SC ने पूछा- आपदा में शवों को कैसे संभालते हैं !

SC ने पूछा- आपदा में शवों को कैसे संभालते हैं….कोरोना में हुई मौतों पर संज्ञान लिया, केंद्र सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को केंद्र सरकार से पूछा कि आप आपदा की स्थिति में शवों को कैसे संभालते हैं। दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान कई रिपोर्ट्स में अस्पतालों की मॉर्चुरी और श्मशान में शवों को खराब तरीके से रखे जाने की बात सामने आई थी। तब कोर्ट ने मामले पर खुद से संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी।

कोर्ट ने मामले को द प्रॉपर ट्रीटमेंट ऑफ कोविड-19 पेशेंट्स एंड डिग्नीफाइड हैंडलिंग ऑफ डेड बॉडीज इन हॉस्पिटल्स (कोविड मरीजों का उचित इलाज और अस्पतालों में शवों का सही रखरखाव) नाम दिया था।

मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ दिन बाद एक शख्स ने कोर्ट में याचिका दाखिल की। उसने दावा किया- कोरोना के दौरान ना तो मैंने अपनी मां का चेहरा देखा और ना ही उनका अंतिम संस्कार किया। जबकि सच ये है कि उनकी मौत कोविड-19 से नहीं हुई थी।

कोर्ट ने उसकी याचिका को भी इसी मामले में शामिल कर लिया। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।

बेंच ने कहा कि सरकार हमें हलफनामा दायर कर बताए कि आपदा और गैर-आपदा काल में शवों को संभालने की प्रक्रिया क्या है? इस मुद्दे पर अब नवंबर में सुनवाई होगी।

अस्पताल पर महिला का शव बदलने का आरोप
सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि मेरे मुवक्किल की मां बदल दी गईं और अस्पताल ने उन्हें किसी और की बॉडी दे दी। बेंच ने हस्तक्षेपकर्ता के वकील से कहा कि आपने जो मुद्दा उठाया है, उसका दो-तीन पेज में शॉर्ट नोट बनाकर पेश करें, जिससे हम उसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को भेज सकें।

भारत में 27 जनवरी 2020 को मिला था पहला कोरोना के
कोविड से दुनिया में करीब 70 लाख लोग मारे गए। 30 जनवरी 2020 को इसे ग्लोबल इमरजेंसी डिक्लेयर किया गया था। कोविड से सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में मारे गए थे। भारत में इसका पहला केस केरल में 27 जनवरी 2020 को मिला था।

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