मध्यप्रदेश में ग्रेजुएट्स ज्यादा बेरोजगार …

सीएमआईई की रिपोर्ट में खुलासा … जबकि 5वीं तक पढ़े लोगों में बेरोजगारी दर सबसे कम

मप्र में ग्रेजुएट्स बेरोजगारी दर 11.53% और 5वीं पास की 0.44% है।

 मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे वर्ग यानी ग्रेजुएट्स में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है, जबकि 5वीं पास लोगों में बेरोजगारी दर सबसे कम महज 0.44% है। इसका मतलब यह है कि कम पढ़े लिखे युवा वर्ग ने रोजगार के लिए अन्य विकल्प तलाश लिए हैं, लेकिन ग्रेजुएट्स अभी भी नौकरी की तलाश में हैं।

यह खुलासा हाल ही में आई सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी) की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में ग्रेजुएट्स में बेरोजगारी दर 11.53% है, जबकि राज्य में मई से अगस्त 2022 माह के बीच ग्रॉस बेरोजगारी दर 3.52% रही। ये बेरोजगारी दर का देश में दूसरा सबसे कम आंकड़ा है।

देश में सबसे कम बेरोजगारी दर छत्तीसगढ़ में 0.82% है। मध्यप्रदेश में मई से अगस्त 2022 तक बेरोजगारी दर 3.52% रही। इनमें पुरुषों में बेरोजगारी दर 3.48% और महिलाओं में 4.91% है। देश में अगस्त में 8.28% के साथ बेरोजगारी दर साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

महिला और पुरुषों में ऐसी है बेरोजगारी दर…

उम्र के हिसाब से मप्र में 20-24 साल तक के युवा वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर 58.08% है, जबकि पुरुषों में यह 26.50% है। वहीं 25-29 साल की युवा श्रेणी में भी करीब इतनी ही 10.35% बेरोजगारी दर है। इनमें पुरुषों में 10.32% बेरोजगारी दर है। वहीं महिलाओं में 11.94% बेरोजगारी दर है। 15-20 साल की उम्र के बीच 11.76% बेरोजगारी दर है।

अवसरों की कमी से गैप बन जाता है
शिक्षा के स्तर और बेरोजगारी दर में ये अंतर इसलिए है, क्योंकि कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद मन में अच्छी नौकरी पाने की उम्मीद होती है, लेकिन मार्केट में अवसरों की कमी की वजह से ये गैप बन जाता है। इसकी एक वजह ये भी है कि डिप्लोमा या वोकेशनल कोर्स करने पर युवाओं को आसानी से नौकरी मिल जाती है, इसलिए इस श्रेणी में बेरोजगारी दर कम होती है, जबकि प्रोफेशनल कोर्स में डिग्री पूरी करने के बाद मनचाही नौकरी नहीं मिलने पर लोग किसी और सेक्टर में काम करने को तैयार नहीं होते।

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