पानी के जीवन नहीं है। क्योंकि डाक्टरों के मुताबिक एक व्यक्ति के लिए दिन में 4 से 6 लीटर पानी पीना चाहिए। लेकिन आजकल पानी की शुद्धता को लेकर सवाल उठते रहते हैं। लोगों ने पानी को शुद्ध रखने के लिए घरों में आरओ भी लगवाए हैं। लेकिन पानी मौजूद मिनरल्स यानि टीडीएस को नियंत्रित रखने पर ध्यान नहीं देते। लोगों को यह भी नहीं मालुम होता कि पीने वाले पानी का कितना टीडीएस होना चाहिए। क्योंकि अधिक टीडीएस के पानी को पीने से परेशानी होती है और कम टीडीएस का पानी पीने से भी कई बीमारियां होती हैं।

प्राकृतिक रूप से मिलने वाले पानी में कई तरह के मिनरल्स मसलन कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम सहित कई तत्व होते हैं। ये शरीर के लिए जरूरी भी होते हैं। लेकिन जब इन मिनरल्स् की मात्रा अधिक होती है तो भी शरीर में कई बीमारियां पैदा हो जाती है और कम होती है तो भी। कम टीडीएस वाले पानी के लगातार सेवन से हृदय संबंधी विकार, थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द आदि दुष्प्रभाव पाये गये हैं। यह कई शोधों के बाद पता चला है कि इसकी वजह से कैल्शियम, मैग्नीशियम पानी से पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं जो कि शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

कितना टीडीएस पानी पीने के लिए सुरक्षित है

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्रति लीटर पानी में टीडीस की मात्रा 300 मिलीग्राम से कम होनी चाहिए। अगर एक लीटर पानी में 300 मिलीग्राम से 600 मिलीग्राम तक टीडीएस हो तो उसे पीने योग्य माना जाता है. हालांकि अगर एक लीटर पानी में टीडीएस की मात्रा 900 मिलीग्राम से ज्यादा है तो वो पानी पीने योग्य नहीं माना जाता है। बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) के मुताबिक, मानव शरीर अधिकतम 500 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) टीडीएस सहन कर सकता है। अगर यह लेवल 1000 पीपीएम हो जाता है तो शरीर के लिए नुकसानदेह हैं। लेकिन फिलहाल आरओ से फिल्टर्ड पानी में 18 से 25 पीपीएम टीडीएस मिल रहा है जो काफी कम है। इसे ठीक नहीं माना जा सकता।

सबसे अच्छा पानी कौन सा होता है

मिट्टी की पानी की बोतल में कोई खतरनाक रसायन भी नहीं होता है और हैल्थ के लिए फायदेमंद भी होती है। मिट्टी की बोतल का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बेहतर और एसिडिटी का इलाज होता है। इसके साथ ही गैस्ट्रिक दर्द भी कम होता है। वहीं, फिल्टर्ड में बहुत सारे मिनरल्स धुल जाते हैं। पानी में टीडीएस की मात्रा पानी को आरओ सिस्टम का उपयोग करके कम की जा सकती हैं। शहर के हैंडपंपों, ट्यूबवेलों के पानी की जांच नपा करवा कर टीडीएस की मात्रा रोकने के लिए आरओ सिस्टम लगाने के चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए। टीडीएस बढ़ने का मुख्य कारण तेजी से घटता जल स्तर है।