सीवर प्रोजेक्ट: दो बार जुर्माना लगाया फिर भी पहले चरण का कार्य अधूरा
भिण्ड. 84 करोड़ रुपए की लागत से पांच साल पहले सीवर निर्माण कार्य शुरू हुआ था तो सडक़ें खोदी गई थीं, इन सडक़ों पूरी तरह से अब तक दुरुस्त नहीं किया गया है। इस बीच काम पूरा होने के बावजूद लोग काम से संतुष्ट नहीं हैं। सडक़ों नहीं बनने से सीवर के चैंबर टूट रहे हैं और हर जगह जाम हो रहे हैं। हालांकि सीसी जारी नहीं होने का कारण निर्माण एजेंसी का सवा करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान बताया जा रहा है, लेकिन सीसी जारी करने में काम अधूरा भी माना जा रहा है। सीवर प्रोजेक्ट के 70 करोड़ रुपए से प्रस्ताव बना था। बाद में 84.16 करोड़ तक पहुंचा और वर्ष 2018 में काम शुरू किया गया। अनुबंध के अनुसार कार्य वर्ष 2019 के अंत तक पूरा होना था, लेकिन चार साल अतिरिक्त मिलने के बावजूद अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है। शहर में करीब 96 किलोमीटर क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के बाद चैंबर आदि भी बना दिए गए, कनेक्शन भी कर दिए, लेकिन अधिकांश कनेक्शन असफल साबित हो रहे हैं। शहर का करीब तीन वर्ग हैक्टेयर क्षेत्र पहले चरण में कवर करने का दावा नगरपालिका कर रही है। नगरपालिका ने मई 2021 में ही दावा किया था कि सीवर प्रोजेक्ट का कार्य 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है। लेकिन बाद के ढाई वर्ष में 15 प्रतिशत काम पूरा नहीं हो पा रहा है।
यह काम पूरा हो तब दूसरे चरण में करीब 176 करोड़ रुपए से काम आगे बढ़ पाएगा।
सीवर प्रोजेक्ट का सीसी (कंपलीटेशन सर्टिफिकेट) जारी करने के लिए भुगतान का पेंच बताया जा रहा है। निर्माण एजेंसी का करीब 1.35 करोड़ रुपए का बकाया है। बजट जारी होने पर एक करोड़ रुपए का भी भुगतान हो जाएगा तो सीसी जारी करने के लिए एनओसी मिल जाएगी। लेकिन यह भुगतान फिलहाल होता नहीं दिख रहा है। नगरपालिका गंभीर वित्ती संकट से जूझ रही है। करोड़ों रुपए के भुगतान अटके हुए हैं।
सीवर परियोजना काम तो पूरा हो गया है। निर्माण एजेंसी का करीब सवा करोड़ भुगतान अटका है, जैसे ही एक करोड़ का भुगतान जो जाएगा, पूर्ण प्रमाण पत्र की प्रक्रिया पूरी करवा दी जाएगी। जहां दिक्कतें आएंगी उनकी मरम्मत कराई जाएगी।
हरीशबाबू शाक्यवार, कार्यपालन यंत्री, नपा, भिण्ड।
पांच साल से चल रहा सीवर प्रोजेक्ट का काम नगरपालिका के रेकॉर्ड में छह माह पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन पूर्णता प्रमाण पत्र अब तक जारी नहीं हो सका है। पहले चरण का पूरा काम होने के बावजूद दूसरे चरण का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। इसकी मूल वजह पहले चरण के लिए सीसी जारी नहीं हो पाना है।
सीवर निर्माण एजेंसी पर कार्य में विलंब के कारण दो बार जुर्माना भी लगाया जा चुका है। एक बार 50 लाख रुपए का जुर्माना लगा और एक बार 10 लाख रुपए का। इसके बावजूद कार्य में अपेक्षित गति नहीं आई। जबकि सात दिसंबर 2019 को कार्यपूर्णता का समय अनुबंध के हिसाब से था। नगरपालिका ने वर्ष 2020 और 2021 में समय सीमा बढ़ाई, फिर 2022 में भी समय सीमा बढ़ाई गई, इसके बावजूद काम अब तक पूरा नहीं है।