MCD-पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार का किंगपिन हैं उप-राज्यपाल

राजेन्द्र नगर की घटना से सदमे में देश, MCD-पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार के किंगपिन हैं उप-राज्यपाल

अगर आपने उप-राज्यपाल साहब का ट्वीट देखा होगा तो उन्होंने खुद ट्वीट कर इस घटना पर सवाल खड़े किए हैं. मुझे ये बताइये कि ड्रेनेज सिस्टम की जिम्मेदारी किसकी है, एमसीडी की है? एमसीडी पर बीजेपी का ही दिसंबर 2022 तक नियंत्रण था. ये आम आदमी पार्टी के पास पिछले करीब डेढ़ साल से है. 

एलजी मान रहे गलतियां

इसलिए दिल्ली के उप-राज्यपाल मान रहे हैं कि बीजेपी ने दिल्ली के ड्रेनेज पर कोई काम नहीं किया है. आज दिल्ली के अंदर लोगों को समझ आ रहा है कि राष्ट्रीय राजधानी के अंदर किस तरह से भ्रष्टाचार व्याप्त हो गया. सर्विसेज डिपार्टमेंट को लेकर 8 साल के संघर्ष के बाद 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के हक में फैसला दिया था, एकदम 8 दिन बाद बीजेपी सरकार ने अध्यादेश पास करके फिर से सर्विसेज डिपार्टमेंट को अपने पास ले लिया.

यानी दिल्ली सरकार के अफसरों पर नियंत्रण केन्द्र को बीजेपी सरकार ने अपने पास ले लिया. आखिर ये हो क्या रहा है? मतलब दिल्ली की चाहे एमसीडी हो या फिर दिल्ली पुलिस… पूरे दिल्ली को पता है कि जहां पर अनधिकृत निर्माण होता है, इन दोनों के कारण ही होता है.

एमसीडी में जो भ्रष्टाचार है, उसे हम कमिश्नर को बता-बता कर थक चुके हैं. आपको अगर याद होगा कि जैसे ही नरेन्द्र मोदी साल 2014 में प्रधानमंत्री बने, सत्ता में आने के साथ ही पहला काम उन्होंने ये किया कि एंटी करप्शन ब्रांच, जिसको इस्तेमाल कर केजरीवाल ने दिल्ली में करप्शन खत्म किया था, उसे छीन लिया. इसके बाद एंटी करप्शन ब्रांच का इस्तेमाल घूसखोर अफसरों को पकड़ने के लिए कभी हुआ ही नहीं. ये सिर्फ राजनीतिक हथकंडा बन गया. इसलिए पुलिस और एमसीडी दोनों में जो व्याप्त भ्रष्टाचार है, इसके किंगपिन खुद एलजी हैं.

भ्रष्टाचार के किंगपिन एलजी

ये बीजेपी के इशारे पर करप्शन को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं. करप्शन को लगातार होने दे रहे हैं, जिसकी वजह से आज ये स्थिति पैदा हो गई कि हमें तीन बच्चों से हाथ गंवाना पड़ा. जहां तक आईएएस कोचिंग सेंटर में मौत को लेकर नई दिल्ली के सांसद बांसुरी स्वराज की तरफ से लगाए गए आरोपों की बात है, तो वे सबसे पहले अपनी गिरेबां में झांके.

जिस तरह बांसुरी स्वराज ने धांधली कर चुनाव जीता है, ऐसे में क्या इनकी नैतिकता बची है किसी भी चीज पर बोलने की? बांसुरी तो अभी-अभी सांसद बनी हैं, उन्हें अभी समझना होगा कि बीजेपी ने क्या-क्या दिल्ली में कांड कर रखा है. 

बीजेपी किस तरह से दिल्ली में दिल्ली सरकार के पीछे पड़ी है. दिल्ली में किस तरह से सर्विसेज पर कंट्रोल छीनकर कैसे अफसरों से बीजेपी सरकार गड़बड़ियां करा रही है. ऐसे में बीजेपी सरकार, माननीय एलजी साहब के माध्यम से पूरे दिल्ली के अंदर हर तरह के भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है.

ओल्ड राजेन्द्र नगर आईएएस कोचिंग सेंटर की घटना कुछ उसी की तरफ इंगित करती है. अगर आज ये एंटी-करप्शन ब्रांच हमें दें तो एक महीने के अंदर पूरी दिल्ली के अंदर करप्शन हटाकर, जितने करप्ट हैं, सबको जेल में डालकर दिखा देंगे. इन सभी बातों से ये साफ है कि दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में हुई घटना को दिल्ली के एलजी की शह मिली हुई है, करप्शन का भी और इस तरह की लापरवाही का भी. जो अधिकारी भ्रष्टाचार में शामिल होंगे, उनको ये प्रमोट करेंगे.

भ्रष्ट अफसरों को मिलता है प्रमोशन

दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को ही देखिए, उनसे इन्होंने ये काम करवाया है कि जितने भी सफाई कर्मचारी थे, जो सीवर के कर्मचारी थे, सभी को हटा दिया और जो जैम सीवर मशीन को खोलता है, उसे भी नहीं ड्यूटी पर लगाया. यानी दिल्ली में सीवेज खराब हो, ड्रैनेज खराब हो, एलजी साहब ओवर टाइम कर रहे हैं, वो काम कर रहे हैं कि ये सब जारी रहे और उन अधिकारियों को ला रहे हैं, जो उनके मंसूबों को शह दें.

जब तक सर्विसेज डिपार्टमेंट का समाधान नहीं होता है, दिल्ली के सरकारी अफसरों का नियंत्रण दिल्ली के मुख्यमंत्री के अधीन नहीं आता, तब तक इस मुसीबत का कोई ठोस समाधान नहीं निकलेगा.

जिसकी दिल्ली में सरकार हो, उसी के पास ये अधिकार होना चाहिए, भ्रष्टाचार को खत्म करने के सारे औजार होने चाहिए और अधिकारियों पर कंट्रोल होना चाहिए. हालांकि, कोचिंग में छात्र ऐसे दम नहीं तोड़ेंगे क्योंकि एमसीडी के मेयर का कहना पहली बार माना गया है. जो नियम-कानून को ताक पर रखा जा रहा है, जिस बेसमेंट की गोदाम के लिए अनुमति मांगी गई थी, उसमें कोचिंग चलाया जा रहा था, मैं ये दावे से कह सकता हूं कि हर अवैध काम से पुलिस अपना कमीशन लेती है और पुलिस का मुखिया खुद एलजी है.

जहां तक समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के तंज की बात है, तो वे ये पूछना चाहते हैं कि बीजेपी ने यूपी में जो नया सीआरपीसी लिखा कि बुलडोजर चलाएंगे हम, क्या उसका पालन दिल्ली में किया जाएगा या नहीं? इन चुनौतियों के बावजूद दिल्ली के मंत्री, पार्षद और विधायक 24 घंटे ग्राउंड पर हैं, अधिकारियों को लेकर जा रहे हैं. बीजेपी इसमें तो मुकाबला हम से नहीं कर सकती है. जनता के प्रति हमारे विधायक, मंत्रियों और पार्षदों का जो समर्थन है, उसका मुकाबला बीजेपी नहीं कर सकती है.

 एलजी जिस तरह से शह दे रहे हैं, उसकी वजह से अधिकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है, इस तरह के गलत काम को लेकर और इसका जवाब खुद जनता देगी, आने वाले चुनावों में.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि …. न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]   

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