7 महीने में 4 बार, CM की सुरक्षा में चूक … ?

कभी सांड सामने आया, कभी लड़कियां; जानिए कितनी चुस्त होती है सीएम की सुरक्षा?

10 जून 2022 को योगी आदित्यनाथ जेपी नड्डा को रिसीव करने गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर से एयरपोर्ट जा रहे थे। 11:30 बजे जैसे ही उनका काफिला एयरपोर्ट के बाहर पहुंचा, कई प्राइवेट गाड़ियां सीएम योगी की गाड़ी के सामने आ गई। सुरक्षा में तैनात कमांडो तुरंत गाड़ी के पास आ गए।

यूपी के सीएम की सुरक्षा में पिछले 7 महीने 4 बार चूक हो चुकी है। पहले हम इन मामलों को बताएंगे, फिर हम सीएम की सुरक्षा के बारे में जानेंगे। कितने कमांडो होते हैं? दूसरे राज्यों में सुरक्षा क्या होती है? ट्रैफिक कैसा होता है? आइए, शुरू करते हैं।

पहले हम उन चार मामलों को जानते हैं जब सीएम की सुरक्षा में चूक हुई

गोरखपुर में काफिले में घुसी प्राइवेट गाड़ियां
यह सबसे लेटेस्ट मामला है। सीएम योगी गोरखपुर एयरपोर्ट के बाहर पहुंचे थे तभी ट्रैफिक संभाल रहे पुलिसकर्मी कन्फ्यूज हो गए और गलत दिशा में गाड़ियों को मोड़ दिया। SSP डॉ. विपिन ताडा ने एक इंस्पेक्टर, एक दरोगा और 8 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया।

सीएम योगी के सामने प्राइवेट गाड़ियां आई तो सुरक्षा कर्मी तुरंत सामने आ गए।
सीएम योगी के सामने प्राइवेट गाड़ियां आई तो सुरक्षा कर्मी तुरंत सामने आ गए।

योगी के मंच के सामने पहुंच गईं दो लड़कियां
11 फरवरी 2022 को योगी संभल जिले के चंदौसी में भाषण दे रहे थे। तभी दो लड़कियां प्रतिबंधित D एरिया को पार करते हुए योगी के पास पहुंच गई। सुरक्षा में तैनात अधिकारी पहुंचे और दोनों को पकड़कर बाहर ले गए। दोनों लड़कियों से पूछताछ हुई तो पता चला, वे एक कार्यक्रम के लिए सीएम को आमंत्रित करना चाहती थी।

काफिले के सामने आ गया सांड
10 दिसंबर 2021, योगी कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह के घर पहुंचे थे। वहां से लखनऊ के लिए निकले तो आगरा, एमजी रोड पर वह काफिले के सामने आ गया। उसके आने से गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो गई। ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों को डांट पड़ी थी।

पिस्टल लेकर ऑडिटोरियम में घुसा व्यक्ति
22 अक्टूबर 2021, सीएम का बस्ती में वीआईपी प्रोग्राम था। उनके पहुंचने से 45 मिनट पहले एक शख्स लाइसेंसी पिस्टल लेकर ऑडिटोरियम में पहुंच गया। बड़े अधिकारियों ने देखा तो उसे तुरंत बाहर किया और 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।

अब योगी की सुरक्षा की बात करते हैं।

योगी की सुरक्षा क्या है
योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर से सांसद थे तब उन्हें Y+ की सुरक्षा मिली हुई थी। इस दौरान CISF और पुलिस के 11 जवान उनके आसपास रहते थे। 19 मार्च 2017 को जब वह सीएम बने इंटेलिजेंस ब्यूरो ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी। उस रिपोर्ट में योगी आदित्यनाथ की जान को खतरा बताया गया। गृह मंत्रालय ने 31 मार्च 2017 को सीएम योगी को Z+ सुरक्षा के साथ NSG कवर दिया गया।

योगी आदित्यनाथ के साथ कोई तभी चल सकता है जब उनकी सहमति हो।
योगी आदित्यनाथ के साथ कोई तभी चल सकता है जब उनकी सहमति हो।

Z+ सुरक्षा मिलने पर सीएम के साथ क्या बदला
पीएम नरेंद्र मोदी को मिली एसपीजी सुरक्षा के बाद सबसे मजबूत सुरक्षा योगी आदित्यनाथ की ही है। योगी को मिली जेड प्लस सुरक्षा में कुल 36 जवान सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसमें 10 एनएसजी के कमांडो होते हैं। वे बिना हथियार भी लड़ाई लड़ सकते हैं। आईटीबीपी के जवान और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में शामिल होते हैं।

