जीवाजी विश्वविद्यालय में चल रही खींचतान में अटका 350 छात्रों का भविष्य
इन दिनों जीवाजी विश्वविद्यालय (जेयू)से संबद्घाता प्राप्त चार बीएड कालेजों की मान्यता समाप्त करने के मामले में जेयू में गर्मा-गर्मी बनी हुईहै।
ग्वालियर इन दिनों जीवाजी विश्वविद्यालय (जेयू)से संबद्घाता प्राप्त चार बीएड कालेजों की मान्यता समाप्त करने के मामले में जेयू में गर्मा-गर्मी बनी हुई है। कार्यपरिषद सदस्य भी अपने पक्षों के अधार पर दो गुटों में बंटे हैं। जहां एक ओर कार्यपरिषद के चार सदस्य आए दिन कालेज की मान्यता को निरस्त करने की बात लेकर पत्र पर पत्र दिए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बाकी के कार्यपरिषद सदस्य कह रहे हैं कि सत्र 2023-24 से मान्यता को निरस्त किया जाए। इस खींचतान के बीच में उन 350 छात्रों का भविष्य झूल रहा है जिन्हें प्रवेश लेते समय कोई अंदाजा नहीं था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है। यूं तो दिसंबर तक बीएड की परीक्षाएं संपन्न हो जाती हैं, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया देरी तक चलने के कारण अब बीएड के पहले और तीसरे सेमिस्टर की परीक्षाएं फरवरी माह में होना संभावित है। अब वर्तमान में मान्यता के निरस्तीकरण के कारण छात्रों की मनोस्थिति भी स्थिर नहीं है।
वक्त पर क्यों नहीं जागे: ऐसा नहीं है कि संबद्घता निरस्तीकरण का मामला अभी कुछ दिन पहले का है, इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग से मान्यता के निरस्तीकरण के संबंध में जारी पत्र जेयू को अगस्त में मिला, कुलपति का कहना है कि सितंबर से स्थाई कमेटी और कार्यपरिषद में यह मामला चल रहा है। लेकिन जनवरी होने तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया । इतने समय में छात्रों का एक सेमिस्टर पूरा हो गया। वहीं इस मामले में आरोप यह भी है कि जब उच्च शिक्षा विभाग ने अगस्त में उक्त चार कालेजों की मान्यता निरस्त करने की अनुशंसा कर दी की तो फिर अक्टूबर तक कालेज प्रवेश प्रक्रिया में शामिल क्यों रहे।
नियम यह कहते हैं : एनसीटीई के नियमों की मानें तों किसी भी चालू सत्र में किसी कालेज की मान्यता को निरस्त नहीं किया जा सकता । छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए कालेज के आगामी सत्र की मान्यता को निरस्त किया जाता है और जब तक एक भी छात्र कालेज में पढ़ रहा है तब तक सारी अकादमिक गतिविधियां यथावत रहती हैं। गौरलतब है कि एनसीईटी में कालेजों की सीटें बढ़ाने का प्रावधान नहीं है । किसी विशेष स्थिति में यदि सीटें बढ़ाई भी जाती हैं तो प्रक्रिया पूरी करने में लंबा समय जाता है।
इन कालेजों की मान्यता खतरे में
– करहाल ऐज्यूकेशन कालेज बरौआ, जिला ग्वालियर
– आइडियल कालेज जरपुरा , महगांव
– श्रीराम राजा शिक्षा महाविद्यालय दतिया
– राधा कृष्ण कालेज चितुआ झांसी रोड दतिया
(नोट: इनमें सिर्फ दतिया में स्थित कालेजों में विद्यार्थी हैं अन्य में छात्रसंख्या है।)
चार कालेजों की मान्यता समाप्त करने के मामले में जेयू में तनातनी
– विद्यार्थी चाहे एक हो या एक हजार सबके भविष्य का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है, यदि इन 350 छात्रों की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार हो तो बेशक आज मान्यता निरस्त कर दें।
यह विवाद आएंगे सामने
– छात्रों की परीक्षाएं फरवरी में होना है। ऐसे में यदि उक्त कालेजों की मान्यता को निरस्त करने के बाद छात्रों को कहीं स्थानांतरित किया जाता है तो उक्त स्थिति में यह विवादास्पद मामले सामने आ सकते हैं।
– कालेजों में इतनी रिक्त सीटें नहीं हैं, ऐसे में फरवरी तक 350 छात्रों को दतिया के निकटवर्ती कालेजों में स्थानांतरित करने में समस्या होगी।
– किसी विद्यार्थी को दतिया से प्रदेश के किसी अन्य जिले में स्थानांतरित किया जाता है तो वह छात्र असहज होगा व विरोध करेगा।
– जो नया कालेज छात्रों को प्रवेश देगा वह फीस की भी मांग करेगा, इस स्थिति में फीस कौन देगा इस पर विवाद होगा।
– बीएड में छात्र च्वाइस फिलिंग के आधार पर कालेज लेता है, ऐसे में स्थानांतरण को लेकर विरोध दर्ज होगा।
छात्रों को समय रहते किसी अन्य कालेज में स्थानांतरित कर देना चाहिए, और उसके बाद इन कालेजों की मान्यता निरस्त कर दें । इस मामले में कुलसचिव को दो बार अलग से पत्र दे चुके हैं।
प्रदीप शर्मा , कार्यपरिषद सदस्य, जीवाजी विश्वविद्यालय
नियमों का हवाला भी दें तो भी बीच कोर्स में किसी कालेज की मान्यता को निरस्त नहीं कर सकते हैं। मैं यही कहता हूं कि आगामी सत्र 2023-24 की मान्यता को निरस्त कर दिया जाए।
डा. विवेक भदौरिया, कार्यपरिषद सदस्य , जेयू
मामला कार्यपरिषद के संज्ञान में पहले से था। कई बैठकों में चर्चा भी हो चुकी है। अब अंत में आ कर निर्णय में बदलाव नहीं हो सकता। जेयू का निर्णय छात्रों को ध्यान में रख कर होगा।
प्रो. अविनाश तिवारी, कुलपति, जीवाजी विश्वविद्यालय