ग्वालियर-मुरैना : मध्यप्रदेश में 10 साल पहले जहां आईपीएस की हत्या की गई थी, वहां हर साल 200 करोड़ का अवैध खनन

आईपीएस, डिप्टी रेंजर, फॉरेस्ट गार्ड, आरक्षक को कुचलकर मार देने और अनेक अधिकारियों को जान से मारने का प्रयास करने के बाद भी मध्य प्रदेश के ग्वालियर-मुरैना क्षेत्र में सरकार खनन माफिया के सामने नतमस्तक बनी हुई है। बात हो रही है ग्वालियर-मुरैना के बॉर्डर पर बसे रंचौली, पढ़ावली, गडाजर, मडराई, माटोली, पौर, बरईपुरा जैसे उन तमाम गांव की।

इन्हें सफेद पत्थर के अवैध खनन के लिए पहचाना जाता है और कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के लिए कुख्यात माना जाता है। स्थिति ये है कि आईपीएस नरेंद्र कुमार की हत्या के 10 साल बाद भी शासन-प्रशासन इस क्षेत्र में अवैध खनन व माफिया को रोकने में नाकाम साबित हुआ है।

दैनिक भास्कर की टीम ग्वालियर-दिल्ली नेशनल हाईवे से कुछ किलोमीटर अंदर मौजूद इन कुख्यात इलाकों में खनन के हालात देखने के लिए पहुंचे। पड़ताल में पता चला किमाफिया के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वो इन क्षेत्रों से रोजाना लगभग 20 लाख रुपए तक का अवैध सफेद पत्थर खदानों से निकालकर बेच रहे हैं।

बिना केंद्रीय मंजूरी के 110 फीट तक निकाला पत्थर

बिना लीज के दबंग और लीज वाले भी खनिज नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। नियमानुसार 20 फीट से अधिक गहराई में खनन करने के लिए केंद्र से अनुमति लेनी होती है। मगर, इन क्षेत्राें में किसी ने ये अनुमति नहीं ली है और खनन पहाड़ को 110 फीट की गहराई तक काट दिया गया है।

सख्ती करने वाली अफसर को हटाया, 12 बार हमला हुआ

वन विभाग, मुरैना में एसडीओ पद पर पहुंची श्रद्धा पंढारे ने जैसे ही रेत व पत्थर माफिया पर सख्ती की तो उन पर 12 बार जानलेवा हमले हुए। तेवर सख्त रहे तो माफिया ने उनका ट्रांसफर करा दिया। 45 दिन में श्रद्धा ने रेत-पत्थर माफिया की बाइक, ट्रेक्टर-ट्रॉली से लेकर ट्रक तक जब्त किए।

10 साल से नहीं थम रहे माफिया के हमले

1. नरेंद्र कुमार: 2009 बैच के आईपीएस नरेंद्र कुमार बानमौर में बतौर एसडीओपी पदस्थ थे। होली के दिन वे 8 मार्च 2012 को अवैध खनन कर पत्थर लेकर जा रहे एक ट्रेक्टर-ट्रॉली को रोकने की कोशिश के दौरान उन पर ट्रैक्टर पलट दिया जिससे उनकी मौत हो गई। 2. धर्मेंद्र चौहान: पुलिस आरक्षक धर्मेंद्र चौहान को माफिया ने 2015 में कुचलकर मार डाला। 3. नरेंद्र शर्मा: 6 मार्च 2016 काे रेत की गाड़ी का पीछा करते हुए फॉरेस्ट गार्ड नरेंद्र शर्मा की हत्या कर दी। 4. सूबेदार सिंह: 7 सितंबर 2018 को मुरैना बैरियर पर डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाह की हत्या। 5. सुधीर कुशवाह: पुरानी छावनी थाने के तत्कालीन प्रभारी सुधीर सिंह कुशवाह 4 फरवरी 2021 को हमले में बाल-बाल बचे।

पूरा गांव खनन में शामिल, सड़क-गुमटी से मुखबिरी

इलाके के सभी 7 गांव के लोग अवैध खनन में शामिल हैं। जैसे ही यहां कोई अजनबी वाहन दिखता है, उसकी मुखबिरी शुरू हो जाती है। भास्कर टीम के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, हम जब रंचौली, पढ़ावली के रास्ते पर पहुंचे। एक पुलिसकर्मी के अनुसार, यही वजह है कि यहां माफिया मजबूत है और कार्रवाई भी नहीं हो पाती।

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