मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी का खामियाजा स्टूडेंट भुगतेंगे, 1350 मेडिकल स्टूडेंट इस साल नहीं दे पाएंगे नीट पीजी

स्टूडेंट भुगतेंगे खामियाजा…

मध्यप्रदेश के 1350 से भी ज्यादा फ्रेशर मेडिकल स्टूडेंट नीट पीजी-2023 एग्जाम नहीं दे पाएंगे। मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी ने परीक्षा लेने और रिजल्ट देने में देरी कर दी, जिसके कारण यह स्थिति बनी। दरअसल, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) ने नीट पीजी की संभावित तारीख 5 मार्च बताई है, लेकिन तब तक फ्रेशर मेडिकल स्टूडेंट की इंटर्नशिप पूरी नहीं हो पाएगी। यही वजह है कि प्रदेश के 4 सरकारी मेडिकल कॉलेज के अलावा मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध भोपाल और उज्जैन का एक-एक और इंदौर के दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स इस परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे।

दरअसल, 31 मार्च तक होने वाली एमबीबीएस फाइनल ईयर की एग्जाम मई 2022 में खत्म हुई थी। इसके बाद भी रिजल्ट देने में दो महीने से ज्यादा का वक्त लगाया गया। रिजल्ट 25 जुलाई को जारी हुआ। इसके बाद उनकी इंटर्नशिप शुरू हुई, जो इस साल 24 जुलाई तक चलेगी। जबकि, कटऑफ क्राइटेरिया के हिसाब से इंटर्नशिप अप्रैल-मई में पूरी हो जानी चाहिए थी। यदि नीट-पीजी इस बीच नीट पीजी-2023 एग्जाम मार्च में होता है तो मध्यप्रदेश के फ्रेशर मेडिकल स्टूडेंट इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे।

वजह- इनकी 31 मार्च को खत्म होने वाली इंटर्नशिप 24 जुलाई तक चलेगी

प्राइवेट यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट योग्य होंगे
हैरानी की बात यह है कि भोपाल की दो प्राइवेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के 300 मेडिकल स्टूडेंट नीट पीजी दे पाएंगे, क्योंकि इन यूनिवर्सिटी ने ना सिर्फ एग्जाम जल्दी कराए, बल्कि रिजल्ट जल्दी देकर समय पर इंटर्नशिप शुरू करा दी थी। इनकी इंटर्नशिप 1 अप्रेल 2022 से शुरू हुई थी जो 31 मार्च 2023 को खत्म हो जाएगी। इन दोनों यूनिवर्सिटीज में 150-150 सीटें हैं।

किस कॉलेज के कितने स्टूडेंट अटके

  • इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर के सरकारी कॉलेजों के 150-150 और सागर व रीवा के 100-100 स्टूडेंट।
  • प्राइवेट में अरविंदो मेडिकल कॉलेज इंदौर के 100, आरडी गार्डी उज्जैन के 150, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर के 150 और चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल के 150 छात्र समेत कुल 1350 फ्रेशर मेडिकल स्टूडेंट।

इन्होंने रिजल्ट जल्दी दिया, संभाली स्थिति

कोरोना के कारण तमाम राज्यों में एग्जाम और रिजल्ट में देरी हुई थी, लेकिन दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान ने न सिर्फ समय पर परीक्षा कराई, बल्कि रिजल्ट भी जल्दी दिया।

चिकित्सा एजेंसी एनबीई से बात कर बीच का रास्ता निकाले सरकार

नीट पीजी एग्जाम मार्च में हुआ तो फ्रेशर कैंडिडेट एग्जाम में शामिल नहीं हो पाएंगे। राज्य की चिकित्सा एजेंसी को एनबीई से बात कर बीच का रास्ता निकालना चाहिए, ताकि मध्यप्रदेश के फ्रेशर कैंडिडेट एग्जाम में शामिल हो सकें।
डॉ. आकाश सोनी, चीफ एडवाइजर, जेडीए यूजी विंग मध्यप्रदेश

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