सीएम के एकदम बगल में चलने वाले ब्लैक ड्रेस में एनएसजी के कमांडो होते हैं। ये मार्शल आर्ट ट्रेंड होते हैं। इनके पास आधुनिक हथियार होते हैं। इसके अतिरिक्त सुरक्षा काफिले में जैमर, रोड ओपनिंग गाड़ियां योगी के साथ चलने लगी।

सीएम योगी के सरकारी आवास पर दो प्लाटून सीआरपीएफ तैनात
मार्च 2022 में लेडी डॉन नाम के ट्विटर अकाउंड से योगी को जान से मारने की धमकी मिली। 4 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में लगे दो पीएसी जवानों पर मुर्तजा नाम के व्यक्ति ने हमला कर दिया। 7 अप्रैल को योगी की सुरक्षा और बढ़ाते हुए सीआरपीएफ की दो प्लाटून को उनके सरकारी आवास पर ड्यूटी में लगाया गया।

सीएम योगी के सरकारी आवास पर अप्रैल से सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है।
सीएम योगी के सरकारी आवास पर अप्रैल से सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है।

जब हवाई रास्ते से जाते हैं तो सुरक्षा कैसे होती है
योगी आदित्यनाथ जब कहीं हवाई रास्ते से जाते हैं उस वक्त हेलीकॉप्टर तक पूरी सुरक्षा टीम जाती है और उन्हें ड्रॉप करके वापस चली आती है। 2 से तीन NSG के कमांडो ही हेलीकॉप्टर पर बैठते हैं। योगी जिस स्थान पर उतरते हैं वहां सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हैं।

अब बात सीएम को लेकर ट्रैफिक नियम और दूसरे राज्य की सुरक्षा की करते हैं।

ट्रैफिक का क्या नियम है
सीएम की यात्रा को लेकर ट्रैफिक एडवायजरी जिले की ट्रैफिक पुलिस जारी करती है। वह 24 घंटे पहले एक प्रेस नोट जारी करके शहर के लोगों को सूचित करती है कि इन रास्तों से न निकलें, वैकल्पिक मार्गों की जानकारी देती है। किसी चौराहे का ट्रैफिक कितनी देर रोका जाना है, यह पहले से तय नहीं होता।

दूसरे राज्यों में जाने पर क्या होती है सीएम की सुरक्षा
योगी आदित्यनाथ अगर किसी दूसरे राज्य में जाते हैं तब भी उनकी सुरक्षा में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होता। एनएसजी और एसपीजी के कमांडो लगातार उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। स्थानीय प्रशासन के उच्च अधिकारी भी इस दौरान साथ रहते हैं।

योगी जब किसी दूसरे राज्य में जाते हैं तब वहां पहले से ही NSG के जवान मौजूद रहते हैं।
योगी जब किसी दूसरे राज्य में जाते हैं तब वहां पहले से ही NSG के जवान मौजूद रहते हैं।

अब बात देश की सबसे मजबूत सुरक्षा प्राप्त पीएम नरेंद्र मोदी की।

पीएम की सुरक्षा में हर दिन 1 करोड़ 17 लाख रुपए खर्च
पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी के हाथ में होती है। जब वह किसी राज्य में जाते हैं तब वहां की पुलिस भी उनके साथ होती है। पीएम के दौरे पर सिक्योरिटी की जानकारी राज्य के सीएम, गृह मंत्री, डीजीपी और मुख्य सचिव को होती है। सिक्योरिटी प्लान डीएम और एसएसपी से शेयर होता है।

पीएम की सुरक्षा पर हर दिन 1 करोड़ 17 लाख रुपए खर्च होते हैं। यानी हर घंटे का 4 लाख 90 हजार रुपए। एसपीजी की सुरक्षा अभी तक सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मिली थी लेकिन अब सिर्फ नरेंद्र मोदी को ही यह सुरक्षा प्राप्त है।

योगी की सुरक्षा में हर महीने 1 करोड़ 39 लाख खर्च
2017 में सपा के शतरुद्र प्रकाश के एक सवाल के जवाब में सरकार ने जवाब दिया था कि सीएम योगी की सुरक्षा में हर महीने 1 करोड़ 39 लाख रुपए खर्च होते हैं। सुरक्षा में एक अपर पुलिस अधीक्षक, सात पुलिल उपाधीक्षक, 52 निरीक्षक, 21 उप निरीक्षक, 23 मुख्य आरक्षी और 127 आरक्षी तैनात किए गए हैं।

वैसे, इसके अलावा NSG पर होनेवाला खर्च नहीं बताया गया है।

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