मुरैना : 2 साल के भाई की लाश लेकर बैठा रहा मासूम…? लाश से मक्खियां उड़ाता रहा…

मुरैना में नहीं मिली एम्बुलेंस; पिता भटकता रहा, बड़ा बेटा लाश से मक्खियां उड़ाता रहा…

मुरैना में 8 साल का मासूम अपने 2 साल के भाई की लाश गोद में लेकर बैठा रहा। सफेद कपड़े से ढंकी लाश पर मक्खियां भिनभिना रही हैं। बड़ा भाई मक्खियां उड़ाता फिर मदद की उम्मीद में इधर-उधर नजरें दौड़ाता। यह सब डेढ़ घंटे चला। उसका दिल छोटे भाई की मौत से भारी है। गोद नन्ही, लेकिन सबसे वजनी लाश से भारी है। यह मंजर जिसने देखा, उसकी रूह कांप गई।

इस मंजर के पीछे भी दर्दनाक कहानी है। बच्चों का पिता बेटे की माटी को अपने गांव की माटी में मिलाने अंबाह ले जाने के लिए एम्बुलेंस लेने भटकता रहा। पैसों से खाली हाथ था तो सिस्टम ने भी उसे खाली हाथ ही रखा। उसे एम्बुलेंस नहीं मिली। काफी देर बाद किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस शव और उसके भाई को अपनी गाड़ी से अस्पताल ले गई। तब तक पिता लौटा नहीं था।

अब पूरा मामला समझिए। दो दिन पूर्व अंबाह के बड़फरा निवासी पूजाराम जाटव के बेटे राजा की तबीयत खराब हो गई थी। उसने राजा को अंबाह के सरकारी अस्पताल में दिखाया। हालत ज्यादा खराब होने के चलते डॉक्टरों ने बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। पूजाराम अपने 8 साल के बेटे गुलशन के साथ राजा को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा।

अंबाह से लेकर आई एम्बुलेंस तत्काल लौट गई। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि राजा को एनीमिया और पेट में पानी भरने की समस्या थी।

एम्बुलेंस के लिए चाहिए थे डेढ़ हजार रुपए

बेटे राजा की लाश घर ले जाने के लिए पूजाराम को एम्बुलेंस नहीं मिली। एम्बुलेंस के लिए उसे डेढ़ हजार रुपए की जरूरत थी, लेकिन इतने रुपए उसके पास नहीं थे। पूजाराम ने प्राइवेट और सरकारी एम्बुलेंस से मदद मांगी। गिड़गिड़ाया, लेकिन मदद नहीं मिली। पूजाराम बेटे राजा की लाश गुलशन की गोद में लेटाकर कुछ कम रेट की एम्बुलेंस तलाशने चला गया।

गुलशन यह सबसे भारी लाश लिए नेहरू पार्क के सामने सड़क किनारे नाले के पास बैठा रहा। पूजाराम ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से शव को गांव ले जाने के लिए वाहन की बात कही तो यह कहकर मना कर दिया गया कि शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है। बाहर से भाड़े की गाड़ी कर लो।

पुलिस ने उठवाई लाश, अस्पताल ले गई

सूचना मिलने पर कोतवाली TI योगेंद्र सिंह जादौन मौके पर पहुंचे। उन्होंने गुलशन की गोद से राजा का शव उठवाया। दोनों को जिला अस्पताल ले गए। वहां गुलशन का पिता पूजाराम भी आ गया, उसके बाद एम्बुलेंस से शव काे बड़फरा भिजवाया गया।

पूजाराम ने बिलखते हुए बताया कि उसके चार बच्चे हैं। तीन बेटे और एक बेटी, जिनमें राजा सबसे छोटा था। उसकी पत्नी तुलसा तीन महीने पहले घर छोड़कर अपने मायके (डबरा) चली गई है। वह खुद ही बच्चों की देखभाल करता है। मजदूरी करने भी जाता है।

कमलनाथ ने सरकार से पूछे सवाल

इस मामले में पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान भी सामने आया है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए घटना को लेकर दुख जताया और शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा…

‘मुरैना में 8 साल का मासूम बच्चा अपने 2 साल के छोटे भाई का शव लेकर अस्पताल में बैठा रहा। उसके पिता श्री पूजाराम जाटव बेटे का शव गांव ले जाने के लिए एम्बुलेंस के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्हें घंटों तक एम्बुलेंस या शव वाहन नहीं मिला। जब लोगों ने यह करुण दृश्य देखा तब सामाजिक हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने एम्बुलेंस उपलब्ध कराई।
मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से जानना चाहता हूं कि आखिर क्यों मध्यप्रदेश में नियमित अंतराल पर एम्बुलेंस ना मिलने के मामले सामने आते रहते हैं। कभी किसी गर्भवती स्त्री को एम्बुलेंस ना मिलने से प्राण गंवाने पड़ते हैं, तो कभी लोगों को अपने बीमार परिजन को चारपाई पर लिटाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है।
कोरोना महामारी के समय हमने देखा कि लोगों को अस्पताल नहीं मिल सका, ऑक्सीजन नहीं मिल सकी, जरूरी इंजेक्शन नहीं मिल सके। हजारों लोगों की इलाज के अभाव में मृत्यु हो गई। लेकिन उस समय भी आप लोगों की मदद करने की जगह मृत्यु और बीमारी के आंकड़े छुपाने में व्यस्त रहे।
चुनौतियों से भागने और सच्चाई को नकारने की आपकी और आपकी सरकार की यह प्रवृत्ति प्रदेश के पूरे चिकित्सा तंत्र को खोखला और संवेदनहीन करती जा रही है। मैं आपसे पुनः प्रार्थना करता हूं कि प्रदेश के मुखिया होने के नाते आप चिकित्सा तंत्र को मजबूत करिए ताकि प्रदेश की सात करोड़ जनता को आपकी लापरवाही की सजा ना भुगतनी पड़े।’

 

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