इंदौर। सैकड़ों करोड़ से एनर्जी घोटाले में क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।दो टीम सूरज और राजकोट में छापे मार रही है। गिरोह के तार दुबई और यूके से जुड़े है। मास्टर माइंड विदेशों में बैठ कर कईं करोड़ रुपये डकार चुके हैं। ठगी में डार्कनेट और वीपीएन का उपयोग हुआ है।

क्राइम ब्रांच ने इसी वर्ष फरवरी में जितेंद्र सोनी,संदीप जोशी,नरेंद्र दवे सहित 130 लोगों की शिकायत पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। एडिशनल डीसीपी(अपराध) गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया आरोपितों ने जीई रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी के नाम से कंपनी बनाई और लोगों से करोडों रुपये निवेश करवा लिए।

पूरे देशभर से सैकड़ों करोड़ रुपये खातों में जमा करवाए और आरोपित रातोंरात फोन और वेबसाइट बंद कर फरार हो गए।मामले में पुलिस ने मोबाइल नंबर और खातों के नंबर गुजरात और राजस्थान में छापे मारे। शनिवार को पुलिस ने सूरत से आरोपित प्रशांत पोलरा,नयन मंघानी और मिलन भाई पंसेरिया को गिरफ्तार कर लिया।

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला मिलन और नयन फर्जी कंपनियां बना कर प्रशांत को खाते मुहैया करवाते थे। प्रशांत गिरोह के मास्टर माइंड तक खाते भिजवा देता था। तीनों को इसके लिए लाखों रुपये का कमिशन मिलता था। मिलन और नयन ने ज्यादातर खाते महिलाओं के नाम से खुलवाए है।

दोनों बाकायदा दुकान किराये पर लेकर कंपनी रजिस्टर्ड करवाते थे।कंपनी के लिए करंट खाते खुलवा कर प्रशांत के सुपुर्द कर दिए जाते थे। पुलिस ने आरोपितों से भारी मात्रा में फर्जी खातों के दस्तावेज,सील मिलीं है। कुछ आरोपितों की तलाश में राजकोट में छापे मारे जा रहे है। सूत्रों के मुताबिक प्रशांत ने बताया कि मास्टर माइंड दुबई,कंबोडिया और यूके में बैठे है। फिलहाल पुलिस तीनों आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ में जुटी है।

डार्कनेट और वीपीएन का उपयोग करते थे ठग

सूत्रों के मुताबिक गिरोह में अंतराष्ट्रीय जालसाज शामिल है।आरोपितों ने डार्टनेट वेब साइट और वर्चुअल पावर नेट(वीपीएन) का उपयोग किया है ताकि जांच एजेंसियां उन तक पहुंच न सके। इस गिरोह ने ओडिसा,पश्चिम बंगाल,राजस्थान,दिल्ली के मजदूर,दुकानदार और गरीब लोगों के खातों का उपयोग किया है। पुलिस आइपी एड्रेस के माध्यम से आगे की लिंक तलाश रही है।

सैकड़ों करोड़ लेकर रातोंरात फरार हुए आरोपित

पुलिस के मुताबिक आरोपित ने जीई रिन्यूएबल एनर्जी के नाम से कंपनी बनाई थी। वाट्सएप ग्रुप बना कर लोगों को लिंक भेजी और कहा कि कंपनी में निवेश करने पर तगड़ा मुनाफा मिलेगा। आरोपितों ने शुरुआत में मुनाफा भी दिया।बाद में एक दूसरे को जोड़ने का प्रस्ताव दिया और कहा कि कमिशन मिलेगा। लोगों के अकाउंट बना लिए जिसमें कमीशन की राशि भी दर्शाई गई थी। नवंबर 2022 में आरोपितों ने कुछ दिनों के लिए स्कीम निकाली और करोडों रुपये लेकर रातोंरात फरार हो गए। जिन नंबरों से वाट्सएप चल रहे थे वो इंटरनेशनल नंबर पाए गए।