उमा ने थपथपाई भाजपा से निष्काषित नेता प्रीतम सिंह लोधी की पीठ …?
बोलीं-प्रीतम को माफी नहीं देना अपराध; आशीर्वाद देकर कहा-शोषितों की आवाज बने रहना …..
मध्यप्रदेश में नशाबंदी और शराबबंदी की मांग को लेकर मुखर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने रविवार को अपने रिश्तेदार और बीजेपी से निष्कासित नेता प्रीतम सिंह लोधी से मुलाकात की। वे प्रीतम सिंह के घर पहुंची थीं, वहां उन्होंने चौपाल लगाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रीतम लोधी ने असंयत भाषा का प्रयोग किया था, जिसके लिए इन्होंने पार्टी से माफी मांग ली। अब इन्हें माफी नहीं देना अपराध है। माफ नहीं किया तो ये भारी भूल है। उमा भारती ने प्रीतम सिंह लोधी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि गरीबों और पिछड़ों की आवाज बने रहना।
दरअसल भाजपा की वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम साध्वी उमा भारती रविवार को ग्वालियर दौरे पर थीं। इस दौरान वे प्रीतम लोधी के घर जलालपुर भी गईं। यहां उन्होंने गांव के लोगों, महिलाओं से चौपाल लगाकर बात की। इस दौरान उमा ने प्रीतम लोधी और उनकी पत्नी को पास बुलाया। दोनों को अपने साथ बैठा लिया।
उमा ने कहा कि भाजपा से निष्कासित होने के बाद प्रीतम पहले से कई गुना लोकप्रिय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रीतम काे आज से नहीं, बल्कि उस समय से जानती हैं, जब 1989 में वह मेरे लिए चुनाव प्रचार करने आए थे। उन्होंने मेरे चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। मेरे लिए कई बार उसने जिंदगी दांव पर लगाई है।
प्रीतम ने माफी मांगकर फर्ज निभाया: उमा
उमा भारती ने कहा कि – ये मतभेद तुम्हारी असंयत भाषा से हो गया। इसको तुमने माफी मांगकर ठीक कर लिया। माफी नहीं देना ही अब अपराध है। माफी मांगकर इसने अपना धर्म पूरा कर लिया। हाथ जोड़कर माफी मांगी। पांव पकड़कर माफी मांगी। अब अगर माफी नहीं दी गई तो ये बड़ी भारी भूल है। इसके बाद भी माफ नहीं करोगे तो आप चाहते है कि लोग गलतियां करते ही रहे। अगर लोग उनकी गलतियों का प्रायश्चित करते हैं तो उनको पूर्ण सरंक्षण प्राप्त होना चाहिए। इसलिए मैं प्रीतम को पूरी तरह से आशीर्वाद देने आई हूं। गरीबों और शोषितों की हमेशा आवाज बने रहना। हमेशा उनके साथ खड़े रहना।

मैं, प्रीतम के घर आई तो कुछ गलत नहीं है
उमा भारती का कहना है कि मैं, भाजपा से निष्कासित प्रीतम के घर आई हूं, तो इसमें बुराई नहीं है। भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री जयंत मलैया को नोटिस मिला था। उनका बेटा अभी भी पार्टी से निष्कासित है। हाल ही में BJP के कई नेता उनके घर पहुंचे थे। ऐसे में प्रीतम के घर मैं नहीं पहुंचती, तो कैसा लगता। पिछड़ा वर्ग को क्या लगता, दीदी उनको भूल गई।
प्रीतम को बताया शोषित वर्ग का नेता
उमा भारती ने प्रीतम लोधी के कार्यों की प्रशंसा की। उनका कहना था कि अनजाने में उसके बोलने से कुछ मतभेद हो गए। उसने माफी मांगकर अपना काम कर दिया है। उसे माफ नहीं कर गलत किया जा रहा है। प्रीतम शोषित वर्ग का नेता है। पिछड़ों का नेता है। मेरे कहने पर उसने 30 साल पहले शराब छोड़ दी थी। अब समय आ गया है कि हम शराबबंदी को लेकर संकल्प लें।

प्रीतम लोधी से मिलने के बाद उमा ने किया ट्वीट
प्रीतम सिंह लोधी से मुलाकात के बाद उमा ने ट्वीट किए। उन्होंने कहा – ‘जब दमोह से कांग्रेस के विधायक राहुल बीजेपी में आए और उपचुनाव हुए, उस समय जयंत मलैया जी एवं उनके पुत्र पर पार्टी ने इस आधार पर कार्रवाई की, कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है। तब मैं जयंत मलैया जी के विरुद्ध कार्यवाही से सहमत नहीं थी। अभी हमारी पार्टी के एक राष्ट्रीय महासचिव ने उस कार्रवाई के लिए उनसे माफी तक मांगी।
कल रात को मेरे ग्वालियर पहुंचते ही प्रीतम सिंह लोधी जी मुझसे मिलने आ गए, इसीलिए आज सवेरे मैं उनके यहां गई। जब प्रीतम सिंह लोधी ने विप्र जनों के खिलाफ असंयत भाषा का प्रयोग किया, पार्टी ने उन पर कार्यवाही की तब मैंने भी उनकी भर्त्सना की थी। उनके घर आने के लिए उनका मुझसे आग्रह करने पर ऐसा लगा कि यदि मैं उनके यहां नहीं गई तो यह संदेश पिछड़े, दलित एवं शोषित तबकों में जाएगा कि जयंत मलैया से तो माफी तक मांग ली गई और मैं प्रीतम सिंह लोधी के यहां चाय पीने भी ना जाऊं तो जो पिछड़े, दलित और शोषित वर्ग हमारी पार्टी भाजपा पर शंका करते हैं कि हम उनका सम्मान नहीं रखते हैं यह प्रमाणित हो जाएगा।
आज भी मैंने प्रीतम सिंह लोधी जी को कहा आप एससी, एसटी और ओबीसी के लिए ओबीसी महासभा की तरफ से प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग रखो और उसमें 10% गरीब सवर्णों के लिए भी हिस्सा मांगो। अब दुनिया में जो भी जात या जमात हैं वह केवल दो हैं अभावग्रस्त एवं सुविधा युक्त। दुनिया के सभी अभावग्रस्त लोगों को एकजुट होकर अपने मानव अधिकारों के लिए लड़ना होगा।