भिंड : जिला अस्पताल में डॉक्टर्स की मनमानी …? ओपीडी में नहीं देते फुल समय, दर्द से तड़पते रहते मरीज

  • समाज सेवी भी कर चुके धरना प्रदर्शन

जिला अस्पताल के इलाज के लिए आने वाले मरीजों को डॉक्टर्स की मनमानी झेलनी पड़ती है। मरीजों को समय पर डॉक्टर ओपीडी टाइम में उपस्थित नहीं मिलते है। ये बात की बार बार शिकायत आने के बाद चिकित्सालय प्रबंधन ओपीडी टाइम में मनमर्जी से उपस्थित होने वाले चिकित्सकों पर सख्ती से पेश नहीं आ रहा है। इसी बात काे लेकर भिंड में बीते रोज समाजसेवियों ने धरना प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद भी हाल जस के तस बने हुए है।

डॉक्टर्स का निजी क्लिनिक पर फोकस

भिंड के जिला अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक व स्टाफ का मरीजों के साथ सरल व्यवहार नहीं किया जाता है। यहां मरीज उपचार के लिए इधर उधर भटकते रहते है। जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स का फोकस निजी क्लिनिक पर होता है। ओपीडी के टाइम में देरी से चिकित्सालय पहुंचते है और जल्द चैम्बर छोड़कर चले जाते है। ऐसे में पूरा टाइम जिला चिकित्सालय पर नहीं दे रहे है। ऐसी अव्यवस्थाओं के बीच उपचार के लिए आने वाले मरीजों को दर्द से तड़पना पड़ता है।

उमस व गर्मी से जूझ रहे मरीज

जिला चिकित्सालय में कई वार्डों में मरीजों को कूलर, पंखे की बदहाल व्यवस्था है। गर्मी के मौसम में अस्पताल में ठंडा पीने योग्य पानी भी नहीं है। इसके अलावा कूलर, पंखा खराब पड़े है। वार्डों में भर्ती मरीज गर्मी से बेहाल हो रहे है। रौन से उपचार के लिए जिला अस्पताल में उपचार के लिए आए मरीज वीरेंद्र सिंह का कहना है कि चिकित्सालय में मरीजों की देखभाल में लापरवाही बरती जाती है। ओपीडी टाइम में आने पर घंटों चिकित्सक का इंतजार करना होता है। चिकित्सक आधी अधूरी जानकारी देते है। इलाज के दौरान मरीज की बात को अनसुना कर देते है। सीधा पर्चे पर दवा लिखकर चलता करते है। जबकि मरीज अपना दर्द सुनाना चाहता है उसमें कोई रूचि नहीं दिखाते है।

3 घंटे तक चला धरना प्रदर्शन

जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर बीते रोज समाज सेवियों ने परिसर में धरना प्रदर्शन किया। यहां करीब तीन घंटे तक समाज सेवी धरना प्रदर्शन पर बैठे रहे। समाज सेवियाें ने धरना प्रदर्शन के दौरान अस्पताल प्रबंधन की पोल को खोला। इसके बाद भी व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है। इस पूरे मामले में समाजसेवी विनोद कुमार शिवहरे का कहना था कि जिला अस्पताल में पर्चा बनवाने के बाद जब डॉक्टर को दिखाने के लिए गए, तो वहां एक भी चैंबर में कोई भी डॉक्टर बैठा नहीं मिला। मैंने करीब 15 मिनिट तक अस्पताल में डॉक्टरों के आने का इंतजार किया। लेकिन डॉक्टर फिर भी नहीं आए। जिस पर उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल को फोन पर संपर्क कर पूरे मामले से अवगत कराया। जिस पर सिविल सर्जन ने चैंबर में डॉक्टर बैठे इतना कहकर फोन कट कर दिया। ये हाल जिला चिकित्सालय का है। जिसका खामियाजा मरीज उठाना पड़ रहा है। यहां मरीजों को दवा न देकर दर्द दिया जा रहा है।

व्यवस्थाएं सुदृढ़ है

  • जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं सुदृढ़ है। यद्पि कुछ कमी है उसे भी सुधारा जाएगा। मरीजों को हर संभव उपचार देने की प्राथमिकता है। फिर भी कोई चिकित्सक द्वारा लापरवाही बरती जा रही है तो वो सीधी शिकायत करे।

– डॉ. अनिल गाेयल, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय, भिं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *