AIIMS में लगी भयंकर आग, दमकल की 34 गाड़ियां मौके पर, इमरजेंसी वार्ड बंद

एम्स में शनिवार शाम करीब पौने पांच बजे अचानक आग लग गई। इससे मरीजों और उनके तीमारदारों में दहशत मच गई। लोग अपने मरीजों को लेकर भागने लगे, जिसे जहां से रास्ता मिला वो उधर से जाने की कोशिश करने लगा। एम्स में सामान्यत: मरीजों की भारी भीड़ होती है, शनिवार शाम आग लगते ही मरीजों के सहायकों को समझ में नहीं आया कि वो क्या करें और मरीज को कहां ले जाएं। हर तरफ अफरातरफरी का माहौल था। बताया जा रहा है कि पहली और दूसरी मंजिल पर आग को बुझा लिया गया है, लेकिन अब आग तीसरी मंजिल से होते हुए पांचवीं मंजिल पर पहुंच गई है। शुरुआत में इमारत से धुआं निकलना शुरू हुआ फिर आग की लपटें ऊंची-ऊंची उठनी शुरू हो गईं। फिलहाल आग बुझाने में दमकल की 34 गाड़ियां जुटी हुई हैं। इस बीच किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर एबी वार्ड शिफ्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ,निदेशक समेत कई बड़े अधिकारी एम्स में मौजूद हैं। निदेशक के दफ्तर में इस मामले पर बैठक चल रही है।

धुएं से मरीजों की फूली सांस
एम्स के टीचिंग ब्लॉक में लगी आग से मरीजों का सांस लेना मुश्किल हो गया। यहां तक कि तीमारदार से लेकर डॉक्टरों को आग के धुएं से सांस लेने में मुश्किल हुई। मरीज से लेकर तीमारदार धुएं के कारण खांसते हुए नजर आए। कुछ को धुएं से आंखों में जलन होने लगी। इसी बीच मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम जारी थी। इमारत से धुआं रूक नहीं रहा था।

बारिश में मरीज शिफ्ट होने के लिए भटकते दिखे 
एक तरफ जहां मरीजों को बारिश के बीच में शिफ्ट करना जारी थी। दूसरी ओर कुछ ऐसे मरीज भी अस्पताल परिसर में दिखाई दिए जो शिफ्ट होने के लिए तीमारदारों के साथ भटकते हुए दिखाई दिए। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने मरीज को लेकर कहां जाए। जिसमें कुछ मरीज ऐसी भी थे जिनकी ग्लूकोज की बोतल तीमारदार ने अपने हाथों में पकड़ रखी थी। जबकि मरीज पेशाब वाली थैली को खुद ही हाथ में पकड़कर ले जाते हुए दिखाई दिए।

रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों की करते दिखे मदद
अस्पताल में आग की सूचना जैसे रेजिडेंट डॉक्टरों के पास पहुंची। वह तुरंत टीचिंग ब्लॉक के पास पहुंच गए। जहां वह मरीजों का इलाज करते नजर आए। उन्हें शिफ्ट कराने में डॉक्टरों ने मदद की।

छोटी आंत में थी दिक्कत निकाला बाहर 
बिहार के समस्तीपुर की कंचन सिंह की छोटी आंत में दिक्कत है। शुक्रवार को इमरजेंसी में भर्ती हुई थी। लेकिन आग लगने के बाद से कंचन को बाहर निकाल दिया गया। जिसको लेकर कंचन के तीमारदार काफी परेशान दिखाई दिए।  कैंसर के मरीज को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

जाफराबाद के रहने वाले शबाब को शुक्रवार को एम्स की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। आग लगने के बाद उन्हें इमरजेंसी से निकालकर सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित स्थान पर भेज दिया। हालांकि, इस घटना से शबाब के परिजन काफी परेशान दिखे।

लीवर की बीमारी से पीड़ित मरीज को सफदरजंग भेजा
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के शंभू श्रीवास्तव को लीवर सिरोसिस की बीमारी है। शनिवार को इलाज के लिए वह इमरजेंसी पहुंचे थे। उनका लीवर प्रत्यारोपण होना था। लेकिन आग लगने की वजह से बारिश के बीच में ही उन्हें सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट किया गया। भगदड़ में उन्हें एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई। तीमारदार उन्हें पैदल ही ले गए।

शौचालय के बाहर स्ट्रैचर पर पड़े दिखे मरीज  
मरीजों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के चलते कुछ मरीज काफी देर तक शौचालय के बाहर ही स्ट्रैचर पर पड़े रहे। शौचालय की बदबू से वहां रुकना बेहाल था। लेकिन, मरीज स्ट्रैचर पर दूसरी जगह शिफ्ट करने के इंतजार में लेटे दिखाई दिए। इसे लेकर तीमारदारों में रोष भी नजर आया।

बारिश में भटकते दिखे 
एक तरफ जहां मरीजों को बारिश के बीच में शिफ्ट करना जारी थी। दूसरी ओर कुछ ऐसे मरीज भी अस्पताल परिसर में दिखाई दिए जो शिफ्ट होने के लिए तीमारदारों के साथ भटकते हुए दिखाई दिए। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने मरीज को लेकर कहां जाए।
जिसमें कुछ मरीज ऐसी भी थे जिनकी ग्लूकोज की बोतल तीमारदार ने अपने हाथों में पकड़ रखी थी। जबकि मरीज पेशाब वाली थैली को खुद ही हाथ में पकड़कर ले जाते हुए दिखाई दिए।

900 मीटर के 100 रुपये वसूले
एक्स से मरीजों को जब सफदरजंग स्थानांतरित किया जा रहा था तो इस अफरा-तफरी के माहौल में एम्स के गेट के बाहर से सफरदरजंग अस्पताल तक करीब 900 मीटर फासले का तिपहिया चालकों ने मनमाना किराया वसूला। एक मरीज के तीमारदार रमेश कुमार ने बताया कि उनसे तिपहिया वाले ने 80 रुपये लिए। कैब वालों ने 100 रुपये तक किराया वसूला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *